नई दिल्ली/गाजियाबाद: तीनों कृषि कानूनों की वापसी और सरकार के साथ सहमति बनने के बाद दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन 15 दिसंबर को समाप्त हो गया था. किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) ने केंद्र सरकार पर किसानों के साथ वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया है. टिकैत ने कहा है कि सरकार अपने वादों पर खरी नहीं उतरी है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर लिखा है कि भारत सरकार ने 9 दिसंबर के पत्र में जो वादे किए गए थे वो पूरे नहीं किए. हम अन्नदाता के हितों की रक्षा के लिए देश भर में जाएंगे. किसानों और मजदूरों के अथक प्रयास से ही आर्थिक मंदी-लॉकडाउन के बावजूद देश में कृषि उपज लगातार बढ़ी. सरकार देश के अन्नदाता का विश्वास को न तोड़े.
30 जनवरी को केंद्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर देश भर में किसानों द्वारा वादाखिलाफी दिवस मनाया गया था. किसान यूनियन के नेताओं का कहना था कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है. सरकार द्वारा किए गए समझौते के तहत किसानों ने आंदोलन समाप्त किया था. समझौते में एमएसपी पर कानून बनाने के लिए कमेटी गठित करने की बात कही गई थी. उस पर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है.
साथ ही आंदोलन के दौरान किसानों पर लगे मुकदमे वापस लेने की शर्त भी पूरी नहीं हुई है. हाल ही में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि केंद्र सरकार को किसानों की मांगें पूरी करनी चाहिए, जो कि उसने दिल्ली में किसानों के साथ की थीं. दिल्ली में किसानों के साथ केंद्र सरकार ने एमएसपी पर गारंटी का कानून बनाने का वादा किया था, उसे पूरा करना चाहिए. साथ ही दिल्ली में आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामलों को भी वापस लेना चाहिए.