नई दिल्ली : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और केंद्रीय स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के वैज्ञानिकों ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि लोग Covid-19 के दाेनाें टीके लेने के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं. इतना ही नहीं वैक्सीन की दोनाें खुराक लेने के बाद डॉक्टर भी संक्रमित हो रहे हैं.
ऐसे मामलाें ने टीकों की क्षमता पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वह टीका लगवाने के बाद भी कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने वालों का डेटा एकत्र करेगा. इस मुद्दे पर भारत के शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, ICMR द्वारा भी कड़ी नजर रखी जा रही है.
सरकार ने हालांकि कहा कि ऐसे संक्रमणों का प्रतिशत बहुत कम (0.1 प्रतिशत) है. कोविड-19 पर भारत के राष्ट्रीय कार्य बल के अध्यक्ष और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि टीकाकरण के बाद संक्रमण का प्रतिशत बहुत कम है. यहां तक कि अगर हमें टीकाकरण के बाद संक्रमण हो जाता है, तो कोई गंभीर खतरे की बात नहीं है.
उन्होंने कहा कि आईसीएमआर इस पर कड़ी नजर रखे हुए है. डॉ. पॉल ने कहा कि हमारे दोनों टीके (कोवैक्सिन और कोविशील्ड) संक्रमण से लड़ने के लिए पर्याप्त हैं.
बता दें कि हाल ही में पद्मश्री कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. केके अग्रवाल की कोविड-19 संक्रमण के कारण मौत हो गई.
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आईसीएमआर में सलाहकार और एक वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. सुनीला गर्ग ने कहा कि डॉ. केके अग्रवाल ने टीके की दोनाें खुराक ली थी. प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार डॉ. अग्रवाल को पल्मोनरी एम्बोलिज्म था. हालांकि, वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि वास्तव में उनकी मृत्यु का कारण क्या था.