नई दिल्ली : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया (Center told Supreme Court) है कि राकेश अस्थाना जनहित के लिए दिल्ली प्रमुख नियुक्त हुए हैं. यह देखते हुए कि जीएनसीटी देश की राजधानी है और सार्वजनिक व्यवस्था/कानून की विविध और अत्यंत चुनौतीपूर्ण स्थितियों का गवाह रहा है, जिसके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निहितार्थ हैं.
सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (Center for Public Interest Litigation) द्वारा दायर एक याचिका पर केंद्र की प्रतिक्रिया आई है, जिसने राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस प्रमुख के रूप में नियुक्ति को चुनौती देते हुए कहा कि यह SC के फैसले के खिलाफ है.
केंद्र ने याचिका का विरोध किया है और कहा कि याचिकाकर्ता इस तरह की याचिकाओं को चुनिंदा तरीके से दायर करता है और इसके कारण समझ से परे हैं. केंद्र ने कहा कि इसी प्रक्रिया का उपयोग करते हुए 8 आईपीएस अधिकारियों को दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है लेकिन याचिकाकर्ता द्वारा केवल अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती दी गई है.
वहीं याचिकाकर्ता का दावा है कि वह एक सार्वजनिक कारण का समर्थन कर रहा है. आठ तत्कालीन पुलिस आयुक्तों की नियुक्ति को कभी भी चुनौतीपूर्ण नहीं माना गया. हालांकि उन्हें उसी तरह से नियुक्त किया गया था जैसा कि प्रतिवादी 2 (राकेश अस्थाना) के मामले में किया गया है.
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शीर्ष अदालत ने मामले को स्थगित कर दिया (The top court adjourned the matter) क्योंकि उसे अन्य याचिकाएं लेनी थी. कोर्ट ने कहा कि वह इसे अंतिम सुनवाई के लिए पोस्ट करेगा और शाम तक नई तारीख देगा.