नई दिल्ली : केंद्र सरकार अगले साल भारत की मेजबानी में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सुझाव मांगने, रणनीतियों पर चर्चा करने और अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाएगी (all party meet).
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की ओर से करीब 40 दलों के अध्यक्षों को बैठक में आमंत्रित किया गया है. राष्ट्रपति भवन में होने वाली इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे. विदेश मंत्री एस. जयशंकर के भी बैठक में शामिल होने की संभावना है. भारत ने एक दिसंबर को आधिकारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की है. इस साल दिसंबर से हैदराबाद समेत देश के विभिन्न स्थानों पर 200 से अधिक जी20 बैठकों की मेजबानी किए जाने की उम्मीद है.
अगले साल नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन होना है. इससे पहले देश के विभिन्न हिस्सों में जी20 की कई बैठकें आयोजित की जाएंगी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी रविवार को दिल्ली पहुंचेंगी. बाद में वह सर्वदलीय बैठक में शिरकत करेंगी. हालांकि, बनर्जी ने कहा कि वह बैठक में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में भाग लेंगी, न कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में.
उधर, राजस्थान के उदयपुर में G-20 देशों की शेरपा बैठक का (G 20 Sherpa Meeting) रविवार को आगाज हुआ है. कुल 43 शेरपा दो दिवसीय बैठक में शामिल हो रहे हैं. उदयपुर में उनका परंपरागत ढंग से स्वागत हुआ.
इसी महीने मिली है अध्यक्षता : इंडोनेशिया ने इस महीने की शुरुआत में बाली शिखर सम्मेलन में, आने वाले वर्ष के लिए जी20 की अध्यक्षता भारत को सौंपी थी और प्रधानमंत्री मोदी ने इसे प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए गर्व की बात करार दिया था.
जी20 विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का मंच है : जी20 का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 80 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार में 75 प्रतिशत हिस्सा है. दुनिया की दो-तिहाई आबादी इन देशों में रहती है. जी20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर सरकारी मंच है. इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.
'भारत की उपलब्धियों के बारे में बताएगा नीति आयोग' : उधर, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि अभी दुनिया सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने की भारत की क्षमता की बहुत सराहना नहीं करती है, इसलिए जी20 की अध्यक्षता का लाभ उठाकर हम देश की उपलब्धियों के बारे में बताने का काम करेंगे. बेरी ने कहा कि लोग चीन की कहानी जानते हैं, लेकिन वे भारत की कहानी से अनजान हैं.
उन्होंने कहा, 'जी20 की अध्यक्षता के दौरान भारत अगले साल सितंबर में शिखर सम्मेलन तक वैश्विक स्तर पर चर्चा या सुर्खियों में रहेगा. ऐसे में यह नीति आयोग का कर्तव्य है कि हम दुनिया को भारत की कहानी के बारे में बताएं.'
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, 'इसलिए हम लोगों को यूपीआई, कोविड-19 टीकाकरण और राशन कार्यक्रम सहित भारत की कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में बताएंगे.'
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि दुनिया बड़े पैमाने पर सार्वजनिक सेवाएं देने की भारत की क्षमता को मानती है, यहां तक कि वे एलपीजी कनेक्शन देने की भी सराहना नहीं करते हैं. मेरा मानना है कि वैश्विक मानकों के हिसाब से देखा जाए, तो इतनी बड़ी संख्या में एलपीजी कनेक्शन देना लगभग अकल्पनीय है.'
अगले साल यानी 2023 कैलेंडर वर्ष में नीति आयोग की प्राथमिकताओं पर एक सवाल के जवाब में बेरी ने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया की आर्थिक वृद्धि सुस्त पड़ेगी, इसका भारत की वृद्धि और निर्यात पर प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा, 'इसका राज्यों पर भी प्रभाव पड़ेगा. और हम राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे.' बेरी ने कहा कि नीति आयोग सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि और निर्यात के राज्यों पर पड़ने वाले असर पर उनके साथ मिलकर काम करेगा.
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(इनपुट एजेंसियां)