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महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के वकील और CBI के SI की हिरासत बढ़ी

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने CBI के दस्तावेज लीक करने के लिए रिश्वत देने के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा और रिश्वत लेने वाले सीबीआई के एसआई अभिषेक तिवारी की हिरासत दो दिन और बढ़ा दी है.

CBI custody
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Published : Sep 4, 2021, 10:39 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने CBI के दस्तावेज लीक करने के लिए रिश्वत देने के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा और सीबीआई के एसआई अभिषेक तिवारी की हिरासत दो दिन और बढ़ा दिया है. CBI ने सात दिनों की हिरासत की मांग की थी.

पिछले 2 सितंबर को कोर्ट ने तिवारी और डागा को चार सितंबर तक CBI हिरासत में भेजा था. CBI ने दोनों को आज कोर्ट में फिर पेश किया. शनिवार को आनंद डागा और अभिषेक तिवारी ने जमानत याचिका दायर किया.

तिवारी डागा से कई बार गिफ्ट ले चुका है

सुनवाई के दौरान CBI ने कहा कि अभिषेक तिवारी ने आनंद डागा से जांच की जानकारी देने के लिए आईफोन 12 प्रो और दूसरे महंगे गिफ्ट लिए. सीबीआई ने कहा कि जांच के सिलसिले में अभिषेक तिवारी पुणे गए थे, जहां उसे रिश्वत के रुप में महंगे गिफ्ट दिए गए. दस्तावेज लीक करने की एवज में तिवारी डागा से कई बार गिफ्ट ले चुका है.

सीबीआई की ओर से दर्ज FIR के मुताबिक देशमुख के खिलाफ जांच के लिए जांच अधिकारी और CBI के DSP आरएस गुंजियाल और तिवारी 6 अप्रैल को मुंबई गए. इस दौरान दोनों ने 14 अप्रैल को देशमुख समेत कई गवाहों के बयान दर्ज दिए. अभिषेक तिवारी के पास संवेदनशील दस्तावेज थे. तिवारी ने डागा से कई संवेदनशील दस्तावेज व्हाट्स ऐप के जरिये साझा किया था. उसके बाद CBI के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर अनिल देशमुख के खिलाफ FIR दर्ज किया गया.

FIR की कॉपी जल्द ही दी जाएगी
2 सितंबर को सुनवाई के दौरान आनंद डागा की ओर से वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा था कि उनके मुवक्किल को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने FIR की कॉपी देने की मांग की. तब CBI ने कहा कि FIR 31 अगस्त को दर्ज की गई है. FIR की कॉपी जल्द ही दी जाएगी. इस पर मीर ने कहा था कि जब तक हमें FIR की कॉपी नहीं तब तक कैसे पता लगेगा कि आरोप क्या हैं. FIR एक सार्वजनिक दस्तावेज है.

इसके बाद CBI ने कहा था कि सर्च वारंट जारी किया गया है, ये गोपनीय दस्तावेज हैं. इस पर मीर ने सुप्रीम कोर्ट के यूथ बार एसोसिएशन के फैसले को उद्धृत करते हुए कहा था कि इसकी कॉपी कोर्ट को मेल कर दी गई है. FIR की कॉपी 24 घंटे के अंदर देने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश है. तब कोर्ट ने CBI से कहा था कि कम से कम FIR की कॉपी आरोपी के वकील को पढ़ने के लिए दें.

मुंबई की कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड पर दिया
CBI ने कहा था कि अभिषेक तिवारी ने साजिश के तहत दस्तावेजों को लीक किया और उसके बदले में रिश्वत ली, ये लगातार होता रहा है. तिवारी और डागा को 1 सितंबर की रात में गिरफ्तार किया गया, तब मीर ने कहा था कि आरेस्ट मेमो की कॉपी दीजिए. इस पर CBI ने कहा कि मुंबई की कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड पर दिया. उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी दस्तावेज कोर्ट को दिए. CBI ने दोनों की सात दिनों की रिमांड की मांग की थी. कोर्ट ने बताया था कि CBI के सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी की ओर से कोई पेश नहीं हुआ है. तब विधिक सहायता केंद्र की ओर से संतोष सिंह बर्थवाल ने कहा कि मैं पेश हुआ हूं,


बता दें कि 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अवैध उगाही समेत दूसरे आरोपों का सामना कर रहे देशमुख के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने से इनकार कर दिया था.

पढ़ेंः महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के वकील और सीबीआई के एसआई की पेशी आज

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने CBI के दस्तावेज लीक करने के लिए रिश्वत देने के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा और सीबीआई के एसआई अभिषेक तिवारी की हिरासत दो दिन और बढ़ा दिया है. CBI ने सात दिनों की हिरासत की मांग की थी.

पिछले 2 सितंबर को कोर्ट ने तिवारी और डागा को चार सितंबर तक CBI हिरासत में भेजा था. CBI ने दोनों को आज कोर्ट में फिर पेश किया. शनिवार को आनंद डागा और अभिषेक तिवारी ने जमानत याचिका दायर किया.

तिवारी डागा से कई बार गिफ्ट ले चुका है

सुनवाई के दौरान CBI ने कहा कि अभिषेक तिवारी ने आनंद डागा से जांच की जानकारी देने के लिए आईफोन 12 प्रो और दूसरे महंगे गिफ्ट लिए. सीबीआई ने कहा कि जांच के सिलसिले में अभिषेक तिवारी पुणे गए थे, जहां उसे रिश्वत के रुप में महंगे गिफ्ट दिए गए. दस्तावेज लीक करने की एवज में तिवारी डागा से कई बार गिफ्ट ले चुका है.

सीबीआई की ओर से दर्ज FIR के मुताबिक देशमुख के खिलाफ जांच के लिए जांच अधिकारी और CBI के DSP आरएस गुंजियाल और तिवारी 6 अप्रैल को मुंबई गए. इस दौरान दोनों ने 14 अप्रैल को देशमुख समेत कई गवाहों के बयान दर्ज दिए. अभिषेक तिवारी के पास संवेदनशील दस्तावेज थे. तिवारी ने डागा से कई संवेदनशील दस्तावेज व्हाट्स ऐप के जरिये साझा किया था. उसके बाद CBI के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर अनिल देशमुख के खिलाफ FIR दर्ज किया गया.

FIR की कॉपी जल्द ही दी जाएगी
2 सितंबर को सुनवाई के दौरान आनंद डागा की ओर से वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा था कि उनके मुवक्किल को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने FIR की कॉपी देने की मांग की. तब CBI ने कहा कि FIR 31 अगस्त को दर्ज की गई है. FIR की कॉपी जल्द ही दी जाएगी. इस पर मीर ने कहा था कि जब तक हमें FIR की कॉपी नहीं तब तक कैसे पता लगेगा कि आरोप क्या हैं. FIR एक सार्वजनिक दस्तावेज है.

इसके बाद CBI ने कहा था कि सर्च वारंट जारी किया गया है, ये गोपनीय दस्तावेज हैं. इस पर मीर ने सुप्रीम कोर्ट के यूथ बार एसोसिएशन के फैसले को उद्धृत करते हुए कहा था कि इसकी कॉपी कोर्ट को मेल कर दी गई है. FIR की कॉपी 24 घंटे के अंदर देने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश है. तब कोर्ट ने CBI से कहा था कि कम से कम FIR की कॉपी आरोपी के वकील को पढ़ने के लिए दें.

मुंबई की कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड पर दिया
CBI ने कहा था कि अभिषेक तिवारी ने साजिश के तहत दस्तावेजों को लीक किया और उसके बदले में रिश्वत ली, ये लगातार होता रहा है. तिवारी और डागा को 1 सितंबर की रात में गिरफ्तार किया गया, तब मीर ने कहा था कि आरेस्ट मेमो की कॉपी दीजिए. इस पर CBI ने कहा कि मुंबई की कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड पर दिया. उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी दस्तावेज कोर्ट को दिए. CBI ने दोनों की सात दिनों की रिमांड की मांग की थी. कोर्ट ने बताया था कि CBI के सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी की ओर से कोई पेश नहीं हुआ है. तब विधिक सहायता केंद्र की ओर से संतोष सिंह बर्थवाल ने कहा कि मैं पेश हुआ हूं,


बता दें कि 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अवैध उगाही समेत दूसरे आरोपों का सामना कर रहे देशमुख के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने से इनकार कर दिया था.

पढ़ेंः महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के वकील और सीबीआई के एसआई की पेशी आज

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