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सीबीआई ने त्रिपुरा में रोज वैली कंपनी, गौतम कुंडू के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया

त्रिपुरा में पोंजी घोटाला के मामले में एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है. यह आरोपपत्र रोज वैली रियल एस्टेट एंड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड और इसके अध्यक्ष गौतम कुंडू के खिलाफ दायर किया गया है.

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Published : Jul 2, 2021, 7:53 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रोज वैली रियल एस्टेट एंड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, इसके अध्यक्ष गौतम कुंडू और अन्य के खिलाफ त्रिपुरा में पोंजी घोटाला के मामले में एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

रोज वैली समूह से जुड़ी कंपनी के खिलाफ त्रिपुरा की एक जिला अदालत में दाखिल अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया कि कोलकाता की कंपनी ने भोले-भाले निवेशकों से जमीन की बुकिंग पर आकर्षक लाभ का लालच देकर 31 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एकत्र की. रोज वैली समूह भी 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के पोंजी घोटाले में जांच के घेरे में है.

कंपनी अधिनियम और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों का उल्लंघन कर एकत्र किए गए धन को कथित तौर पर घाटे में चल रही समूह की कंपनियों को स्थानांतरित किया गया. सीबीआई ने पूरक आरोप पत्र में आरोप लगाया कि कुंडू और उनके अधिकारियों ने कंपनी के नाम से कई बैंक खाते खोले, इन बैंक खातों के हस्ताक्षरकर्ता बने और अपने हित के अनुसार धन को दूसरी जगह भेजा.

सीबीआई के प्रवक्ता आर जी जोशी ने कहा कि जांच से यह भी पता चला कि आरोपी कंपनी के व्यवसाय के सही तथ्यों के विपरीत, समूह द्वारा उच्च लाभ अर्जित करने के बारे में झूठा प्रचार करते थे. उन्होंने बड़ी संख्या में एजेंटों को नियुक्त किया और उन्हें कंपनी (जमा की स्वीकृति) नियमों के उल्लंघन करते हुए कमीशन और प्रोत्साहन के साथ जमा राशि लाने के लिए प्रेरित किया. वर्ष 2014 से पोंजी घोटाला मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि आरोपी ने अवैध धन के प्रवाह से जुड़ी एक एक योजना चलाई, जिसे इनामी चिट और धन परिचालन स्कीम (पाबंदी) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था.

पढ़ें :- 'माणिक सरकार पर हमले के लिए रोज वैली घोटाला जिम्मेदार, न कि बीजेपी'

प्रवक्ता ने कहा, उन्होंने (आरोपियों ने) निवेशकों को उक्त निजी कंपनी की विभिन्न योजनाओं में पैसा निवेश करने के लिए भी प्रेरित किया...आरोपी कंपनी की अमरपुर शाखा, त्रिपुरा द्वारा निवेशकों को उनके निवेश की वापसी न करके धोखा दिया गया और आरोपी द्वारा 4.81 करोड़ रुपये का कथित रूप से दुरुपयोग किया गया.

उन्होंने कहा कि सीबीआई ने त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश पर मामला दर्ज किया था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रोज वैली रियल एस्टेट एंड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, इसके अध्यक्ष गौतम कुंडू और अन्य के खिलाफ त्रिपुरा में पोंजी घोटाला के मामले में एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

रोज वैली समूह से जुड़ी कंपनी के खिलाफ त्रिपुरा की एक जिला अदालत में दाखिल अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया कि कोलकाता की कंपनी ने भोले-भाले निवेशकों से जमीन की बुकिंग पर आकर्षक लाभ का लालच देकर 31 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एकत्र की. रोज वैली समूह भी 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के पोंजी घोटाले में जांच के घेरे में है.

कंपनी अधिनियम और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों का उल्लंघन कर एकत्र किए गए धन को कथित तौर पर घाटे में चल रही समूह की कंपनियों को स्थानांतरित किया गया. सीबीआई ने पूरक आरोप पत्र में आरोप लगाया कि कुंडू और उनके अधिकारियों ने कंपनी के नाम से कई बैंक खाते खोले, इन बैंक खातों के हस्ताक्षरकर्ता बने और अपने हित के अनुसार धन को दूसरी जगह भेजा.

सीबीआई के प्रवक्ता आर जी जोशी ने कहा कि जांच से यह भी पता चला कि आरोपी कंपनी के व्यवसाय के सही तथ्यों के विपरीत, समूह द्वारा उच्च लाभ अर्जित करने के बारे में झूठा प्रचार करते थे. उन्होंने बड़ी संख्या में एजेंटों को नियुक्त किया और उन्हें कंपनी (जमा की स्वीकृति) नियमों के उल्लंघन करते हुए कमीशन और प्रोत्साहन के साथ जमा राशि लाने के लिए प्रेरित किया. वर्ष 2014 से पोंजी घोटाला मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि आरोपी ने अवैध धन के प्रवाह से जुड़ी एक एक योजना चलाई, जिसे इनामी चिट और धन परिचालन स्कीम (पाबंदी) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था.

पढ़ें :- 'माणिक सरकार पर हमले के लिए रोज वैली घोटाला जिम्मेदार, न कि बीजेपी'

प्रवक्ता ने कहा, उन्होंने (आरोपियों ने) निवेशकों को उक्त निजी कंपनी की विभिन्न योजनाओं में पैसा निवेश करने के लिए भी प्रेरित किया...आरोपी कंपनी की अमरपुर शाखा, त्रिपुरा द्वारा निवेशकों को उनके निवेश की वापसी न करके धोखा दिया गया और आरोपी द्वारा 4.81 करोड़ रुपये का कथित रूप से दुरुपयोग किया गया.

उन्होंने कहा कि सीबीआई ने त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश पर मामला दर्ज किया था.

(पीटीआई-भाषा)

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