नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स (Delhi AIIMS) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleriya) का कार्यकाल अभी समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए डायरेक्टर की खोज शुरू कर दी है. इस संबंध में एम्स ने एक विज्ञापन भी निकाला है, जिसमें अर्जेंटली डायरेक्टर पद के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किया गया है. इस टॉप पोस्ट के लिये मेडिसिन, सर्जरी या पब्लिक हेल्थ में हाई पोस्टग्रेजुएट उम्मीदवारों से आवेदन मंगवाये गये हैं.
एम्स के टॉप पोस्ट के लिये केवल वही उम्मीदवार आवेदन करने की योग्यता रखते हैं जिन्हें शिक्षण एवं शोध का कम से कम 10 साल का अनुभव हो. इसके अलावा मेडिकल रिलीफ, मेडिकल रिसर्च, मेडिकल एजुकेशन या पब्लिक हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन में लंबा प्रैक्टिकल एवं प्रशासनिक अनुभव प्राप्त हो. इतना ही नहीं इन सब योग्यताओं के अलावा किसी भी वैज्ञानिक शैक्षणिक संस्थान के प्रमुख या किसी डिपार्टमेंट के प्रमुख पद पर कार्य करने का भी अनुभव हो.
उम्र की अधिकतम सीमा 62 वर्ष तय की गई है कार्यकाल की अवधि अधिकतम 5 वर्ष की या 65 वर्ष इनमें से कोई भी जो पहले पूरा हो निर्धारित की गई है. एक साल का प्रोबेशन पीरियड होगा. डॉक्टर गुलेरिया (Dr. Randeep Guleriya) मार्च 2022 में रिटायर होने वाले हैं, लेकिन जिस तरीके से स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए डायरेक्टर की तलाश शुरू कर दी है उससे लगता है कि डॉ गुलेरिया को समय से पहले ही सेवानिवृत्ति मिल सकती है.
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleriya) अभी तक सबसे लंबे समय तक डायरेक्टर पद पर रहने वाले बन गये हैं. मार्च 2022 को वह डायरेक्टर पद पर रहते हुए अपनी सेवा के पांच साल पूरे करने जा रहे हैं. डॉक्टर गुलेरिया अपने पूर्वर्ती डॉक्टर एमसी मिश्रा (Dr. MC Mishra) के सेवानिवृत्त होने के लगभग छह महीने बाद डायरेक्टर पद पर चयनित हुए थे.
इसके पहले छह महीने तक एम्स बिना डायरेक्टर के ही चला और काफी खोजबीन के बाद तीन नामों को शॉर्टलिस्ट किया गया जिनमें नीति आयोग के सदस्य डॉ. बीके पाल (Dr. BK Pall) एवं आईसीएमआर के डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव (Dr. Balram Bhargav) शामिल थे. डॉ. रणदीप गुलेरिया उस समय एम्स में पलमोनरी डिपार्टमेंट के हेड थे.
डॉ. रणदीप गुलेरिया देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Former Prime minister Atal Bihari Vajpayee) के व्यक्तिगत फिजिशियन रह चुके हैं. भाजपा के नेताओं में शामिल अरुण जेटली (Arun Jaitley) और सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) उनके मरीज रह चुके हैं. उनकी एक बड़ी उपलब्धि यह थी कि पलमोनरी साइंस एवं क्रिटिकल केयर से पोस्ट ग्रेजुएट होने वाले वह देश का पहला डॉक्टर थे.
दिलचस्प यह है कि डॉक्टर रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleriya) के पिताजी डॉक्टर जेसी गुलेरिया (Dr. JC Guleriya) भी एम्स में ऊंचे प्रशासनिक पद डीन के रूप में काम कर चुके हैं.
डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleriya) ने एम्स में 1992 में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में ज्वाइन किया था. उनके नेतृत्व में ही एम्स में 2011 में पलमोनरी एंड स्लीप डिसऑर्डर्स डिपार्टमेंट का सृजन किया गया था.
चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2014 में उन्हें प्रतिष्ठित डॉक्टर बी सी रॉय अवॉर्ड और 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया. अभी हाल फिलहाल में भी उन्हें चिकित्सा क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ सिविलियन अवार्ड से सम्मानित किया गया है. यह अवार्ड उन्हें कोरोना महामारी से निपटने में अहम भूमिका निभाने के लिए दी गई है.