नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Union Law Minister Kiren Rijiju) ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार मणिपुर की स्थिति पर काबू पाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है. नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान रिजिजू ने कहा, 'भारत सरकार हिंसा प्रभावित मणिपुर में व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है.'
यह कहते हुए कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं, रिजिजू ने संकटग्रस्त राज्य में सामान्य स्थिति लाने के लिए सभी हितधारकों के बीच बातचीत की अपील की.
उन्होंने कहा कि दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. रिजिजू ने कहा, 'कई लोगों की जान गई है और संपत्ति का नुकसान हुआ है. चाहे मैतेई हों या कुकी, दोनों एक ही राज्य के हैं और उन्हें साथ रहने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे पूर्वोत्तर में तेजी से विकास हो रहा है. रिजिजू ने कहा कि 'विकास प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए हिंसा की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. यह हिंसा की घटना लोगों के भविष्य को प्रभावित करती है और युवाओं और महिलाओं को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है.'
वह तपेन नपन की फिल्म 'लिव इन नाइनटीज' का ट्रेलर रिलीज करने के मौके पर पत्रकारों से बात कर रहे थे. यह फिल्म अरुणाचल प्रदेश के टैगिन समुदाय पर बनी पहली फिल्म है.
इस बीच, शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि मणिपुर की वर्तमान स्थिति को देखते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने उन अभ्यर्थियों की NEET (UG) 2023 परीक्षा स्थगित कर दी है जिन्हें मणिपुर में परीक्षा केंद्रों आवंटित किए गए थे.
सिंह ने कहा कि 'मणिपुर की वर्तमान स्थिति के कारण, मैंने NTA से NEET (UG) 2023 परीक्षा को पुनर्निर्धारित या स्थगित करने का अनुरोध किया. एनटीए ने मणिपुर में केंद्रों पर परीक्षा स्थगित करने के बारे में एक अधिसूचना जारी की है.'
सिंह केंद्र सरकार में विदेश राज्य मंत्री भी हैं. उन्होंने कहा कि 'मणिपुर में स्थिति में सुधार हो रहा है, क्योंकि अर्धसैनिक बल और हिंसा को रोकने में मदद करने वाले अन्य लोग मणिपुर पहुंच गए हैं. स्थिति अब नियंत्रण में है.'
इस बीच, मणिपुर के मैतेई समुदाय के प्रतिनिधियों ने राज्य में जारी हिंसा के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर एकजुटता मार्च निकाला. हाथों में तख्तियां लिए सदस्य केंद्र सरकार से हिंसा खत्म करने के लिए हस्तक्षेप की मांग कर रहे थे.
दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले लोकेन मेइती ने कहा, 'हम मणिपुर के मूलनिवासी हैं और हम मणिपुर की पूरी आबादी का 53 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं. हमें एसटी का दर्जा जरूर मिलना चाहिए.'
गौरतलब है कि मणिपुर में दो समुदायों (कुकी और मैतेई) के बीच संघर्ष एक के बाद बढ़ गया. अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदायों की मांग के विरोध में मणिपुर के 10 पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च' का आयोजन किया गया.
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