कोलकाता : पश्चिम बंगाल में बीरभूम हिंसा (Birbhum Violence in West Bengal) समेत अन्य झड़पों व हमलों पर चिंता जताते हुए मशहूर हस्तियों के एक समूह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर राज्य में लंबे समय से जारी राजनीतिक हिंसा की परंपरा को समाप्त करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग (Demand to intervene to end the tradition of political violence) की है. बंगाली में लिखे गए पत्र में कई फिल्म अभिनेताओं, निर्देशकों और कवियों ने मुख्यमंत्री से कहा, 'जो 2021 के विधानसभा चुनाव में बहुसंख्यक विभाजनकारी राजनीति के खतरे का मुकाबला करने में सक्षम रहे थे. लोगों के बीच उम्मीद जगायी थी, उन्हें ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के समाधान तलाशने में सक्षम होना चाहिए.'
पश्चिम बंगाल में हिंसक अपराधों में वृद्धि (Increase in violent crimes in Bengal) देखी गई है. फरवरी में एक छात्र नेता के मारे जाने के अलावा मार्च की शुरुआत में दो पार्षदों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि करीब दो सप्ताह पहले बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में हुई हिंसा में नौ लोगों की जान चली गई थी. शुक्रवार को बनर्जी को भेजे गए पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में निर्देशक-कार्यकर्ता अपर्णा सेन, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता रिद्धि सेन, निर्देशक सुमन मुखोपाध्याय, अभिनेता-निर्देशक परमब्रत चटर्जी, कवि-गीतकार श्रीजातो बंदोपाध्याय और गायक-संगीतकार अनुपम रॉय शामिल हैं.
पत्र में कहा गया, 'जैसा कि आप जानती हैं कि इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों का कोई राजनीतिक या पक्षपातपूर्ण हित नहीं है. चूंकि, वर्ष 2023 में पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं, ऐसे में सत्तारूढ़ दल और प्रशासन का यह कर्तव्य है कि वे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकें.' इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि वह बंगाल में यह देखकर खुश हैं कि बुद्धिजीवी आखिरकार बंगाल की स्थिति के प्रति जागरूक हुए हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि 'यह हिंसा के तांडव के खिलाफ विरोध-पत्र था या कुछ और, मैं इसे लोगों पर छोड़ रहा हूं.'
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वहीं, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि बुद्धिजीवियों के एक वर्ग द्वारा व्यक्त की गई चिंता स्वाभाविक है. हालांकि, हम उन्हें आश्वस्त करते हैं कि ममता बनर्जी सरकार पीड़ित परिवारों के लिए न्याय सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है.
(पीटीआई-भाषा)