ETV Bharat / bharat

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटा, दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग पर अध्यादेश जारी

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया है. दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए अध्यादेश लाया गया है. अब दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग एक कमेटी करेगी.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : May 19, 2023, 10:51 PM IST

Updated : May 20, 2023, 7:04 AM IST

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया है. अब दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग एक कमिटी करेगी. इसके बाद अब एक तरह से पुरानी व्यवस्था लागू हो गई है. शुक्रवार देर रात केंद्र ने ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार इस अध्यादेश के जरिए उपराज्यपाल को दिए हैं. दिल्ली भारत की राजधानी है, जो सीधे राष्ट्रपति के अधीन है. ऐसे में अधिकारियों के फेरबदल का अधिकार राष्ट्रपति के अधीन रहेगा.

दिल्ली में सर्विसेज के नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला दिया था. यह फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में था. केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई है. अब अधिकारियों का तबादला एक कमेटी करेगी, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान गृह सचिव होंगे और फैसला बहुमत से होगा. अध्यादेश में इस कमेटी को नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस ऑथोरिटी (NCCSA) नाम दिया गया है. यह कमेटी केवल सिफारिश करेगी, फैसला उपराज्यपाल करेंगे. इस अध्यादेश से सुप्रीम कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो गया है.

CM ने जताई थी आशंकाः इसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने LG से मुलाकात के बाद शाम में पत्रकारों से बातचीत कर इसका अंदेशा जताया था. इससे पहले दोपहर में उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि उपराज्यपाल साहब कोर्ट के आदेश क्यों नहीं मान रहे? दो दिन से सेवा सचिव की फाइल पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किए? कहा जा रहा है कि केंद्र अगले हफ्ते अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने वाला है?’

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में सवाल किया, ‘‘क्या केंद्र सरकार कोर्ट के आदेश को पलटने की साजिश कर रही है? क्या उपराज्यपाल साहब अध्यादेश का इंतजार कर रहे हैं, इसलिए इसलिए फाइल साइन नहीं कर रहे?

केंद्र ने जारी किया अध्यादेश.
केंद्र ने जारी किया अध्यादेश.

11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को बनाया था बॉसः बता दें, 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार सौंप दिया था. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि दिल्ली भले ही केंद्रशासित प्रदेश हो, पर सरकार के काम पर पूरा अधिकार केंद्र को नहीं दिया जा सकता. दिल्ली के लिए संविधान में संघीय मॉडल है. चुनी हुई सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही है. दिल्ली के अधिकार दूसरे राज्यों की तुलना में कम हैं. सवाल है कि दिल्ली में सर्विसेज पर किसका अधिकार होगा? केंद्र के दखल से राज्यों का कामकाज प्रभावित नहीं होना चाहिए.

भाजपा ने सराहाः दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है, पूरे भारत का इस पर अधिकार है और गत काफी समय से दिल्ली की प्रशासकीय गरिमा को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार ने ठेस पहुंचाई है. दिल्ली में विश्व के हर देश के राजदूत रहते हैं और यहां जो कुछ प्रशासकीय अनहोनी होती है उससे विश्व भर में भी भारत की गरिमा खराब होती है. इस सरकार के भ्रष्टाचार ने भी दिल्ली को काफी शर्मसार किया है और अब गत एक सप्ताह में जिस तरह अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के प्रशासन को बदनाम कर मनमानी करने का प्रयास किया. उसके चलते केन्द्र सरकार जो अध्यादेश लाई है भारतीय जनता पार्टी उसका स्वागत करती है.

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया है. अब दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग एक कमिटी करेगी. इसके बाद अब एक तरह से पुरानी व्यवस्था लागू हो गई है. शुक्रवार देर रात केंद्र ने ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार इस अध्यादेश के जरिए उपराज्यपाल को दिए हैं. दिल्ली भारत की राजधानी है, जो सीधे राष्ट्रपति के अधीन है. ऐसे में अधिकारियों के फेरबदल का अधिकार राष्ट्रपति के अधीन रहेगा.

दिल्ली में सर्विसेज के नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला दिया था. यह फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में था. केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई है. अब अधिकारियों का तबादला एक कमेटी करेगी, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान गृह सचिव होंगे और फैसला बहुमत से होगा. अध्यादेश में इस कमेटी को नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस ऑथोरिटी (NCCSA) नाम दिया गया है. यह कमेटी केवल सिफारिश करेगी, फैसला उपराज्यपाल करेंगे. इस अध्यादेश से सुप्रीम कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो गया है.

CM ने जताई थी आशंकाः इसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने LG से मुलाकात के बाद शाम में पत्रकारों से बातचीत कर इसका अंदेशा जताया था. इससे पहले दोपहर में उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि उपराज्यपाल साहब कोर्ट के आदेश क्यों नहीं मान रहे? दो दिन से सेवा सचिव की फाइल पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किए? कहा जा रहा है कि केंद्र अगले हफ्ते अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने वाला है?’

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में सवाल किया, ‘‘क्या केंद्र सरकार कोर्ट के आदेश को पलटने की साजिश कर रही है? क्या उपराज्यपाल साहब अध्यादेश का इंतजार कर रहे हैं, इसलिए इसलिए फाइल साइन नहीं कर रहे?

केंद्र ने जारी किया अध्यादेश.
केंद्र ने जारी किया अध्यादेश.

11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को बनाया था बॉसः बता दें, 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार सौंप दिया था. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि दिल्ली भले ही केंद्रशासित प्रदेश हो, पर सरकार के काम पर पूरा अधिकार केंद्र को नहीं दिया जा सकता. दिल्ली के लिए संविधान में संघीय मॉडल है. चुनी हुई सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही है. दिल्ली के अधिकार दूसरे राज्यों की तुलना में कम हैं. सवाल है कि दिल्ली में सर्विसेज पर किसका अधिकार होगा? केंद्र के दखल से राज्यों का कामकाज प्रभावित नहीं होना चाहिए.

भाजपा ने सराहाः दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है, पूरे भारत का इस पर अधिकार है और गत काफी समय से दिल्ली की प्रशासकीय गरिमा को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार ने ठेस पहुंचाई है. दिल्ली में विश्व के हर देश के राजदूत रहते हैं और यहां जो कुछ प्रशासकीय अनहोनी होती है उससे विश्व भर में भी भारत की गरिमा खराब होती है. इस सरकार के भ्रष्टाचार ने भी दिल्ली को काफी शर्मसार किया है और अब गत एक सप्ताह में जिस तरह अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के प्रशासन को बदनाम कर मनमानी करने का प्रयास किया. उसके चलते केन्द्र सरकार जो अध्यादेश लाई है भारतीय जनता पार्टी उसका स्वागत करती है.

Last Updated : May 20, 2023, 7:04 AM IST

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.