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1500 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी, CBI ने लुधियाना की कंपनी के निदेशक को किया गिरफ्तार

सीबीआई ने 1500 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में पंजाब के लुधियाना स्थित एक कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार (Ludhiana company director arrested) किया है.

बैंक धोखाधड़ी मामला
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Published : Oct 28, 2022, 8:29 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 1530.99 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में लुधियाना की कंपनी एसईएल टेक्सटाइल्स के निदेशक नीरज सलूजा को गिरफ्तार (Ludhiana company director arrested) किया है. सीबीआई ने बैंक की शिकायत पर 6 अगस्त, 2020 को धागा और वस्त्र निर्माण कंपनी के निदेशकों के खिलाफ शिकायत पर मामला दर्ज किया था. कंपनी की पंजाब के मलोट और नवांशहर, राजस्थान के नीमराना और हरियाणा के हांसी में फैक्टरी हैं.

अधिकारियों ने बताया कि सलूजा को शनिवार को मोहाली की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा. सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'यह आरोप लगाया गया था कि आरोपियों द्वारा बड़ी मात्रा में बैंक ऋण को अपने संबंधित पक्षों की तरफ मोड़ दिया गया था और बाद में गलत प्रविष्टियां की गईं. यह भी आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने गैर-प्रतिष्ठित आपूर्तिकर्ताओं से मशीनरी की खरीद दिखायी और इस तरह अधिक का बिल बनाया.'

प्रवक्ता ने कहा कि आरोपियों ने स्टॉक और तैयार माल जैसी क्रेडिट सीमा के खिलाफ प्राथमिक सुरक्षा की बड़ी राशि से हेर फेर किया. साथ ही सामान की बिक्री से हुई आय बैंक के पास जमा नहीं कराई गई थी. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान सीबीआई ने कई लोगों से पूछताछ की और निदेशक (सलूजा) अपने जवाबों में टालमटोल करते पाए गए. (पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 1530.99 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में लुधियाना की कंपनी एसईएल टेक्सटाइल्स के निदेशक नीरज सलूजा को गिरफ्तार (Ludhiana company director arrested) किया है. सीबीआई ने बैंक की शिकायत पर 6 अगस्त, 2020 को धागा और वस्त्र निर्माण कंपनी के निदेशकों के खिलाफ शिकायत पर मामला दर्ज किया था. कंपनी की पंजाब के मलोट और नवांशहर, राजस्थान के नीमराना और हरियाणा के हांसी में फैक्टरी हैं.

अधिकारियों ने बताया कि सलूजा को शनिवार को मोहाली की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा. सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'यह आरोप लगाया गया था कि आरोपियों द्वारा बड़ी मात्रा में बैंक ऋण को अपने संबंधित पक्षों की तरफ मोड़ दिया गया था और बाद में गलत प्रविष्टियां की गईं. यह भी आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने गैर-प्रतिष्ठित आपूर्तिकर्ताओं से मशीनरी की खरीद दिखायी और इस तरह अधिक का बिल बनाया.'

प्रवक्ता ने कहा कि आरोपियों ने स्टॉक और तैयार माल जैसी क्रेडिट सीमा के खिलाफ प्राथमिक सुरक्षा की बड़ी राशि से हेर फेर किया. साथ ही सामान की बिक्री से हुई आय बैंक के पास जमा नहीं कराई गई थी. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान सीबीआई ने कई लोगों से पूछताछ की और निदेशक (सलूजा) अपने जवाबों में टालमटोल करते पाए गए. (पीटीआई-भाषा)

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