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CBI ने हैदराबाद की कंपनी पर ₹218 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया

CBI ने हैदराबाद की कंपनी नंदिनी इंडस्ट्रीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एनआईआईपीएल) और उसके प्रबंध निदेशक हरिदास रमेश के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. आरोप है कि एनआईआईपीएल ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ 218.21 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है.

सीबीआई वित्तीय धोखाधड़ी की जांच
सीबीआई वित्तीय धोखाधड़ी की जांच
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Published : Feb 3, 2022, 12:42 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने हैदराबाद की कंपनी नंदिनी इंडस्ट्रीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एनआईआईपीएल) और उसके प्रबंध निदेशक हरिदास रमेश के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ 218.21 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने बुधवार को बताया कि आरोपी ने बैंक से लिए गए कर्ज की रकम को फर्जी बिलों के जरिये अनुषंगी कंपनियों को भेज दिया. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने आरोपी के तीन परिसरों की तलाशी ली जिसमें अपराध का संकेत देने वाले कागजात बरामद किए गए हैं.

आरोप है कि टीएसएस प्रोजेक्ट्स एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पुराने नाम वाली इस कंपनी ने 2007 से एसबीआई की सिकंदराबाद शाखा से ऋण लेना शुरू किया था. साल भर के भीतर उसने कुल 89.50 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. लेकिन कर्ज नहीं चुकाने से मार्च, 2014 में इस कर्ज को गैर-निष्पादित आस्ति (एनपीए) घोषित कर दिया गया. यह राशि ब्याज के साथ बढ़कर 31 मार्च, 2021 तक 218.21 करोड़ रुपये हो गई थी. सीबीआई ने एसबीआई प्रबंधन की तरफ से वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई शुरू की है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने हैदराबाद की कंपनी नंदिनी इंडस्ट्रीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एनआईआईपीएल) और उसके प्रबंध निदेशक हरिदास रमेश के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ 218.21 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने बुधवार को बताया कि आरोपी ने बैंक से लिए गए कर्ज की रकम को फर्जी बिलों के जरिये अनुषंगी कंपनियों को भेज दिया. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने आरोपी के तीन परिसरों की तलाशी ली जिसमें अपराध का संकेत देने वाले कागजात बरामद किए गए हैं.

आरोप है कि टीएसएस प्रोजेक्ट्स एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पुराने नाम वाली इस कंपनी ने 2007 से एसबीआई की सिकंदराबाद शाखा से ऋण लेना शुरू किया था. साल भर के भीतर उसने कुल 89.50 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. लेकिन कर्ज नहीं चुकाने से मार्च, 2014 में इस कर्ज को गैर-निष्पादित आस्ति (एनपीए) घोषित कर दिया गया. यह राशि ब्याज के साथ बढ़कर 31 मार्च, 2021 तक 218.21 करोड़ रुपये हो गई थी. सीबीआई ने एसबीआई प्रबंधन की तरफ से वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई शुरू की है.

(पीटीआई-भाषा)

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