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केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर पर से कस्टम ड्यूटी हटाई

दिल्ली हाईकोर्ट में कोरोना संक्रमितों के लिए बेड की उपलब्धता को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि कोरोना से संबंधित उपकरण और ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर पर कस्टम ड्यूटी हटा लिया गया है.

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Published : Apr 29, 2021, 11:27 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कहा है कि उसने कोरोना से संबंधित उपकरण और ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर पर कस्टम ड्यूटी हटा लिया है. इस बात की जानकारी केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट को दी है. दरअसल हाईकोर्ट में सुनवाई अस्पतालों में बेड की उपलब्धता पर हो रही थी.

वकील सचिन पुरी ने कहा कि एम्स में तीन बेड दिख रहे हैं. कोरोना वेबसाईट दिखा रहा है कि कई बेड हैं. जब लोग जाते हैं तो कि कोई बेड उपलब्ध नहीं होता है. वकील आदित्य प्रसाद ने कहा कि अभी भी एम्स में तीन बेड दिखाई दे रहे हैं. नोडल अफसर डाटा दे रहे हैं, लेकिन वे अपडेट नहीं कर रहे हैं.

जयपुर गोल्डन में तीन बेड दिखाई दे रहा है, लेकिन वे इसलिए भर्ती नहीं करना चाहते हैं कि वे जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं. प्रसाद ने सुझाव दिया कि विदेश से ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर लाने के लिए लोगों को पता देने की जरूरत है. दिल्ली सरकार की ओर से मेहरा ने कहा कि कई एनजीओ और एजेंसियां चाहती हैं कि वे ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर ले आएं.

मेहरा ने कहा कि इन सामानों को आयात से छूट मिलनी चाहिए. इस पर एमिकस क्यूरी राव ने कहा कि केंद्र इन उपकरणों की पहचान कर, उनके आयात को कस्टम के जरिये जल्द लाने का काम कर सकती है. कोर्ट ने एएसजी शर्मा से पूछा कि कस्टम के मामले पर आपका रुख क्या है. तब शर्मा ने कहा कि हमने सेस, कस्टम ड्यूटी हटा दिया है.

यह भी पढ़ें-कोरोना के खिलाफ भारत में मुफ्त टीकाकरण क्यों नहीं ?

कोर्ट ने मेहरा से पूछा कि क्या आप उन लोगों के लिए पोर्टल स्थापित कर सकते हैं, जिसमें लोग उपकरण दान करें. कोर्ट ने कहा कि आप इसके लिए एक नोडल अफसर की नियुक्ति कर सकते हैं. तब मेहरा ने कहा कि हम एक एड्रेस बताएंगे और उसे प्रचारित करेंगे. शर्मा ने बताया कि फ्लो मीटर, रेगुलेटर, ट्यूब, ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स इत्यादि को कस्टम ड्यूटी से छूट दी गई है.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कहा है कि उसने कोरोना से संबंधित उपकरण और ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर पर कस्टम ड्यूटी हटा लिया है. इस बात की जानकारी केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट को दी है. दरअसल हाईकोर्ट में सुनवाई अस्पतालों में बेड की उपलब्धता पर हो रही थी.

वकील सचिन पुरी ने कहा कि एम्स में तीन बेड दिख रहे हैं. कोरोना वेबसाईट दिखा रहा है कि कई बेड हैं. जब लोग जाते हैं तो कि कोई बेड उपलब्ध नहीं होता है. वकील आदित्य प्रसाद ने कहा कि अभी भी एम्स में तीन बेड दिखाई दे रहे हैं. नोडल अफसर डाटा दे रहे हैं, लेकिन वे अपडेट नहीं कर रहे हैं.

जयपुर गोल्डन में तीन बेड दिखाई दे रहा है, लेकिन वे इसलिए भर्ती नहीं करना चाहते हैं कि वे जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं. प्रसाद ने सुझाव दिया कि विदेश से ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर लाने के लिए लोगों को पता देने की जरूरत है. दिल्ली सरकार की ओर से मेहरा ने कहा कि कई एनजीओ और एजेंसियां चाहती हैं कि वे ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर ले आएं.

मेहरा ने कहा कि इन सामानों को आयात से छूट मिलनी चाहिए. इस पर एमिकस क्यूरी राव ने कहा कि केंद्र इन उपकरणों की पहचान कर, उनके आयात को कस्टम के जरिये जल्द लाने का काम कर सकती है. कोर्ट ने एएसजी शर्मा से पूछा कि कस्टम के मामले पर आपका रुख क्या है. तब शर्मा ने कहा कि हमने सेस, कस्टम ड्यूटी हटा दिया है.

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कोर्ट ने मेहरा से पूछा कि क्या आप उन लोगों के लिए पोर्टल स्थापित कर सकते हैं, जिसमें लोग उपकरण दान करें. कोर्ट ने कहा कि आप इसके लिए एक नोडल अफसर की नियुक्ति कर सकते हैं. तब मेहरा ने कहा कि हम एक एड्रेस बताएंगे और उसे प्रचारित करेंगे. शर्मा ने बताया कि फ्लो मीटर, रेगुलेटर, ट्यूब, ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स इत्यादि को कस्टम ड्यूटी से छूट दी गई है.

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