श्रीनगर : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पुलवामा के पूर्व उपायुक्त मेराज ककरू सहित 12 अफसरों के खिलाफ रोशनी जमीन घोटाला में मामला दर्ज किया है. सीबीआई के अनुसार, ककरू और अन्य अफसरों ने कुछ स्थानीय लोगों को सरकारी भूमि का अवैध स्वामित्व दिया था.
सीबीआई ने कहा कि यह जमीन गुलाम अहमद पंडित, गुलाम नबी नायको, मुहम्मद अमीन पंडित और फरहत पंडित, अब्दुल मजीद शेख और गुलाम रसूल वानी की है. सीबीआई के अनुसार, ककरू और अन्य अफसरों ने कथित तौर पर उन्हें अवैध संपत्ति के अधिकार दिए थे. जम्मू और कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार के दौरान 2001 में रोशनी अधिनियम लागू किया गया था.
हालांकि, बीजेपी सरकार के दौरान, जम्मू प्रांत के एक वकील अंकुर शर्मा ने जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर अधिनियम को रद्द करने की मांग की थी. अदालत ने योजना को असंवैधानिक घोषित किया और अधिनियम के तहत हस्तांतरित सरकारी भूमि पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी और सीबीआई को मामले की जांच करने का आदेश दिया.
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वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के कार्यकाल के दौरान रोशनी अधिनियम को निरस्त कर दिया गया था, जिसके बाद प्रशासन ने पिछले साल वित्त विभाग को निर्देश दिया था कि एक महीने के भीतर रोशनी अधिनियम को रद्द किया जाए. डीडीसी चुनाव प्रचार के दौरान, भाजपा ने रोशनी मुद्दे को अपने अभियान का विषय बनाया था और इस मुद्दे को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी पर निशाना साधा था.