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जम्मू कश्मीर में पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को भूमि स्वामित्व अधिकार देने की तैयार - शरणार्थियों को भूमि स्वामित्व अधिकार

केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में (West Pakistan refugees in JK) पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों (WPR) को 46,666 कनाल की भूमि पर स्वामित्व अधिकार प्रदान करने की तैयारी में है, जो उन्हें अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले आवंटित की गई थी.

पाकिस्तान के शरणार्थियों को भूमि स्वामित्व अधिकार
पाकिस्तान के शरणार्थियों को भूमि स्वामित्व अधिकार
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Published : Sep 16, 2022, 4:12 PM IST

श्रीनगर: केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों (WPR) को भूमि स्वामित्व अधिकार देने की तैयारी में है. अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद केंद्र सरकार का यह बड़ा फैसला होगा, जिसके तहत पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों (West Pakistan refugees in JK) को 46,666 कनाल की भूमि पर स्वामित्व अधिकार प्रदान किया जाएगा, जो उन्हें अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले आवंटित की गई थी.

इन जमीनों को 1954 में शरणार्थियों को आवंटित किया गया था, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास भारतीय क्षेत्र हिस्से में बस गए थे. केंद्र की सत्ता में आने के बाद, भाजपा सरकार ने पश्चिमी पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओजेके) शरणार्थियों को मुआवजे के रूप में प्रति परिवार 5.5 लाख रुपये दिए थे.

अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद, पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थियों, पीओके शरणार्थियों, गोरखाओं और वाल्मीकि को जम्मू-कश्मीर के अधिवास के रूप में घोषित किया गया था. जिन जमीनों पर इन शरणार्थियों को मालिकाना हक दिया जाएगा, वे जम्मू जिले के अखनूर, आरएस पुरा, बिश्नाह, सांबा जिले के कुछ हिस्सों और हीरानगर जिले में मौजूद हैं.

श्रीनगर: केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों (WPR) को भूमि स्वामित्व अधिकार देने की तैयारी में है. अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद केंद्र सरकार का यह बड़ा फैसला होगा, जिसके तहत पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों (West Pakistan refugees in JK) को 46,666 कनाल की भूमि पर स्वामित्व अधिकार प्रदान किया जाएगा, जो उन्हें अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले आवंटित की गई थी.

इन जमीनों को 1954 में शरणार्थियों को आवंटित किया गया था, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास भारतीय क्षेत्र हिस्से में बस गए थे. केंद्र की सत्ता में आने के बाद, भाजपा सरकार ने पश्चिमी पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओजेके) शरणार्थियों को मुआवजे के रूप में प्रति परिवार 5.5 लाख रुपये दिए थे.

अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद, पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थियों, पीओके शरणार्थियों, गोरखाओं और वाल्मीकि को जम्मू-कश्मीर के अधिवास के रूप में घोषित किया गया था. जिन जमीनों पर इन शरणार्थियों को मालिकाना हक दिया जाएगा, वे जम्मू जिले के अखनूर, आरएस पुरा, बिश्नाह, सांबा जिले के कुछ हिस्सों और हीरानगर जिले में मौजूद हैं.

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