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महंत नरेंद्र गिरी मौत मामला : सीबीआई करवा सकती है आनंद गिरी का नार्को टेस्ट - CBI प्रयागराज से लेकर हरिद्वार तक कर चांच जारी

महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) आरोपी आनंद गिरि का नार्को टेस्ट करवा सकती है. सीबीआई को अभी तक इस मामले में कोई ठोस सुबूत नहीं मिले हैं.

महंत नरेंद्र गिरी मौत मामला
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Published : Oct 2, 2021, 10:30 PM IST

लखनऊ : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के संदिग्ध सुसाइड मामले की जांच में जुटी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अब आनंद गिरि का नार्को टेस्ट करवा सकती है. क्योंकि अभी तक CBI को महंत की मौत से जुड़े साक्ष्य हासिल नहीं हुए हैं. इसके साथ ही जिस वीडियो का जिक्र महंत नरेंद्र गिरि के पास से बरामद सुसाइड नोट में किया गया था, वह भी नहीं मिला है.

आनंद गिरि हो सकता है नार्को टेस्ट

महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड मामले की जांच सीबीआई की टीम प्रयागराज से लेकर हरिद्वार तक कर रही है. CBI को कई दिनों की जांच के बावजूद आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं. जांच शुरू हुए कई दिन बीतने के बाद भी सीबीआई अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. जिस वीडियो के वायरल होने के डर से महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड में जिक्र है. उस वीडियो से जुड़ी कोई खास जानकारी जांच एजेंसी को अभी तक नहीं मिल सकी है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता सैयद कासिफ

उसी वीडियो की तलाश CBI प्रयागराज से लेकर हरिद्वार तक कर चांच रही है, लेकिन सीबीआई के हाथ अभी खाली है. जिस वजह से अब सीबीआई आनंद गिरि का नार्को टेस्ट करवाकर वीडियो के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर सकती है. हालांकि मठ से जुड़े लोगों के साथ ही नरेंद्र गिरि व आनंद गिरि के करीबियों से भी सीबीआई पूछताछ करने में जुटी हुई है.

आनंद गिरि के वकील नार्को टेस्ट करेंगे विरोध

बता दें कि कोर्ट में अर्जी दाखिल करने के बाद ही सीबीआई आनंद गिरि का नार्को टेस्ट करवा सकती है. कोर्ट की अनुमति के बिना नार्को टेस्ट करवाना संभव नहीं है. कोर्ट की अनुमति के बिना नार्को टेस्ट तभी संभव है जब आरोपी खुद इस जांच के लिए अपनी रजामंदी प्रदान करें. लेकिन ज्यादातर मामलों में आरोपी खुद से इजाजत नहीं देते हैं. लिहाजा सीबीआई कोर्ट से नार्को टेस्ट के लिए अनुमति लेनी पड़ेगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता सैयद कासिफ अब्बास रिजवी का कहना है कि जिस तरह से पुलिस के सामने दिए गए बयान को कोर्ट में नहीं माना जाता है. उसी तरह से नार्को टेस्ट में दिए गए बयान को भी कोर्ट में नहीं माना जाता है. लेकिन इस जांच के दौरान मिली जानकारी के आधार पर बरामद किए केस से जुड़े साक्ष्य बरामद होते हैं तो उन साक्ष्यों को कोर्ट में जरूर मान्यता मिलती है. वहीं आनंद गिरि के वकील विजय द्विवेदी का कहना है कि सीबीआई नार्को टेस्ट की अनुमति के लिए अर्जी डालती है तो वो उसका पुरजोर विरोध करेंगे.

इसे भी पढ़ें-महंत नरेंद्र गिरी के करीबी शिष्यों को पुलिस लाइन बुलाकर सीबीआई ने की पूछताछ

लखनऊ : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के संदिग्ध सुसाइड मामले की जांच में जुटी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अब आनंद गिरि का नार्को टेस्ट करवा सकती है. क्योंकि अभी तक CBI को महंत की मौत से जुड़े साक्ष्य हासिल नहीं हुए हैं. इसके साथ ही जिस वीडियो का जिक्र महंत नरेंद्र गिरि के पास से बरामद सुसाइड नोट में किया गया था, वह भी नहीं मिला है.

आनंद गिरि हो सकता है नार्को टेस्ट

महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड मामले की जांच सीबीआई की टीम प्रयागराज से लेकर हरिद्वार तक कर रही है. CBI को कई दिनों की जांच के बावजूद आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं. जांच शुरू हुए कई दिन बीतने के बाद भी सीबीआई अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. जिस वीडियो के वायरल होने के डर से महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड में जिक्र है. उस वीडियो से जुड़ी कोई खास जानकारी जांच एजेंसी को अभी तक नहीं मिल सकी है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता सैयद कासिफ

उसी वीडियो की तलाश CBI प्रयागराज से लेकर हरिद्वार तक कर चांच रही है, लेकिन सीबीआई के हाथ अभी खाली है. जिस वजह से अब सीबीआई आनंद गिरि का नार्को टेस्ट करवाकर वीडियो के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर सकती है. हालांकि मठ से जुड़े लोगों के साथ ही नरेंद्र गिरि व आनंद गिरि के करीबियों से भी सीबीआई पूछताछ करने में जुटी हुई है.

आनंद गिरि के वकील नार्को टेस्ट करेंगे विरोध

बता दें कि कोर्ट में अर्जी दाखिल करने के बाद ही सीबीआई आनंद गिरि का नार्को टेस्ट करवा सकती है. कोर्ट की अनुमति के बिना नार्को टेस्ट करवाना संभव नहीं है. कोर्ट की अनुमति के बिना नार्को टेस्ट तभी संभव है जब आरोपी खुद इस जांच के लिए अपनी रजामंदी प्रदान करें. लेकिन ज्यादातर मामलों में आरोपी खुद से इजाजत नहीं देते हैं. लिहाजा सीबीआई कोर्ट से नार्को टेस्ट के लिए अनुमति लेनी पड़ेगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता सैयद कासिफ अब्बास रिजवी का कहना है कि जिस तरह से पुलिस के सामने दिए गए बयान को कोर्ट में नहीं माना जाता है. उसी तरह से नार्को टेस्ट में दिए गए बयान को भी कोर्ट में नहीं माना जाता है. लेकिन इस जांच के दौरान मिली जानकारी के आधार पर बरामद किए केस से जुड़े साक्ष्य बरामद होते हैं तो उन साक्ष्यों को कोर्ट में जरूर मान्यता मिलती है. वहीं आनंद गिरि के वकील विजय द्विवेदी का कहना है कि सीबीआई नार्को टेस्ट की अनुमति के लिए अर्जी डालती है तो वो उसका पुरजोर विरोध करेंगे.

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