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उच्चतम न्यायालय में दो न्यायाधीश नियुक्त, केंद्र ने जारी की अधिसूचना - प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना

गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया (Guwahati High Court Chief Justice Sudhanshu Dhulia) और गुजरात हाई कोर्ट के न्यायाधीश जमशेद बी पारदीवाला (Gujarat High Court Judge Jamshed B Pardiwala) को पदोन्नति देकर सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए जाने की केंद्र ने अधिसूचना जारी कर दी है.

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Published : May 7, 2022, 7:23 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय शनिवार को दो नये न्यायाधीशों की नियुक्ति के साथ ही एक बार फिर कुल 34 न्यायाधीशों की पूरी क्षमता हासिल कर ली है. गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया (Guwahati High Court Chief Justice Sudhanshu Dhulia) और गुजरात हाई कोर्ट के न्यायाधीश जमशेद बी पारदीवाला (Gujarat High Court Judge Jamshed B Pardiwala) को पदोन्नति देकर शीर्ष अदालत भेजने की प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना (CJI N V Ramana) की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम की सिफारिश के दो दिन बाद, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने शनिवार को अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी करके उनकी नियुक्तियों की घोषणा की.

नये न्यायाधीशों के अगले हफ्ते की शुरुआत में शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 34 हो जाएगी. उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 ही है. उच्च न्यायपालिका के सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया से अवगत सूत्रों ने कहा कि न्यायमूर्ति पारदीवाला दो साल से अधिक समय तक सीजेआई के रूप में काम करेंगे. न्यायमूर्ति धूलिया उत्तराखंड से पदोन्नत होने वाले दूसरे न्यायाधीश होंगे. वह राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक और अभिनेता तिग्मांशु धूलिया के भाई हैं. उनका कार्यकाल तीन साल से थोड़ा अधिक का होगा.

न्यायमूर्ति पारदीवाला शीर्ष अदालत की शोभा बढ़ाने वाले पारसी समुदाय के चौथे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के पहले उच्च न्यायालय के न्यायाधीश होंगे, जिन्हें पिछले पांच वर्षों में पदोन्नत किया गया है. न्यायमूर्ति नज़ीर को फरवरी 2017 में सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था. इस साल चार जनवरी को न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी की सेवानिवृत्ति के साथ ही शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों की कुल संख्या 32 रह गई थी.

दस अगस्त 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति धूलिया उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के सुदूरवर्ती गांव मदनपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने 1986 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से वकालत शुरू की थी. सैनिक स्कूल, लखनऊ के पूर्व छात्र रहे न्यायमूर्ति धूलिया ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और विधि स्नातक की पढ़ाई की.

ये भी पढ़ें - कॉलेजियम ने हाई कोर्ट में जस्टिस के रूप में नियुक्ति को 15 नामों की सिफारिश की

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय शनिवार को दो नये न्यायाधीशों की नियुक्ति के साथ ही एक बार फिर कुल 34 न्यायाधीशों की पूरी क्षमता हासिल कर ली है. गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया (Guwahati High Court Chief Justice Sudhanshu Dhulia) और गुजरात हाई कोर्ट के न्यायाधीश जमशेद बी पारदीवाला (Gujarat High Court Judge Jamshed B Pardiwala) को पदोन्नति देकर शीर्ष अदालत भेजने की प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना (CJI N V Ramana) की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम की सिफारिश के दो दिन बाद, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने शनिवार को अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी करके उनकी नियुक्तियों की घोषणा की.

नये न्यायाधीशों के अगले हफ्ते की शुरुआत में शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 34 हो जाएगी. उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 ही है. उच्च न्यायपालिका के सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया से अवगत सूत्रों ने कहा कि न्यायमूर्ति पारदीवाला दो साल से अधिक समय तक सीजेआई के रूप में काम करेंगे. न्यायमूर्ति धूलिया उत्तराखंड से पदोन्नत होने वाले दूसरे न्यायाधीश होंगे. वह राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक और अभिनेता तिग्मांशु धूलिया के भाई हैं. उनका कार्यकाल तीन साल से थोड़ा अधिक का होगा.

न्यायमूर्ति पारदीवाला शीर्ष अदालत की शोभा बढ़ाने वाले पारसी समुदाय के चौथे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के पहले उच्च न्यायालय के न्यायाधीश होंगे, जिन्हें पिछले पांच वर्षों में पदोन्नत किया गया है. न्यायमूर्ति नज़ीर को फरवरी 2017 में सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था. इस साल चार जनवरी को न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी की सेवानिवृत्ति के साथ ही शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों की कुल संख्या 32 रह गई थी.

दस अगस्त 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति धूलिया उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के सुदूरवर्ती गांव मदनपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने 1986 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से वकालत शुरू की थी. सैनिक स्कूल, लखनऊ के पूर्व छात्र रहे न्यायमूर्ति धूलिया ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और विधि स्नातक की पढ़ाई की.

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(पीटीआई-भाषा)

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