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कांग्रेस छोडकर भाजपा में आए विधायक को मिली 'Y' कैटेगरी सुरक्षा

केंद्र सरकार ने हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पंजाब के विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा को वाई प्लस श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा प्रदान की है. हाल ही में, केंद्र सरकार ने पंजाब के राजनेता राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी को उच्च जेड-श्रेणी का वीआईपी सुरक्षा कवर प्रदान किया था. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jan 8, 2022, 1:07 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 2:03 PM IST

हैदराबाद : पीएम सुरक्षा चूक (pm security breach) से घबरायी केंद्र सरकार (central govrnment) ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए पंजाब के विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा को वाई प्लस श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा प्रदान की है. 63 वर्षीय राज्य की कादियां विधानसभा सीट से विधायक हैं और उन्होंने 28 दिसंबर को कांग्रेस छोडकर भाजपा को ज्वाइन किया था.

वह कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा (congress rajya sabha member pratap singh bajwa) के छोटे भाई हैं. गृह मंत्रालय (MHA) के सूत्रों ने बताया कि फतेहजंग सिंह बाजवा को पंजाब में उनकी आवाजाही के लिए वाई प्लस सुरक्षा मुहैया कराई गई है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा भेजी गई सिफारिश के आधार पर तैनाती को मंजूरी दी, जिसमें उन्हें संभावित सुरक्षा खतरों को रेखांकित किया गया था.यह कार्य केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को दिया गया है और इस सुरक्षा वर्गीकरण के हिस्से के रूप में, बाजवा के पास राज्य में हर बार यात्रा करने पर 3-4 सशस्त्र कमांडो की एक टीम होगी.

हाल ही में, केंद्र सरकार ने पंजाब के राजनेता राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी को उच्च जेड-श्रेणी ( top z plus security) का वीआईपी सुरक्षा कवर प्रदान किया था, जो दिसंबर में भाजपा में शामिल हुए थे. शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा की सुरक्षा भी केंद्र ने वाई की निचली श्रेणी से बढ़ाकर जेड कर दी थी. वह भी पिछले महीने दिसंबर में भाजपा में शामिल हुए थे.

यह भी पढ़ें pm modi ferozepur : गृह मंत्रालय की टीम ने घटना स्थल पर पहुंचकर ली जानकारी

बता दें की विधान सभा चुनाव 2017 भाजपा शिरामणि अकाली दल ने संयुक्त रूप लडा था. कृषि कानुनों एक्ट के मुद्दों पर भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के बीच विभाजन हो गया. उसके बाद कांग्रेस में आपसी रार भी देखने को मिला जिसके वजह से तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा. उसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड दिया और अपनी नई पार्टी का गठन किया. इसके बाद उन्होंने यह घोषणा किया कि आगामी विधान सभा चुनाव भाजपा के सहयोगी दल के रूप में लड़ेगी. उसके बाद से कांग्रेस से विधायक का पलायन शुरू हुआ.

फिरोजपुर रैली के दौरान हुई पीएम मोदी की सुरक्षा चुक की वजह से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भाजपा मे शामिल हुए लोगों की सुरक्षा की समीक्षा की. इसमें निर्णय लिया गया कि हाल ही भाजपा ज्वाइन किये गये विधायक को वीआईपी सुरक्षा मुहैया कराया जाए.

पीटीआई (भाषा)

हैदराबाद : पीएम सुरक्षा चूक (pm security breach) से घबरायी केंद्र सरकार (central govrnment) ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए पंजाब के विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा को वाई प्लस श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा प्रदान की है. 63 वर्षीय राज्य की कादियां विधानसभा सीट से विधायक हैं और उन्होंने 28 दिसंबर को कांग्रेस छोडकर भाजपा को ज्वाइन किया था.

वह कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा (congress rajya sabha member pratap singh bajwa) के छोटे भाई हैं. गृह मंत्रालय (MHA) के सूत्रों ने बताया कि फतेहजंग सिंह बाजवा को पंजाब में उनकी आवाजाही के लिए वाई प्लस सुरक्षा मुहैया कराई गई है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा भेजी गई सिफारिश के आधार पर तैनाती को मंजूरी दी, जिसमें उन्हें संभावित सुरक्षा खतरों को रेखांकित किया गया था.यह कार्य केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को दिया गया है और इस सुरक्षा वर्गीकरण के हिस्से के रूप में, बाजवा के पास राज्य में हर बार यात्रा करने पर 3-4 सशस्त्र कमांडो की एक टीम होगी.

हाल ही में, केंद्र सरकार ने पंजाब के राजनेता राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी को उच्च जेड-श्रेणी ( top z plus security) का वीआईपी सुरक्षा कवर प्रदान किया था, जो दिसंबर में भाजपा में शामिल हुए थे. शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा की सुरक्षा भी केंद्र ने वाई की निचली श्रेणी से बढ़ाकर जेड कर दी थी. वह भी पिछले महीने दिसंबर में भाजपा में शामिल हुए थे.

यह भी पढ़ें pm modi ferozepur : गृह मंत्रालय की टीम ने घटना स्थल पर पहुंचकर ली जानकारी

बता दें की विधान सभा चुनाव 2017 भाजपा शिरामणि अकाली दल ने संयुक्त रूप लडा था. कृषि कानुनों एक्ट के मुद्दों पर भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के बीच विभाजन हो गया. उसके बाद कांग्रेस में आपसी रार भी देखने को मिला जिसके वजह से तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा. उसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड दिया और अपनी नई पार्टी का गठन किया. इसके बाद उन्होंने यह घोषणा किया कि आगामी विधान सभा चुनाव भाजपा के सहयोगी दल के रूप में लड़ेगी. उसके बाद से कांग्रेस से विधायक का पलायन शुरू हुआ.

फिरोजपुर रैली के दौरान हुई पीएम मोदी की सुरक्षा चुक की वजह से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भाजपा मे शामिल हुए लोगों की सुरक्षा की समीक्षा की. इसमें निर्णय लिया गया कि हाल ही भाजपा ज्वाइन किये गये विधायक को वीआईपी सुरक्षा मुहैया कराया जाए.

पीटीआई (भाषा)

Last Updated : Jan 8, 2022, 2:03 PM IST
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