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पश्चिम बंगाल: सीबीआई ने भाजपा के दिवंगत कार्यकर्ता के घर का दौरा किया - पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में हिंसा

एजेंसी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की घटनाओं के संबंध में नौ मामले दर्ज किये हैं. एजेंसी ने जांच के लिए बंगाल के बाहर के अधिकारियों को नियुक्त किया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल में जांच के आदेश दिए थे.

सीबीआई ने भाजपा के दिवंगत कार्यकर्ता के घर का दौरा किया
सीबीआई ने भाजपा के दिवंगत कार्यकर्ता के घर का दौरा किया
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Published : Aug 27, 2021, 5:53 AM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के संयुक्त निदेशक अनुराग के नेतृत्व में एजेंसी के अधिकारियों के एक दल ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत कार्यकर्ता अभिजीत सरकार के घर का दौरा किया और उनके परिजनों से बातचीत की. सीबीआई के सूत्रों ने यह जानकारी दी.

विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के कुछ समय बाद ही दो मई को कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सरकार की गला दबाकर हत्या कर दी थी. सूत्रों ने बताया कि सीबीआई का दल यहां कांकुरगाछी इलाके में स्थित सरकार के घर पहुंचा और उनके परिवार के लोगों के साथ बातचीत की.

सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की घटनाओं के संबंध में नौ मामले दर्ज किये हैं. एजेंसी ने जांच के लिए बंगाल के बाहर के अधिकारियों को नियुक्त किया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल में जांच के आदेश दिए थे.

सीबीआई ने नौ मामले किए दर्ज

वहीं, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के संबंध में नौ मामले दर्ज किए हैं. उन्होंने बताया कि हिंसा के मामलों की जांच का जिम्मा संभाल रही जांच एजेंसी की सभी चार विशेष इकाइयों ने अपने दलों को कोलकाता से, राज्य के अपराध स्थलों में भेजा है. सूत्रों ने बताया कि कुछ और मामले दर्ज किए जाने की प्रक्रिया में हैं और उनमें से कुछ मामले राज्य सरकार ने सौंपे हैं.

कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा के दौरान कथित दुष्कर्म और हत्या के मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी है. उच्च न्यायालय ने दो मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य में हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ये निर्देश दिए.

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में आठ चरणों में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ कड़े मुकाबले के बाद शानदार जीत दर्ज की.

स्वतंत्र जांच की मांग कर रही जनहित याचिकाओं पर सर्वसम्मति से फैसला देते हुए उच्च न्यायालय की पीठ ने सभी अन्य मामलों की जांच के लिए राज्य पुलिस अधिकारियों के एक विशेष कार्य बल (एसआईटी) का भी गठन करने का आदेश दिया. एसआईटी में पश्चिम बंगाल कैडर के आईपीएस अधिकारी सुमन बाला साहू, सौमेन मित्रा और रणवीर कुमार शामिल होंगे. पीठ सीबीआई और एसआईटी दोनों की जांच की निगरानी करेगी और उसने दोनों एजेंसियों को छह हफ्तों के भीतर स्थिति रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

पीठ ने कहा कि ऐसे आरोप हैं कि शिकायतकर्ताओं को मामले वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा है और हत्या के कई मामलों को बिना प्राथमिकी दर्ज किए और जांच किए बिना स्वाभाविक मौत के मामले बताया जा रहा है. उच्च न्यायालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने शिकायतों पर कार्रवाई न करने के आरोपों पर उचित जवाब नहीं दिया और उन्हें तवज्जो न देने की कोशिश की. उसने कहा कि इसमें निश्चित तौर पर एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की आवश्यकता है.

पीठ ने कहा कि अदालत द्वारा इस मामले पर सुनवाई शुरू किए हुए तीन महीने बीत गए हैं लेकिन राज्य ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की.

पीटीआई-भाषा

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के संयुक्त निदेशक अनुराग के नेतृत्व में एजेंसी के अधिकारियों के एक दल ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत कार्यकर्ता अभिजीत सरकार के घर का दौरा किया और उनके परिजनों से बातचीत की. सीबीआई के सूत्रों ने यह जानकारी दी.

विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के कुछ समय बाद ही दो मई को कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सरकार की गला दबाकर हत्या कर दी थी. सूत्रों ने बताया कि सीबीआई का दल यहां कांकुरगाछी इलाके में स्थित सरकार के घर पहुंचा और उनके परिवार के लोगों के साथ बातचीत की.

सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की घटनाओं के संबंध में नौ मामले दर्ज किये हैं. एजेंसी ने जांच के लिए बंगाल के बाहर के अधिकारियों को नियुक्त किया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल में जांच के आदेश दिए थे.

सीबीआई ने नौ मामले किए दर्ज

वहीं, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के संबंध में नौ मामले दर्ज किए हैं. उन्होंने बताया कि हिंसा के मामलों की जांच का जिम्मा संभाल रही जांच एजेंसी की सभी चार विशेष इकाइयों ने अपने दलों को कोलकाता से, राज्य के अपराध स्थलों में भेजा है. सूत्रों ने बताया कि कुछ और मामले दर्ज किए जाने की प्रक्रिया में हैं और उनमें से कुछ मामले राज्य सरकार ने सौंपे हैं.

कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा के दौरान कथित दुष्कर्म और हत्या के मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी है. उच्च न्यायालय ने दो मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य में हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ये निर्देश दिए.

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में आठ चरणों में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ कड़े मुकाबले के बाद शानदार जीत दर्ज की.

स्वतंत्र जांच की मांग कर रही जनहित याचिकाओं पर सर्वसम्मति से फैसला देते हुए उच्च न्यायालय की पीठ ने सभी अन्य मामलों की जांच के लिए राज्य पुलिस अधिकारियों के एक विशेष कार्य बल (एसआईटी) का भी गठन करने का आदेश दिया. एसआईटी में पश्चिम बंगाल कैडर के आईपीएस अधिकारी सुमन बाला साहू, सौमेन मित्रा और रणवीर कुमार शामिल होंगे. पीठ सीबीआई और एसआईटी दोनों की जांच की निगरानी करेगी और उसने दोनों एजेंसियों को छह हफ्तों के भीतर स्थिति रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

पीठ ने कहा कि ऐसे आरोप हैं कि शिकायतकर्ताओं को मामले वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा है और हत्या के कई मामलों को बिना प्राथमिकी दर्ज किए और जांच किए बिना स्वाभाविक मौत के मामले बताया जा रहा है. उच्च न्यायालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने शिकायतों पर कार्रवाई न करने के आरोपों पर उचित जवाब नहीं दिया और उन्हें तवज्जो न देने की कोशिश की. उसने कहा कि इसमें निश्चित तौर पर एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की आवश्यकता है.

पीठ ने कहा कि अदालत द्वारा इस मामले पर सुनवाई शुरू किए हुए तीन महीने बीत गए हैं लेकिन राज्य ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की.

पीटीआई-भाषा

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