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महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ CBI पहुंची अदालत, जानें क्या है मामला

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को बम्बई उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की. याचिका में महाराष्ट्र सरकार को निर्देश देने की मांग की कि सीबीआई को पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ एजेंसी की जांच के लिए जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं.

CBI, Maharashtra Government
बम्बई उच्च न्यायालय
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Published : Aug 5, 2021, 4:10 AM IST

मुंबई: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को बम्बई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर किया, जिसमें राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ एजेंसी की जांच के लिए जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए महाराष्ट्र सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया गया है.

सीबीआई ने कहा कि उसने राज्य के खुफिया विभाग (SID) को एक पत्र लिखा था जिसमें वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला द्वारा पुलिस तबादलों और पदस्थापन में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भेजे गए एक संचार का विवरण मांगा गया था. लेकिन एसआईडी ने उन्हें ये देने से इंकार करते हुए दावा किया कि यह एक मौजूदा जांच का हिस्सा है. उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने 22 जुलाई को कहा था कि सीबीआई पुलिस कर्मियों के तबादलों और पदस्थापन में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर सकती है.

पढ़ें: HC ने पूछा: क्या कोविड-19 टीके की तीसरी या बूस्टर खुराक की आवश्यकता होगी

महाराष्ट्र सरकार ने दायर एक याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें देशमुख के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी की प्राथमिकी के कुछ हिस्सों को रद्द करने का आग्रह किया गया था. सीबीआई ने अदालत से कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि चूंकि वह उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) का दरवाजा खटखटा रही है. इसलिए वह सीबीआई के साथ दस्तावेजों को साझा नहीं करेगी.

सीबीआई ने कहा कि यह उच्च न्यायालय के उस आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है जिसने स्पष्ट रूप से अपने आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. उच्चतम न्यायालय से अभी तक ऐसा कोई आदेश नहीं लिया गया है. न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ बृहस्पतिवार को अर्जी पर सुनवाई करेगी.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को बम्बई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर किया, जिसमें राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ एजेंसी की जांच के लिए जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए महाराष्ट्र सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया गया है.

सीबीआई ने कहा कि उसने राज्य के खुफिया विभाग (SID) को एक पत्र लिखा था जिसमें वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला द्वारा पुलिस तबादलों और पदस्थापन में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भेजे गए एक संचार का विवरण मांगा गया था. लेकिन एसआईडी ने उन्हें ये देने से इंकार करते हुए दावा किया कि यह एक मौजूदा जांच का हिस्सा है. उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने 22 जुलाई को कहा था कि सीबीआई पुलिस कर्मियों के तबादलों और पदस्थापन में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर सकती है.

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महाराष्ट्र सरकार ने दायर एक याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें देशमुख के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी की प्राथमिकी के कुछ हिस्सों को रद्द करने का आग्रह किया गया था. सीबीआई ने अदालत से कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि चूंकि वह उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) का दरवाजा खटखटा रही है. इसलिए वह सीबीआई के साथ दस्तावेजों को साझा नहीं करेगी.

सीबीआई ने कहा कि यह उच्च न्यायालय के उस आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है जिसने स्पष्ट रूप से अपने आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. उच्चतम न्यायालय से अभी तक ऐसा कोई आदेश नहीं लिया गया है. न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ बृहस्पतिवार को अर्जी पर सुनवाई करेगी.

(पीटीआई-भाषा)

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