नई दिल्ली : भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है.
इससे पहले विषय विशेषज्ञ समिति ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोरोना वायरस वैक्सीन 'कोविशिल्ड' को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी थी. हालांकि अभी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से मंजूरी मिलना बाकी है.
एक सूत्र ने बताया कि सीडीएससीओ की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने अतिरिक्त डाटा, तथ्य और विश्लेषण सौंपे जाने के बाद हैदराबाद स्थित फ़ार्मास्युटिकल फर्म के टीके के आपातकालीन उपयोग संबंधी आवेदन पर शनिवार को फिर से विचार-विमर्श किया.
भारत बायोटेक ने सात दिसंबर को स्वदेश में विकसित कोवैक्सीन टीके की मंजूरी के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के समक्ष अर्जी दाखिल की थी.
केंद्र सरकार ने ड्राइव के पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने की योजना बनाई है. वैक्सीन सबसे पहले एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ ही दो करोड़ फ्रंटलाइन और आवश्यक वर्कर्स और 27 करोड़ बुर्जुगों को दी जीएगी. वैक्सीन के लिए पहले से बीमारियों का सामना कर रहे 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी.
ज्ञात हो कि स्वदेशी टीका कोवैक्सीन भारत बायोटेक और आईसीएमआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी मिलकर ने मिलकर विकसित किया है.
इससे पहले शुक्रवार को सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति ने माना था कि भारत बायोटेक द्वारा अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए प्रदान किया गया डेटा आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए पर्याप्त नहीं है. इसने भारत बायोटेक को और अधिक जानकारी मुहैया कराने के लिए कहा था.
बता दें, जीनोम वैली स्थित भारत बायोटेक कंपनी वैश्विक बायोटेक उद्योग का हब है. साथ ही भारत बायोटेक का वैक्सीन बनाने में पुराना अनुभव है. इससे पहले कंपनी ने पोलियो, रेबीज, रोटावायरस, जापानी इनसेफ्लाइटिस, चिकनगुनिया और जिका वायरस के लिए भी वैक्सीन बनाई है. दुनियाभर में टीकों की चार बिलियन से अधिक खुराक देने के बाद, भारत बायोटेक ने नवाचार का नेतृत्व करना जारी रखा है.
यह भी पढ़ें- कोरोना टीका 'कोविशील्ड' के आपात उपयोग को सशर्त मंजूरी
कंपनी व्यापक बहु-केंद्र नैदानिक परीक्षणों का संचालन करने में कुशल है. इसने वैश्विक स्तर पर तीन लाख से अधिक विषयों में 75 से अधिक परीक्षण पूरे किए हैं.