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नारदा केस: TMC नेताओं को नजरबंद करने के खिलाफ SC पहुंची CBI, सुनवाई टालने की मांग - house arrest four tmc leaders in narada scam case

कोलकाता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तृणमूल कांग्रेस के चारों नेताओं को हाउस अरेस्ट रहने का आदेश दिया था. यह फैसला कोलकाता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने सुनाया था. वहीं दूसरी तरफ इस मामले की कलकत्ता उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. हालांकि, बाद में सुनवाई दिन के लिए स्थगित कर दी गई.

चार तृणमूल कांग्रेस नेताओं को घर में नजरबंद करने के खिलाफ सीबीआई
चार तृणमूल कांग्रेस नेताओं को घर में नजरबंद करने के खिलाफ सीबीआई
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Published : May 24, 2021, 9:19 AM IST

Updated : May 24, 2021, 2:11 PM IST

नई दिल्ली: नारद घोटाले मामले में चार तृणमूल कांग्रेस नेताओं को घर में नजरबंद करने के खिलाफ सीबीआई ने आज कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. जिसमें हाईकोर्ट ने चारों नेताओं को घर में नजरबंद रहने का आदेश दिया था. सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट में आज की सुनवाई को टालने की मांग की है.

वहीं इस मामले की कलकत्ता उच्च न्यायालय में सुनवाई आज के लिए स्थगित कर दी गई है.

बता दें, कोलकाता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तृणमूल कांग्रेस के चारों नेताओं को हाउस अरेस्ट रहने का आदेश दिया था. यह फैसला कोलकाता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने सुनाया था.

कोलकाता हाईकोर्ट ने टीएमसी के दो मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम और तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा एवं कोलकाता के पूर्व मेयर शोबन चटर्जी को जमानत दे दी थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अंतरिम जमानत दी गई, लेकिन चारों हाउस अरेस्ट रहेंगे.

पढ़ें: कलकत्ता HC ने TMC के 4 नेताओं को दी अंतरिम जमानत, रहेंगे हाउस अरेस्ट

क्या है नारदा घोटाला?

साल 2016 में बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप का खुलासा किया गया था. ऐसा दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे. इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक और कोलकाता के मेयर को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से रकम लेते दिखाया गया था. यह स्टिंग ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने किया था. साल 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन टेप की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था.

नई दिल्ली: नारद घोटाले मामले में चार तृणमूल कांग्रेस नेताओं को घर में नजरबंद करने के खिलाफ सीबीआई ने आज कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. जिसमें हाईकोर्ट ने चारों नेताओं को घर में नजरबंद रहने का आदेश दिया था. सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट में आज की सुनवाई को टालने की मांग की है.

वहीं इस मामले की कलकत्ता उच्च न्यायालय में सुनवाई आज के लिए स्थगित कर दी गई है.

बता दें, कोलकाता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तृणमूल कांग्रेस के चारों नेताओं को हाउस अरेस्ट रहने का आदेश दिया था. यह फैसला कोलकाता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने सुनाया था.

कोलकाता हाईकोर्ट ने टीएमसी के दो मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम और तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा एवं कोलकाता के पूर्व मेयर शोबन चटर्जी को जमानत दे दी थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अंतरिम जमानत दी गई, लेकिन चारों हाउस अरेस्ट रहेंगे.

पढ़ें: कलकत्ता HC ने TMC के 4 नेताओं को दी अंतरिम जमानत, रहेंगे हाउस अरेस्ट

क्या है नारदा घोटाला?

साल 2016 में बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप का खुलासा किया गया था. ऐसा दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे. इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक और कोलकाता के मेयर को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से रकम लेते दिखाया गया था. यह स्टिंग ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने किया था. साल 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन टेप की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था.

Last Updated : May 24, 2021, 2:11 PM IST
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