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मीडिया वन पर बैन केस: केंद्र ने कारण साझा करने से किया इनकार - malayalam channel media one

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि मलयालम चैनल, मीडिया वन, उन कारणों को साझा नहीं कर सकता, जिसमें इसकी सुरक्षा को लेकर सवाल हो, खासतौर पर इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा भी शामिल है.

मीडिया वन
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Published : Jun 1, 2022, 10:32 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि मलयालम चैनल, मीडिया वन, उन कारणों को साझा नहीं कर सकता, जिसमें इसकी सुरक्षा को लेकर सवाल हो, खासतौर पर इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा भी शामिल है. केंद्र की ओर से एक हलफनामे में कहा गया है कि वर्तमान जैसे हालातों में, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामला शामिल है, याचिकाकर्ता कंपनी प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के सख्त अनुपालन पर जोर नहीं दे सकती है और प्रतिवादी सुरक्षा मंजूरी से इनकार करने के कारणों का खुलासा करने के लिए बाध्य नहीं है.

ये हलफनामा मीडिया वन की उस याचिका के जवाब में आया है जिसमें केरल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में केंद्र द्वारा मलयालम चैनल पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को बरकरार रखा था. शीर्ष अदालत ने सरकार से जवाब मांगा था और चैनल के संचालन की अनुमति दी थी. गृह मंत्रालय ने अदालत से कहा है कि उसका फैसला कुछ खुफिया सूचनाओं पर आधारित था और उसने पहले ही हाईकोर्ट को कारण बताए थे. अगर सुप्रीम कोर्ट दोबारा उन कारणों को मांगता है तो उसे सीलबंद लिफाफे में जमा कराया जाएगा.

पढ़ें : केरल HC ने 'मीडिया वन' पर बैन संबंधी केंद्र के फैसले को बरकरार रखा

हलफनामा में कहा गया है कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 124 के तहत गृह मंत्रालय अपनी गुप्त फाइलों पर विशेषाधिकार चाहता है, जिनका खुलासा याचिकाकर्ता को नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इस तरह के खुलासे के राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में दूरगामी और अकल्पनीय परिणाम हो सकते हैं. बता दें कि इस मामले की पिछली सुनवाई में जब सरकार ने कहा था कि वह सीलबंद लिफाफे में कारणों को पेश करेगी तो शीर्ष अदालत ने सीलबंद लिफाफे की जरूरत पर सवाल उठाया था.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि मलयालम चैनल, मीडिया वन, उन कारणों को साझा नहीं कर सकता, जिसमें इसकी सुरक्षा को लेकर सवाल हो, खासतौर पर इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा भी शामिल है. केंद्र की ओर से एक हलफनामे में कहा गया है कि वर्तमान जैसे हालातों में, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामला शामिल है, याचिकाकर्ता कंपनी प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के सख्त अनुपालन पर जोर नहीं दे सकती है और प्रतिवादी सुरक्षा मंजूरी से इनकार करने के कारणों का खुलासा करने के लिए बाध्य नहीं है.

ये हलफनामा मीडिया वन की उस याचिका के जवाब में आया है जिसमें केरल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में केंद्र द्वारा मलयालम चैनल पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को बरकरार रखा था. शीर्ष अदालत ने सरकार से जवाब मांगा था और चैनल के संचालन की अनुमति दी थी. गृह मंत्रालय ने अदालत से कहा है कि उसका फैसला कुछ खुफिया सूचनाओं पर आधारित था और उसने पहले ही हाईकोर्ट को कारण बताए थे. अगर सुप्रीम कोर्ट दोबारा उन कारणों को मांगता है तो उसे सीलबंद लिफाफे में जमा कराया जाएगा.

पढ़ें : केरल HC ने 'मीडिया वन' पर बैन संबंधी केंद्र के फैसले को बरकरार रखा

हलफनामा में कहा गया है कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 124 के तहत गृह मंत्रालय अपनी गुप्त फाइलों पर विशेषाधिकार चाहता है, जिनका खुलासा याचिकाकर्ता को नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इस तरह के खुलासे के राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में दूरगामी और अकल्पनीय परिणाम हो सकते हैं. बता दें कि इस मामले की पिछली सुनवाई में जब सरकार ने कहा था कि वह सीलबंद लिफाफे में कारणों को पेश करेगी तो शीर्ष अदालत ने सीलबंद लिफाफे की जरूरत पर सवाल उठाया था.

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