पुणे : महाराष्ट्र के पुणे स्थित सदगुरु ओशो के आश्रम को नष्ट करने के मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है. यह मांग ओशो फॉरएवर के अध्यक्ष कमलेश पांडेय ने की है. उन्होंने यहां एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि आश्रम को नष्ट करने की साजिश रची जा रही है. इसकी जांच सीबीआई से करवाने की मांग करायी जाए.
उन्होंने कहा कि ओशो की विरासत को बचाने के लिए पूरे भारत में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. उनकी विरासत भारत ही नहीं, पूरे विश्व की है. इसलिए पूरे विश्व के ओशो प्रेमी उनकी आश्रम को बचाने के लिए आगे आएं.
मक्का मदीना और काशी से ओशो समाधि की तूलना
उन्होंने मक्का मदीना और काशी से ओशो समाधि की तूलना करते हुए कहा कि उनके संन्यासियों और प्रेमियों के लिए ओशो समाधि उतनी ही प्रिय है, जिनती काशी और मक्का मदीना. इसके बावजूद उन्हें धार्मिक अधिकारों से वंचित करते हुए समाधि पर जाने से रोका जा रहा है. ओशो के कई बयानों और तस्वीरों को भी जनता के सामने विरूपित कर प्रदर्शित किया जा रहा है.
मामले की तह तक जाकर जांच की मांग
पांडेय ने सवाल उठाया कि ओशो की किताब को 60 से 70 भाषाओं में पूरे विश्व में अनुवादित किया या है. लेकिन इनकी रॉयल्टी कहां जा रही है. इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी मांग केवल ओशो आश्रम को बेचने से बचाना नहीं, बल्कि मामले की सीबीआई और ईडी से तह तक जाकर जांच कराना है.
पांडेय ने कहा कि ओशो फाउंडेशन इंटरनेशनल और नवसंन्यास (रजनीश) फाउंडेशन के ट्रस्टियों और मौजूदा प्रबंधन टीम ने 1800 करोड़ रुपये का घोटाला किया है. उन्होंने कहा कि इसके दस्तावेज वेबसाइट पर भी देखे जा सकते हैं.