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देश में 50 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी, तेलंगाना, आंध्र और राजस्थान में बनेंगे सबसे अधिक कॉलेज

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Published : Jun 9, 2023, 9:05 AM IST

केंद्र ने चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने देश में 50 नए मेडिकल कॉलेजों को खोलने की मंजूरी दी है. इसमें सबसे अधिक मेडिकल कॉलेज तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में खोलने की योजना है.

Etv BharatCentre approves 50 new medical colleges in India, Telangana, Andhra Pradesh and Rajasthan bagged maximum MBBS colleges
केंद्र ने देश में 50 नए मेडिकल कॉलेजों को दी मंजूरी

नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के दौरान पूरे भारत में 50 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी है. तेलंगाना के लिए 13 मेडिकल कॉलेज जबकि आंध्र प्रदेश और राजस्थान के लिए 5-5 एमबीबीएस कॉलेज बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. 50 मेडिकल कॉलेजों में 29 सरकारी, सात निजी और 14 मेडिकल कॉलेज ट्रस्ट और सोसायटी द्वारा चलाए जाएंगे. 50 मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी के बाद 6,300 और स्नातक सीटों की वृद्धि हुई है और देश में ऐसी सीटों की कुल संख्या 1,07,658 हो गई है.

तेलंगाना, राजस्थान, तमिलनाडु, ओडिशा, नागालैंड, महाराष्ट्र, असम, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 50 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है. जहां कई स्वीकृत कॉलेजों में 150, 100 और 50 सीटों की स्वीकृति दी गई है.

इन 50 कॉलेजों को मिलाकर देश में अब मेडिकल कॉलेजों की संख्या 702 हो गई है. इस बीच, 24 मेडिकल कॉलेजों ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से अपील कर राहत देने की बात कही है. ज्ञात हो कि देश के कुल 38 मेडिकल कॉलेजों को एनएमसी के अंडर ग्रेजुएट मेडिकल शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित बुनियादी मानदंडों का उल्लंघन करने के बाद नए छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दिया है. वहीं, छह ने उचित सुधार के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय से संपर्क किया है.

सूत्रों ने कहा, 'ये सभी मेडिकल कॉलेज अपने स्तर पर किए गए सभी सुधारों के बाद संबंधित प्राधिकरण (पहले एनएमसी फिर स्वास्थ्य मंत्रालय) से अपील कर सकते हैं.' इस बीच, एनएमसी ने 102 और मेडिकल कॉलेजों को एनएमसी द्वारा निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करते पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कई कॉलेज सुरक्षा में चूक जैसे सीसीटीवी लगाने, आधार से जुड़ी बायोमेट्रिक उपस्थिति आदि जैसे मानदंडों का अनुपालन करते पाए गए.

वहीं, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने 14 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन ड्रग्स (FDC) पर प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि यह पाया गया है कि इन दवाओं का प्रभाव और सुरक्षा मापने के लिए रोगियों को जोखिम में डाला गया था. सूत्रों ने कहा, 'सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) द्वारा निर्माण कंपनियों से विस्तृत विचार-विमर्श के बाद कमियां पाए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया.' सीडीएससीओ भारत में सर्वोच्च दवा नियामक प्राधिकरण है.

ये भी पढ़ें- 75 नए मेडिकल कॉलेजों को मिली सरकार की मंजूरी

एक एफडीसी दो या दो से अधिक दवाओं का एक निश्चित निश्चित खुराक संयोजन है. यदि यह पहली बार पाया जाता है, तो यह एक नई दवा की परिभाषा के अंतर्गत आएगा. सभी नई दवाओं को राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण से विनिर्माण लाइसेंस जारी करने से पहले केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण से पूर्व मंजूरी और अनुमति की आवश्यकता होती है.

नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के दौरान पूरे भारत में 50 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी है. तेलंगाना के लिए 13 मेडिकल कॉलेज जबकि आंध्र प्रदेश और राजस्थान के लिए 5-5 एमबीबीएस कॉलेज बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. 50 मेडिकल कॉलेजों में 29 सरकारी, सात निजी और 14 मेडिकल कॉलेज ट्रस्ट और सोसायटी द्वारा चलाए जाएंगे. 50 मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी के बाद 6,300 और स्नातक सीटों की वृद्धि हुई है और देश में ऐसी सीटों की कुल संख्या 1,07,658 हो गई है.

तेलंगाना, राजस्थान, तमिलनाडु, ओडिशा, नागालैंड, महाराष्ट्र, असम, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 50 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है. जहां कई स्वीकृत कॉलेजों में 150, 100 और 50 सीटों की स्वीकृति दी गई है.

इन 50 कॉलेजों को मिलाकर देश में अब मेडिकल कॉलेजों की संख्या 702 हो गई है. इस बीच, 24 मेडिकल कॉलेजों ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से अपील कर राहत देने की बात कही है. ज्ञात हो कि देश के कुल 38 मेडिकल कॉलेजों को एनएमसी के अंडर ग्रेजुएट मेडिकल शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित बुनियादी मानदंडों का उल्लंघन करने के बाद नए छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दिया है. वहीं, छह ने उचित सुधार के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय से संपर्क किया है.

सूत्रों ने कहा, 'ये सभी मेडिकल कॉलेज अपने स्तर पर किए गए सभी सुधारों के बाद संबंधित प्राधिकरण (पहले एनएमसी फिर स्वास्थ्य मंत्रालय) से अपील कर सकते हैं.' इस बीच, एनएमसी ने 102 और मेडिकल कॉलेजों को एनएमसी द्वारा निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करते पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कई कॉलेज सुरक्षा में चूक जैसे सीसीटीवी लगाने, आधार से जुड़ी बायोमेट्रिक उपस्थिति आदि जैसे मानदंडों का अनुपालन करते पाए गए.

वहीं, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने 14 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन ड्रग्स (FDC) पर प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि यह पाया गया है कि इन दवाओं का प्रभाव और सुरक्षा मापने के लिए रोगियों को जोखिम में डाला गया था. सूत्रों ने कहा, 'सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) द्वारा निर्माण कंपनियों से विस्तृत विचार-विमर्श के बाद कमियां पाए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया.' सीडीएससीओ भारत में सर्वोच्च दवा नियामक प्राधिकरण है.

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एक एफडीसी दो या दो से अधिक दवाओं का एक निश्चित निश्चित खुराक संयोजन है. यदि यह पहली बार पाया जाता है, तो यह एक नई दवा की परिभाषा के अंतर्गत आएगा. सभी नई दवाओं को राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण से विनिर्माण लाइसेंस जारी करने से पहले केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण से पूर्व मंजूरी और अनुमति की आवश्यकता होती है.

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