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कोविड पीड़ित की आत्महत्या को कोरोना से मौत न मानने के फैसले पर फिर विचार करे केंद्र : SC - सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि COVID ​​​​-19 साथ आत्महत्या की स्थिति को भी कोविड से मौत नहीं मानने के फैसले पर फिर से विचार करें. सुप्रीम कोर्ट ने कोविड से हुई मौतों के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के एक मामले की सुनवाई के दौरान यह बातें कहीं. एक रिपोर्ट.

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Published : Sep 13, 2021, 8:29 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कोविड से पीड़ित व्यक्ति द्वारा आत्महत्या करने पर, उसे कोविड से हुई मौत न मानने के केंद्र के फैसले पर विचार करने को कहा है. न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ 30 जून को दिए फैसले के निर्देशों के अनुसार मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों पर विचार कर रही थी.

नए दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड से पीड़ित के जहर खाने, आत्महत्या, हत्या और दुर्घटना के कारण होने वाली मौतों को कोविड से मौत नहीं माना जाएगा, भले ही वह COVID-19 से भी पीड़ित रहा है. इन दिशा-निर्देशों को 11 सितंबर को दायर एक अनुपालन हलफनामे के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रिकॉर्ड में रखा गया है.

यह भी पढ़ें-तेलंगाना हाई कोर्ट ने गणेश विसर्जन पर फैसले में संशोधन से किया इनकार

न्यायमूर्ति शाह ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि हमने आपके जवाब को देखा है और यह ठीक लगता है. हालांकि 2-3 चीजें हैं जिन्हें हम इंगित करना चाहते हैं. न्यायमूर्ति शाह ने पूछा कि उन लोगों का क्या जिन्होंने कोरोना से पीड़ित रहते हुए आत्महत्या कर ली? न्यायाधीश ने कहा कि आत्महत्याओं को अलग रखने, जहां COVID एक साथ की स्थिति थी, प्रथम दृष्टया स्वीकार नहीं किया जा सकता है. आपको इस पर फिर से विचार करना होगा.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कोविड से पीड़ित व्यक्ति द्वारा आत्महत्या करने पर, उसे कोविड से हुई मौत न मानने के केंद्र के फैसले पर विचार करने को कहा है. न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ 30 जून को दिए फैसले के निर्देशों के अनुसार मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों पर विचार कर रही थी.

नए दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड से पीड़ित के जहर खाने, आत्महत्या, हत्या और दुर्घटना के कारण होने वाली मौतों को कोविड से मौत नहीं माना जाएगा, भले ही वह COVID-19 से भी पीड़ित रहा है. इन दिशा-निर्देशों को 11 सितंबर को दायर एक अनुपालन हलफनामे के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रिकॉर्ड में रखा गया है.

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न्यायमूर्ति शाह ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि हमने आपके जवाब को देखा है और यह ठीक लगता है. हालांकि 2-3 चीजें हैं जिन्हें हम इंगित करना चाहते हैं. न्यायमूर्ति शाह ने पूछा कि उन लोगों का क्या जिन्होंने कोरोना से पीड़ित रहते हुए आत्महत्या कर ली? न्यायाधीश ने कहा कि आत्महत्याओं को अलग रखने, जहां COVID एक साथ की स्थिति थी, प्रथम दृष्टया स्वीकार नहीं किया जा सकता है. आपको इस पर फिर से विचार करना होगा.

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