चेन्नई : केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने तमिलनाडु के तंजावुर जिले में रहने वाले एक 35 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने ये गिरफ्तारी बाल यौन शोषण सामग्री (CSAM) बनाने, एकत्र करने, मांगने, ब्राउज़ करने, डाउनलोड करने, आदान-प्रदान करने और वितरित करने में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में की है.
आरोप पीएडडी स्कॉलर है जो पिछले चार साल से एक बच्ची का यौन शोषण कर रहा था, जिसके न्यूड वीडियो और फोटो उसके गूगल अकाउंट पर अपलोड कर दिए थे. उस पर चार साल तक एक बच्चे का यौन शोषण करने और दो नाबालिग पीड़ितों को उनके और अन्य नाबालिगों के साथ यौन क्रिया करने के लिए मजबूर करने का भी आरोप लगाया गया था.
अधिकारियों ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उनकी तस्वीरें खींचने के साथ वीडियो बना लिया जिन्हें इंटरनेट पर अपलोड करने की धमकी देकर और लड़कियों को लाने के लिए मजबूर किया.
इंटरपोल के अंतरराष्ट्रीय बाल यौन शोषण (आईसीएसई) डेटाबेस से सीएसएएम छवियों और वीडियो को खोजने के बाद सीबीआई को तंजावुर जिले में घटनास्थल का पता चला. जांच के लिए अभियुक्त के परिसरों में तलाशी ली गई, जिससे आपत्तिजनक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बरामद हुए.
गौरतलब है कि 2022 में नई दिल्ली में भारत द्वारा आयोजित 90वीं इंटरपोल महासभा के दौरान ऑनलाइन बाल यौन शोषण की पहचान करने और उसकी जांच करने के प्रयासों में देशों का समर्थन करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया था.
प्रस्ताव ने सभी इंटरपोल सदस्य देशों के लिए बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता के रूप में मान्यता दी और ऑनलाइन बाल यौन शोषण के खतरे से निपटने के लिए वास्तविक समय की जानकारी साझा करने और समन्वित वैश्विक कार्रवाई के महत्व पर प्रकाश डाला. सभी ने दुनिया भर में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आपराधिक गतिविधि से निपटने के लिए समन्वय पर जोर दिया.
असेंबली के दौरान भारत के प्रतिनिधिमंडल ने ऑनलाइन बाल यौन शोषण से निपटने के लिए वास्तविक समय की जानकारी साझा करने और समन्वित वैश्विक कार्रवाई के महत्व पर जोर दिया. इंटरपोल के आईसीएसई डेटाबेस में भारत के योगदान और ऑनलाइन बाल यौन शोषण पर समन्वित कार्रवाई के लिए सीबीआई इंडिया द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन कार्बन और ऑपरेशन मेघचक्र के परिणामों पर भी प्रकाश डाला गया था.
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