नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में केंद्र सरकार ने माना कि NCLAT के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस अशोक इकबाल सिंह चीमा को फैसला सुनाने के लिए 20 सितंबर तक पद पर बने रहने दिया जाएगा, जिसके बाद चीमा की समय से पहले सेवानिवृत्ति से जुड़ा विवाद खत्म हो गया. राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (National Company Law Appellate Tribunal-NCLAT) के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस चीमा को 20 सितंबर को सेवानिवृत्त होना था, लेकिन उनकी जगह 11 सितंबर को ही जस्टिस एम वेणुगोपाल को न्यायाधिकरण का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया. इसके चलते एक अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई और जस्टिस चीमा ने शीर्ष अदालत में अपील की.
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अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल (Attorney General KK Venugopal) ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन वी रमना और जस्टिस सूर्यकांत तथा जस्टिस हेमा कोहली की पीठ को बताया कि मैंने निर्देश ले लिया है. उन्होंने (चीमा) फैसला लिखने के लिए छुट्टी ली थी. इसलिए हमने फैसला किया है कि उन्हें कार्यालय जाने और फैसला सुनाने की अनुमति दी जाएगी. वर्तमान अध्यक्ष जस्टिस वेणुगोपाल को छुट्टी पर भेजा जाएगा.
पीठ ने कहा कि इस दलील को स्वीकार किया जाता है और सरकार द्वारा इसके परिणामी आदेश जारी किए जाएंगे. वर्तमान अध्यक्ष 20 सितंबर तक छुट्टी पर रहेंगे और यह आदेश इस मामले के असाधारण तथ्यों और हालात को ध्यान में रखते हुए पारित किया गया है.
(पीटीआई-भाषा)