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Dr. Sanyam Bhardwaj : CBSE परीक्षा नियंत्रक से जानिए कैसे होगा 12वीं के छात्रों का मूल्यांकन

कोरोना के कहर (Corona Crisis) को देखते हुए सीबीएसई (CBSE) 12वीं की परीक्षा रद्द (12th Exam Cancelled) कर दी गई है. ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि आखिर छात्रों के रिजल्ट का क्या होगा. आखिर किस फॉर्मूले के तहत उनका रिजल्ट तैयार किया जाएगा. क्योंकि 12वीं की पढ़ाई के बाद अक्सर छात्र सरकारी नौकरी या फिर विदेशों में पढ़ने की सोचते हैं, जिसके लिए रिजल्ट का एक मानदंड पहले से तय है. ऐसे में बगैर परीक्षा उनका मूल्यांकन (Evaluation) कैसे होगा, इसे लेकर ईटीवी भारत (ETV BHARAT) के संवाददाता गणेश पाठक ने सीबीएसई (CBSE) के परीक्षा नियंत्रक (Controller of Examinations) डॉ. संयम भारद्वाज (Dr. Sanyam Bhardwaj) से बातचीत की. सुनिए उन्होंने क्या जानकारी दी.

CBSE अपनाएगा का कौन-सा फॉर्मूला
CBSE अपनाएगा का कौन-सा फॉर्मूला
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Published : Jun 4, 2021, 7:59 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education-CBSE) 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द होने के बाद से ही मूल्यांकन (Evaluation) प्रक्रिया की अनिश्चितता को लेकर छात्रों की नींद उड़ी हुई है. तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. वहीं, छात्रों की इन तमाम परेशानियों को लेकर ईटीवी भारत ने सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक (Controller of Examinations) डॉ. संयम भारद्वाज (Dr. Sanyam Bhardwaj) से विशेष बातचीत की.

इस दौरान उन्होंने ईटीवी के माध्यम से छात्रों को यह आश्वासन दिया कि जो भी मूल्यांकन नीति (Evaluation Policy) तैयार की जाएगी. वह हर एक छात्र के हित को देखते हुए होगी. साथ ही, उन्होंने छात्रों से कहा कि वह अपने स्कूल और सीबीएसई (CBSE) पर भरोसा रखें और मूल्यांकन की चिंता छोड़कर आगे को तैयारी में जुट जाएं. वहीं, इस दौरान उन्होंने बड़ी बात कही कि इस बार जरूरी नहीं है कि पूरे देशभर में परीक्षा का रिजल्ट एक साथ आए, जरूरत अनुसार रीजन वाइज या स्कूल वाइज भी रिजल्ट निकाला जा सकता है.

कैसी होगी सीबीएसई की मूल्यांकन नीति

12वीं की बोर्ड परीक्षा के बाद छात्रों का मूल्यांकन कैसे किया जाएगा, इसको लेकर सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि मूल्यांकन प्रक्रिया बहुत बड़ी चुनौती है. ऐसे में उन्होंने कहा कि सीबीएसई प्रयास कर रही है कि एक ऐसी नीति बनाई जा सके, जिसके तहत छात्रों का इस तरीके से मूल्यांकन हो, जो बोर्ड परीक्षा आयोजित होने पर होता. वहींं, उन्होंने कहा कि अभी इसमें 10-12 दिन का समय लग सकता है. हर पहलू की जांच के बाद ही एक संपूर्ण मूल्यांकन नीति तैयार की जाएगी, जिससे किसी छात्र को परेशानी न हो और जो सही मायनों में छात्रों का मूल्यांकन कर सके. वहीं, उन्होंने कहा कि अभी यह कह पाना बहुत जल्दबाजी होगी कि किन मुद्दों पर यह मूल्यांकन प्रक्रिया आधारित होगी और कब लागू होगी.

CBSE अपनाएगा का कौन-सा फॉर्मूला

पढ़ेंः तमिलनाडु : अन्ना जूलॉजिकल पार्क में कोरोना संक्रमण से शेरनी की मौत

पिछले साल की मूल्यांकन नीति नहीं हो सकती लागू

डॉ. भारद्वाज ने यह भी कहा कि पिछले वर्ष की मूल्यांकन नीति इस बार लागू नहीं कि जा सकती, क्योंकि पिछले साल छात्रों ने कम से कम कुछ विषयों की परीक्षा दी थी, लेकिन इन बार स्थिति बिल्कुल अलग है. इस बार छात्रों को बिना परीक्षा के ही पास करना है. ऐसे में उन्होंने कहा कि पहली चुनौती यह है कि बच्चे के किन-किन पहलुओं को देखकर मूल्यांकन किया जाए. ऐसे में सीबीएसई की कोशिश रहेगी कि बच्चे की लर्निंग के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाई जा सके. उन्होंने कहा कि बच्चे की लर्निंग कितनी ज्यादा है, इसको आधार बनाकर कोई नीति तैयार की जाएगी जो सही मायनों में छात्रों का मूल्यांकन कर सके.

नहीं होगा छात्रों के साथ पक्षपात

स्कूलों द्वारा परीक्षा परिणाम तैयार करने को लेकर छात्रों में पक्षपात का डर सता रहा है. उन्होंने कहा कि जो भी नीति तैयार की जा रही है, उसमें छात्रों के हर पहलू को ध्यान में रखा गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे में किसी स्कूल को इतनी स्वतंत्रता नहीं होगी कि वो अपने हिसाब से कुछ भी रिजल्ट तैयार कर दें.

स्कूल पर रखें भरोसा

डॉ. भारद्वाज ने कहा कि जो स्कूल बच्चों का चरित्र निर्माण करते हैं, उन्हें वैल्यू एजुकेशन देते हैं, वो बिना किसी प्रभाव में आए रिजल्ट तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब स्कूल परीक्षा परिणाम तैयार कर रहे हैं, इसके पहले भी कई बार स्कूलों ने मूल्यांकन किया है और सही मूल्यांकन किया है. ऐसे में उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर सभी छात्रों और उनके अभिभावकों को यह आश्वासन दिलाया है कि मूल्यांकन नीति एक बेहतरीन नीति होगी, जो सबके हित में होगी. ऐसे में जरूरी है कि छात्र और अभिभावक अपने स्कूल पर, अपने शिक्षकों पर और सीबीएसई पर भरोसा बनाकर रखें. साथ ही कहा कि अगर छात्र स्कूल पर भरोसा नहीं करेंगे तो उन्हें परीक्षा परिणाम को लेकर परेशानी होगी. हालांकि, ऐसे में छात्रों के पास स्थिति सामान्य होने पर आयोजित होने वाली परीक्षा में बैठने का विकल्प होगा.

यह भी पढ़ेंः पंजाब कांग्रेस विवाद: केंद्रीय समिति से मिले कैप्टन, 3 घंटे चली बैठक

मूल्यांकन की जिम्मेदारी सीबीएसई पर छोड़ें, आगे की करें तैयारी

डॉ. भारद्वाज ने छात्रों से अपील की है कि वह मूल्यांकन प्रक्रिया की जिम्मेदारी सीबीएसई पर छोड़ दें और खुद आगे की पढ़ाई की तैयारी करें. उन्होंने यह आश्वासन दिलाया है कि सीबीएसई इतने सालों के अपने तजुर्बे से और अलग-अलग स्रोतों से छात्रों के ज्ञान को लेकर इकट्ठा किए गए डेटा के आधार पर मूल्यांकन नीति तैयार करेगा जो हर तरह से छात्र हित में होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि छात्रों का सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाएगा.

सीबीएसई शिक्षा मंत्रालय के साथ कार्य कर रहा यूजीसी

12वीं की परीक्षा परिणाम पर आधारित विश्वविद्यालय में होने वाली दाखिला प्रक्रिया को लेकर भी छात्रों के मन में कई चिंताएं थीं, जिसका जवाब देते हुए डॉ. भारद्वाज ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति से कोई भी संस्थान अनभिज्ञ नहीं है और सीबीएसई शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी के साथ मिलकर कार्य कर रहा है. ऐसे में उन्होंने विश्वास दिलाया कि छात्रों के दाखिले में किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी और आपसी सहयोग से छात्र हित में जो भी संभव होगा, वह किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जेईई और नीट जैसी प्रवेश परीक्षाओं को लेकर भी छात्रों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. जब स्थिति सामान्य होगी तभी ये परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी और इनके आधार पर छात्र को एडमिशन मिल सकेगा.

विदेश में पढ़ने के इच्छुक छात्रों को मिलेगा पूरा सहयोग

12वीं के परीक्षा परिणाम को लेकर सबसे ज्यादा चिंता उन छात्रों को है, जो विदेशों में आगे की पढ़ाई करने का सपना देखते हैं. ऐसे में डॉ. भारद्वाज ने कहा कि सीबीएसई लगातार ऐसे स्कूलों की जानकारी जुटा रहा है, जहां के छात्र विदेशों में पढ़ने के इच्छुक हैं. यह पता किया जा रहा है कि जिस देश में जाकर छात्र पढ़ना चाहते हैं, वहां पर दाखिले की अंतिम तारीख क्या है और वहां जाकर पढ़ने वाले छात्रों की जरूरतें क्या हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि मूल्यांकन नीति में इन सभी बातों को भी ध्यान में रखा जाएगा. अगर किसी छात्र को रिजल्ट जल्दी चाहिए तो वह दिया जाएगा, किसी तरह का लेटर सीबीएसई की ओर से चाहिए उसमें भी सहयोग किया जाएगा या कोई सर्टिफिकेट चाहिए तो वह भी सीबीएसई छात्रों को देगा. उन्होंने कहा कि अब तक करीब 190 विश्वविद्यालयों की सूची सीबीएसई के पास है, जिनमें कब दाखिला शुरू होगा, क्या दस्तावेज लगेंगे, क्लास ऑनलाइन होगी या ऑफलाइन इन तमाम बातों को संज्ञान में रखा गया है और इसी के तहत मूल्यांकन नीति भी तैयार की जाएगी.

यह भी पढ़ेंः '10 महीने तक कोविड से दोबारा संक्रमण का खतरा काफी कम'

रीजन वाइज या स्कूल वाइज जारी हो सकता है रिजल्ट

डॉ. भारद्वाज ने कहा कि इस बार मूल्यांकन नीति तय होने के बाद जरूरी नहीं की देशभर के छात्रों का परीक्षा परिणाम एक साथ जारी किया जाए. उन्होंने कहा कि आवश्यकता अनुसार स्कूल वाइज, जोन वाइज, रीजन वाइज या डिस्ट्रिक्ट वाइज भी रिजल्ट जारी किया जा सकता है. इस बार परिस्थिति को देखते हुए सीबीएसई ने रिजल्ट जारी करने में यह फ्लेक्सिबिलिटी अपनाई है.

'रिकॉर्ड में नहीं, सही रिजल्ट देने में है विश्वास'

डॉ. भारद्वाज से जब यह पूछा गया कि अभी तक सीबीएसई ने रिकॉर्ड समय में रिजल्ट जारी किए हैं, ऐसे में इस महामारी के समय में उनकी क्या रणनीति होगी. इसको लेकर उन्होंने जवाब दिया कि सीबीएसई रिकॉर्ड रिजल्ट देने में नहीं, बल्कि सही रिजल्ट देने में विश्वास रखता है. उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य है कि रिजल्ट तैयार करने में किसी तरह की कोई गलती ना हो. साथ ही मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो जिससे हर एक छात्र अपने अंकों से संतुष्ट हो सके.

किसी भी क्लास का रिजल्ट पहले हो सकता है जारी

वहीं डॉ. संयम भारद्वाज ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि दसवीं का रिजल्ट पहले या 12वीं का रिजल्ट पहले जारी कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिस भी क्लास का रिजल्ट पहले तैयार हो जाएगा, उस क्लास का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा.

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education-CBSE) 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द होने के बाद से ही मूल्यांकन (Evaluation) प्रक्रिया की अनिश्चितता को लेकर छात्रों की नींद उड़ी हुई है. तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. वहीं, छात्रों की इन तमाम परेशानियों को लेकर ईटीवी भारत ने सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक (Controller of Examinations) डॉ. संयम भारद्वाज (Dr. Sanyam Bhardwaj) से विशेष बातचीत की.

इस दौरान उन्होंने ईटीवी के माध्यम से छात्रों को यह आश्वासन दिया कि जो भी मूल्यांकन नीति (Evaluation Policy) तैयार की जाएगी. वह हर एक छात्र के हित को देखते हुए होगी. साथ ही, उन्होंने छात्रों से कहा कि वह अपने स्कूल और सीबीएसई (CBSE) पर भरोसा रखें और मूल्यांकन की चिंता छोड़कर आगे को तैयारी में जुट जाएं. वहीं, इस दौरान उन्होंने बड़ी बात कही कि इस बार जरूरी नहीं है कि पूरे देशभर में परीक्षा का रिजल्ट एक साथ आए, जरूरत अनुसार रीजन वाइज या स्कूल वाइज भी रिजल्ट निकाला जा सकता है.

कैसी होगी सीबीएसई की मूल्यांकन नीति

12वीं की बोर्ड परीक्षा के बाद छात्रों का मूल्यांकन कैसे किया जाएगा, इसको लेकर सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि मूल्यांकन प्रक्रिया बहुत बड़ी चुनौती है. ऐसे में उन्होंने कहा कि सीबीएसई प्रयास कर रही है कि एक ऐसी नीति बनाई जा सके, जिसके तहत छात्रों का इस तरीके से मूल्यांकन हो, जो बोर्ड परीक्षा आयोजित होने पर होता. वहींं, उन्होंने कहा कि अभी इसमें 10-12 दिन का समय लग सकता है. हर पहलू की जांच के बाद ही एक संपूर्ण मूल्यांकन नीति तैयार की जाएगी, जिससे किसी छात्र को परेशानी न हो और जो सही मायनों में छात्रों का मूल्यांकन कर सके. वहीं, उन्होंने कहा कि अभी यह कह पाना बहुत जल्दबाजी होगी कि किन मुद्दों पर यह मूल्यांकन प्रक्रिया आधारित होगी और कब लागू होगी.

CBSE अपनाएगा का कौन-सा फॉर्मूला

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पिछले साल की मूल्यांकन नीति नहीं हो सकती लागू

डॉ. भारद्वाज ने यह भी कहा कि पिछले वर्ष की मूल्यांकन नीति इस बार लागू नहीं कि जा सकती, क्योंकि पिछले साल छात्रों ने कम से कम कुछ विषयों की परीक्षा दी थी, लेकिन इन बार स्थिति बिल्कुल अलग है. इस बार छात्रों को बिना परीक्षा के ही पास करना है. ऐसे में उन्होंने कहा कि पहली चुनौती यह है कि बच्चे के किन-किन पहलुओं को देखकर मूल्यांकन किया जाए. ऐसे में सीबीएसई की कोशिश रहेगी कि बच्चे की लर्निंग के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाई जा सके. उन्होंने कहा कि बच्चे की लर्निंग कितनी ज्यादा है, इसको आधार बनाकर कोई नीति तैयार की जाएगी जो सही मायनों में छात्रों का मूल्यांकन कर सके.

नहीं होगा छात्रों के साथ पक्षपात

स्कूलों द्वारा परीक्षा परिणाम तैयार करने को लेकर छात्रों में पक्षपात का डर सता रहा है. उन्होंने कहा कि जो भी नीति तैयार की जा रही है, उसमें छात्रों के हर पहलू को ध्यान में रखा गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे में किसी स्कूल को इतनी स्वतंत्रता नहीं होगी कि वो अपने हिसाब से कुछ भी रिजल्ट तैयार कर दें.

स्कूल पर रखें भरोसा

डॉ. भारद्वाज ने कहा कि जो स्कूल बच्चों का चरित्र निर्माण करते हैं, उन्हें वैल्यू एजुकेशन देते हैं, वो बिना किसी प्रभाव में आए रिजल्ट तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब स्कूल परीक्षा परिणाम तैयार कर रहे हैं, इसके पहले भी कई बार स्कूलों ने मूल्यांकन किया है और सही मूल्यांकन किया है. ऐसे में उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर सभी छात्रों और उनके अभिभावकों को यह आश्वासन दिलाया है कि मूल्यांकन नीति एक बेहतरीन नीति होगी, जो सबके हित में होगी. ऐसे में जरूरी है कि छात्र और अभिभावक अपने स्कूल पर, अपने शिक्षकों पर और सीबीएसई पर भरोसा बनाकर रखें. साथ ही कहा कि अगर छात्र स्कूल पर भरोसा नहीं करेंगे तो उन्हें परीक्षा परिणाम को लेकर परेशानी होगी. हालांकि, ऐसे में छात्रों के पास स्थिति सामान्य होने पर आयोजित होने वाली परीक्षा में बैठने का विकल्प होगा.

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मूल्यांकन की जिम्मेदारी सीबीएसई पर छोड़ें, आगे की करें तैयारी

डॉ. भारद्वाज ने छात्रों से अपील की है कि वह मूल्यांकन प्रक्रिया की जिम्मेदारी सीबीएसई पर छोड़ दें और खुद आगे की पढ़ाई की तैयारी करें. उन्होंने यह आश्वासन दिलाया है कि सीबीएसई इतने सालों के अपने तजुर्बे से और अलग-अलग स्रोतों से छात्रों के ज्ञान को लेकर इकट्ठा किए गए डेटा के आधार पर मूल्यांकन नीति तैयार करेगा जो हर तरह से छात्र हित में होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि छात्रों का सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाएगा.

सीबीएसई शिक्षा मंत्रालय के साथ कार्य कर रहा यूजीसी

12वीं की परीक्षा परिणाम पर आधारित विश्वविद्यालय में होने वाली दाखिला प्रक्रिया को लेकर भी छात्रों के मन में कई चिंताएं थीं, जिसका जवाब देते हुए डॉ. भारद्वाज ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति से कोई भी संस्थान अनभिज्ञ नहीं है और सीबीएसई शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी के साथ मिलकर कार्य कर रहा है. ऐसे में उन्होंने विश्वास दिलाया कि छात्रों के दाखिले में किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी और आपसी सहयोग से छात्र हित में जो भी संभव होगा, वह किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जेईई और नीट जैसी प्रवेश परीक्षाओं को लेकर भी छात्रों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. जब स्थिति सामान्य होगी तभी ये परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी और इनके आधार पर छात्र को एडमिशन मिल सकेगा.

विदेश में पढ़ने के इच्छुक छात्रों को मिलेगा पूरा सहयोग

12वीं के परीक्षा परिणाम को लेकर सबसे ज्यादा चिंता उन छात्रों को है, जो विदेशों में आगे की पढ़ाई करने का सपना देखते हैं. ऐसे में डॉ. भारद्वाज ने कहा कि सीबीएसई लगातार ऐसे स्कूलों की जानकारी जुटा रहा है, जहां के छात्र विदेशों में पढ़ने के इच्छुक हैं. यह पता किया जा रहा है कि जिस देश में जाकर छात्र पढ़ना चाहते हैं, वहां पर दाखिले की अंतिम तारीख क्या है और वहां जाकर पढ़ने वाले छात्रों की जरूरतें क्या हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि मूल्यांकन नीति में इन सभी बातों को भी ध्यान में रखा जाएगा. अगर किसी छात्र को रिजल्ट जल्दी चाहिए तो वह दिया जाएगा, किसी तरह का लेटर सीबीएसई की ओर से चाहिए उसमें भी सहयोग किया जाएगा या कोई सर्टिफिकेट चाहिए तो वह भी सीबीएसई छात्रों को देगा. उन्होंने कहा कि अब तक करीब 190 विश्वविद्यालयों की सूची सीबीएसई के पास है, जिनमें कब दाखिला शुरू होगा, क्या दस्तावेज लगेंगे, क्लास ऑनलाइन होगी या ऑफलाइन इन तमाम बातों को संज्ञान में रखा गया है और इसी के तहत मूल्यांकन नीति भी तैयार की जाएगी.

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रीजन वाइज या स्कूल वाइज जारी हो सकता है रिजल्ट

डॉ. भारद्वाज ने कहा कि इस बार मूल्यांकन नीति तय होने के बाद जरूरी नहीं की देशभर के छात्रों का परीक्षा परिणाम एक साथ जारी किया जाए. उन्होंने कहा कि आवश्यकता अनुसार स्कूल वाइज, जोन वाइज, रीजन वाइज या डिस्ट्रिक्ट वाइज भी रिजल्ट जारी किया जा सकता है. इस बार परिस्थिति को देखते हुए सीबीएसई ने रिजल्ट जारी करने में यह फ्लेक्सिबिलिटी अपनाई है.

'रिकॉर्ड में नहीं, सही रिजल्ट देने में है विश्वास'

डॉ. भारद्वाज से जब यह पूछा गया कि अभी तक सीबीएसई ने रिकॉर्ड समय में रिजल्ट जारी किए हैं, ऐसे में इस महामारी के समय में उनकी क्या रणनीति होगी. इसको लेकर उन्होंने जवाब दिया कि सीबीएसई रिकॉर्ड रिजल्ट देने में नहीं, बल्कि सही रिजल्ट देने में विश्वास रखता है. उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य है कि रिजल्ट तैयार करने में किसी तरह की कोई गलती ना हो. साथ ही मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो जिससे हर एक छात्र अपने अंकों से संतुष्ट हो सके.

किसी भी क्लास का रिजल्ट पहले हो सकता है जारी

वहीं डॉ. संयम भारद्वाज ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि दसवीं का रिजल्ट पहले या 12वीं का रिजल्ट पहले जारी कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिस भी क्लास का रिजल्ट पहले तैयार हो जाएगा, उस क्लास का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा.

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