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CBSE का नया नियम, विदेशी छात्रों को स्कूलों में दाखिले के लिए पूर्वानुमति जरूरी नहीं

विदेशों में पढ़ने वाले कई छात्र सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं. इसको देखते हुए सीबीएसई ने फैसला किया है कि अब सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए विदेशी बोर्ड के छात्रों को किसी पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं है.

CBSE
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Published : Nov 25, 2021, 5:55 PM IST

Updated : Nov 25, 2021, 9:39 PM IST

नई दिल्ली : सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला लेना चाह रहे विदेशी बोर्ड्स के छात्रों को अब पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी. बोर्ड ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की.

CBSE का बयान
CBSE का बयान

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के एक अधिकारी ने बताया कि छात्रों के अनुमति संबंधी आवेदन की संख्या बढ़ने के बाद यह कदम उठाया गया है. कोविड-19 महामारी के बाद कई परिवार विभिन्न कारणों से विदेशों से लौट रहे हैं.

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, कोरोना महामारी के बाद कई परिवार विभिन्न वजहों से भारत आ रहे हैं. इसलिए विदेशी बोर्ड्स में पढ़ रहे कई छात्र सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं. चूंकि दो अलग-अलग बोर्ड्स की कक्षाओं की समानता के आधार पर दूसरे बोर्ड्स के छात्रों को दाखिला दिया जाता है तो विदेशी बोर्ड्स से आ रहे छात्र स्कूलों के जरिए सीबीएसई को आवेदन दे रहे हैं कि उन्हें समानता के आधार पर नौवीं और 11वीं कक्षाओं में दाखिला देने की अनुमति दी जाए.

भारद्वाज ने बताया कि इन छात्रों और उनके परिवारों की समस्याओं और मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने फैसला लिया है कि अब से विदेशी बोर्ड्स से आ रहे छात्रों को सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला लेने के लिए ऐसी कोई पूर्व अनुमति नहीं लेनी होगी.

पढ़ें :- सुप्रीम कोर्ट ने हाइब्रिड माध्यम से बोर्ड परीक्षाएं कराने का निर्देश देने से किया इनकार

उन्होंने कहा, विदेशी बोर्ड्स की 10वीं और 12वीं कक्षाओं की सीबीएसई की कक्षाओं से समानता की सूची हमारी वेबसाइट पर दी गयी है. अब स्कूल सीबीएसई से कोई अनुमति लिए बिना छात्रों को दाखिला दे सकते हैं.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला लेना चाह रहे विदेशी बोर्ड्स के छात्रों को अब पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी. बोर्ड ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की.

CBSE का बयान
CBSE का बयान

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के एक अधिकारी ने बताया कि छात्रों के अनुमति संबंधी आवेदन की संख्या बढ़ने के बाद यह कदम उठाया गया है. कोविड-19 महामारी के बाद कई परिवार विभिन्न कारणों से विदेशों से लौट रहे हैं.

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, कोरोना महामारी के बाद कई परिवार विभिन्न वजहों से भारत आ रहे हैं. इसलिए विदेशी बोर्ड्स में पढ़ रहे कई छात्र सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं. चूंकि दो अलग-अलग बोर्ड्स की कक्षाओं की समानता के आधार पर दूसरे बोर्ड्स के छात्रों को दाखिला दिया जाता है तो विदेशी बोर्ड्स से आ रहे छात्र स्कूलों के जरिए सीबीएसई को आवेदन दे रहे हैं कि उन्हें समानता के आधार पर नौवीं और 11वीं कक्षाओं में दाखिला देने की अनुमति दी जाए.

भारद्वाज ने बताया कि इन छात्रों और उनके परिवारों की समस्याओं और मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने फैसला लिया है कि अब से विदेशी बोर्ड्स से आ रहे छात्रों को सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला लेने के लिए ऐसी कोई पूर्व अनुमति नहीं लेनी होगी.

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उन्होंने कहा, विदेशी बोर्ड्स की 10वीं और 12वीं कक्षाओं की सीबीएसई की कक्षाओं से समानता की सूची हमारी वेबसाइट पर दी गयी है. अब स्कूल सीबीएसई से कोई अनुमति लिए बिना छात्रों को दाखिला दे सकते हैं.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Nov 25, 2021, 9:39 PM IST
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