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केंद्र पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया में है : न्यायालय को सूचित किया गया - process of banning Popular Front of India

सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया कि केंद्र पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया में है और कई राज्यों ने इस इस्लामिक संगठन को प्रतिबंधित कर दिया है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

केंद्र पीएफआई पर प्रतिबंध
केंद्र पीएफआई पर प्रतिबंध
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Published : Apr 28, 2021, 7:38 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय को बुधवार को सूचित किया गया कि केंद्र पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया में है और कई राज्यों ने इस इस्लामिक संगठन को प्रतिबंधित कर दिया है.

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय से कहा कि केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन पीएफआई से जुड़े हैं और पीएफआई के पदाधिकारियों का प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़े होने का पता लगा है.

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने मेहता से सवाल किया कि क्या पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया गया है.

इसके जवाब में मेहता ने कहा कि कई राज्यों में पीएफआई प्रतिबंधित है. मेरी सूचना के अनुसार केंद्र भी इसे प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया में है.

इस पर पीठ ने कहा कि यह अभी तक प्रतिबंधित नहीं है.

बाद में, उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि पिछले साल गिरफ्तार किए गए कप्पन को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली स्थानांतरित किया जाए.

कप्पन को हाथरस जाते वक्त रास्ते में गिरफ्तार किया गया था जहां पिछले साल 14 सितंबर को एक दलित युवती की कथित सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी.

पीठ ने कहा कि स्वस्थ होने के बाद कप्पन को मथुरा की जेल भेज दिया जाएगा.

न्यायालय ने केरल की पत्रकार यूनियन (केयूडब्ल्यूजे) की ओर से दाखिल याचिका का निस्तारण करते हुए कप्पन को आजादी दी कि वह गिरफ्तारी के खिलाफ या किसी भी अन्य राहत के लिए उचित फोरम का रुख कर सकते हैं.

पीएफआई से कथित तौर पर संबंध रखने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

कप्पन को हाथरस घटना की रिपोर्टिंग पर जाने के दौरान रास्ते में गिरफ्तार किया गया था.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय को बुधवार को सूचित किया गया कि केंद्र पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया में है और कई राज्यों ने इस इस्लामिक संगठन को प्रतिबंधित कर दिया है.

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय से कहा कि केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन पीएफआई से जुड़े हैं और पीएफआई के पदाधिकारियों का प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़े होने का पता लगा है.

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने मेहता से सवाल किया कि क्या पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया गया है.

इसके जवाब में मेहता ने कहा कि कई राज्यों में पीएफआई प्रतिबंधित है. मेरी सूचना के अनुसार केंद्र भी इसे प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया में है.

इस पर पीठ ने कहा कि यह अभी तक प्रतिबंधित नहीं है.

बाद में, उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि पिछले साल गिरफ्तार किए गए कप्पन को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली स्थानांतरित किया जाए.

कप्पन को हाथरस जाते वक्त रास्ते में गिरफ्तार किया गया था जहां पिछले साल 14 सितंबर को एक दलित युवती की कथित सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी.

पीठ ने कहा कि स्वस्थ होने के बाद कप्पन को मथुरा की जेल भेज दिया जाएगा.

न्यायालय ने केरल की पत्रकार यूनियन (केयूडब्ल्यूजे) की ओर से दाखिल याचिका का निस्तारण करते हुए कप्पन को आजादी दी कि वह गिरफ्तारी के खिलाफ या किसी भी अन्य राहत के लिए उचित फोरम का रुख कर सकते हैं.

पीएफआई से कथित तौर पर संबंध रखने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

कप्पन को हाथरस घटना की रिपोर्टिंग पर जाने के दौरान रास्ते में गिरफ्तार किया गया था.

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