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मध्य प्रदेश : FCI के डिविजनल मैनेजर समेत चार आरोपी रिश्वत लेते गिरफ्तार - CBI arrested Officials of fci in bribery case

CBI ने FCI के डिविजनल मैनेजर समेत 4 आरोपियों को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. आज इन आरोपियों को सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाएगा.

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Published : May 29, 2021, 3:35 PM IST

भोपाल : CBI के भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते ने शुक्रवार को FCI के डिविजनल मैनेजर समेत 4 आरोपियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों को आज सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाएगा.

बता दें कि इस मामले में एक क्लर्क को भी शामिल किया था, वहीं इसके बाद CBI ने इनके दफ्तरों में भी छापामार कार्रवाई की और रिकॉर्ड खंगाले. CBI के अफसरों ने बीती रात क्लर्क के घर भी छापामार कार्रवाई की थी.

CBI ने अभी तक किशोर मीणा के घर से 8 किलो सोना, 2.17 करोड़ नकद बरामद किए हैं. सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि उनको एक डायरी भी मिली है, जिसमें FCI के अधिकारियों ने अलग-अलग कंपनियों से ली गई रिश्वत की पूरी डिटेल है, अभी CBI की कार्रवाई जारी है.

करोड़ों का माल बरामद

आरोपी किशोर मीणा के पास से उसके छोला निवास से CBI ने नोट गिनने की मशीन समेत सोना-चांदी भी बरामद किया जा रहा है. अब तक लगभग 8 किलो सोना बरामद किया जा चुका है और चांदी की गिनती जारी है. वहीं नोट गिनने की मशीन भी बरामद की है, इसके साथ ही घर के लॉकर से 2.17 करोड़ नकद बरामद किए गए है. अभी भी CBI की कार्रवाई जारी है और भी बड़े खुलासा होने की संभावना है.

किशोर मीणा रखता था रिश्वत के पैसे

गुड़गांव की एक सिक्योरिटी एजेंसी की शिकायत के बाद क्लर्क, 3 मैनेजरों को रंगे हाथ रिश्वत लेते CBI ने पकड़ा था, उसके बाद से यह कार्रवाई शुरू हुई, जिसमें सामने आया कि पकड़े गए 3 मैनेजर डिविजनल मैनेजर समेत सभी रिश्वत के पैसे किशोर मीणा को देते थे और वह पैसे अपने घर पर रखता था और यह चारों मिलकर भ्रष्टाचार करते थे. बताया जा रहा है कि किशोर मीणा पहले FCI में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था, लेकिन भ्रष्टाचार की बदौलत उसे वहीं पर क्लर्क बना दिया गया, फिर इन्होंने मिलकर FCI में खूब भ्रष्टाचार किया.

पढ़ें :- वेंटिलेटर आपूर्ति के लिए रिश्वत लेता चिकित्सा अधिकारी रंगे हाथ गिरफ्तार

यह था पूरा मामला

CBI भोपाल को गुड़गांव की कंपनी कपूर एंड संस ने एफसीआई के मैनेजर और अन्य कर्मचारियों द्वारा रिश्वत की बात को लेकर शिकायत की गई थी, जिसमें कंपनी के बिल का 10 फीसदी हिस्सा और इस वक्त मांगा जा रहा था. जिसके बाद सीबीआई ने अपनी जाल में फंसाने के लिए क्लर्क और 2 मैनेजरों को पैसा देने के लिए भोपाल के माता मंदिर इलाके में बुलाया था, वहीं सीबीआई ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया था, फिर उसके बाद सीबीआई ने फोन कर डिविजनल मैनेजर से बात की थी. पकड़े गए आरोपियों के ही नंबर से फोन लगाया था, जिसमें डिविजनल मैनेजर ने भी पैसे लाने की बात कही और फिर उसे भी गिरफ्तार किया गया. इस तरह पूरे मामले में सीबीआई ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. कपूर एंड संस सिक्योरिटी एजेंसी के बिल पास कराने के लिए 50 हजार और 70 हजार की रिश्वत मांग रहे थे.

भोपाल : CBI के भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते ने शुक्रवार को FCI के डिविजनल मैनेजर समेत 4 आरोपियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों को आज सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाएगा.

बता दें कि इस मामले में एक क्लर्क को भी शामिल किया था, वहीं इसके बाद CBI ने इनके दफ्तरों में भी छापामार कार्रवाई की और रिकॉर्ड खंगाले. CBI के अफसरों ने बीती रात क्लर्क के घर भी छापामार कार्रवाई की थी.

CBI ने अभी तक किशोर मीणा के घर से 8 किलो सोना, 2.17 करोड़ नकद बरामद किए हैं. सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि उनको एक डायरी भी मिली है, जिसमें FCI के अधिकारियों ने अलग-अलग कंपनियों से ली गई रिश्वत की पूरी डिटेल है, अभी CBI की कार्रवाई जारी है.

करोड़ों का माल बरामद

आरोपी किशोर मीणा के पास से उसके छोला निवास से CBI ने नोट गिनने की मशीन समेत सोना-चांदी भी बरामद किया जा रहा है. अब तक लगभग 8 किलो सोना बरामद किया जा चुका है और चांदी की गिनती जारी है. वहीं नोट गिनने की मशीन भी बरामद की है, इसके साथ ही घर के लॉकर से 2.17 करोड़ नकद बरामद किए गए है. अभी भी CBI की कार्रवाई जारी है और भी बड़े खुलासा होने की संभावना है.

किशोर मीणा रखता था रिश्वत के पैसे

गुड़गांव की एक सिक्योरिटी एजेंसी की शिकायत के बाद क्लर्क, 3 मैनेजरों को रंगे हाथ रिश्वत लेते CBI ने पकड़ा था, उसके बाद से यह कार्रवाई शुरू हुई, जिसमें सामने आया कि पकड़े गए 3 मैनेजर डिविजनल मैनेजर समेत सभी रिश्वत के पैसे किशोर मीणा को देते थे और वह पैसे अपने घर पर रखता था और यह चारों मिलकर भ्रष्टाचार करते थे. बताया जा रहा है कि किशोर मीणा पहले FCI में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था, लेकिन भ्रष्टाचार की बदौलत उसे वहीं पर क्लर्क बना दिया गया, फिर इन्होंने मिलकर FCI में खूब भ्रष्टाचार किया.

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यह था पूरा मामला

CBI भोपाल को गुड़गांव की कंपनी कपूर एंड संस ने एफसीआई के मैनेजर और अन्य कर्मचारियों द्वारा रिश्वत की बात को लेकर शिकायत की गई थी, जिसमें कंपनी के बिल का 10 फीसदी हिस्सा और इस वक्त मांगा जा रहा था. जिसके बाद सीबीआई ने अपनी जाल में फंसाने के लिए क्लर्क और 2 मैनेजरों को पैसा देने के लिए भोपाल के माता मंदिर इलाके में बुलाया था, वहीं सीबीआई ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया था, फिर उसके बाद सीबीआई ने फोन कर डिविजनल मैनेजर से बात की थी. पकड़े गए आरोपियों के ही नंबर से फोन लगाया था, जिसमें डिविजनल मैनेजर ने भी पैसे लाने की बात कही और फिर उसे भी गिरफ्तार किया गया. इस तरह पूरे मामले में सीबीआई ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. कपूर एंड संस सिक्योरिटी एजेंसी के बिल पास कराने के लिए 50 हजार और 70 हजार की रिश्वत मांग रहे थे.

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