पटना : वैसे तो हर राजनेता चुनाव के वक्त कहते नजर आते हैं, वह जाति की राजनीति नहीं करते हैं. पर सच्चाई यह है कि बिहार में जाति की राजनीति नहीं जाती है. इसका प्रमाण एक बार फिर से नीतीश मंत्रिमंडल (Caste Equations In Nitish Cabinet) में देखने को मिला है. नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे ज्यादा ध्यान ओबीसी और ईबीसी का रखा गया है.
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देखें किस जाति से कितने मंत्री : मंगलवार को बिहार में 31 नए मंत्रियों ने शपथ (Nitish Cabinet Expansion) ली. इसमें यादव से 8 मंत्री, मुस्लिम से 5, अनुसूचित जाति से 5, ईबीसी से 4, कुशवाहा से 2, राजपूत से 3, भूमिहार से 2, ब्राह्मण और वैश्य से एक-एक मंत्री बनाए गए हैं.
नीतीश मंत्रीमंडल में RJD कोटे से मंत्री : हसनपुर विधायक तेजप्रताप यादव (यादव), उजियारपुर से विधायक आलोक मेहता (कुशवाहा), नोखा से विधायक अनिता देवी, फतुहा से विधायक रामानंद यादव (यादव), बेलागंज से विधायक सुरेंद्र यादव (यादव), बोधगया से विधायक कुमार सर्वजीत (जाटव), मधुबनी से विधायक समीर कुमार महासेठ, जोकीहाट से विधायक मोहम्मद शाहनवाज (मुस्लिम), मधेपुरा से विधायक चंद्रशेखर (यादव), कार्तिकेय मास्टर, कांटी से विधायक इसराइल मंसूरी (मुस्लिम), रामगढ़ से विधायक सुधाकर सिंह (राजपूत), नरकटिया से विधायक शमीम अहमद (मुस्लिम), गरखा से विधायक सुरेंद्र राम (जाटव), साथ ही जिंतेंद्र राय और ललित यादव को मंत्री बनाया गया हैं.
नीतीश मंत्रीमंडल में JDU कोटे से मंत्री : जेडीयू में सरायरंजन से विधायक विजय चौधरी (भूमिहार), चैनपुर से विधायक जमा खान (मुस्लिम), अमरपुर से विधायक जयंत राज (कुशवाहा), भोरे से विधायक सुनील कुमार (जाटव), सुपौल से विधायक विजेंद्र यादव (यादव), एमएलसी संजय झा (ब्राह्मण), एमएलसी अशोक चौधरी (पासी), नालंदा से विधायक श्रवण कुमार (कुर्मी), धमदाहा से विधायक लेसी सिंह (राजपूत), बहादुरपुर से विधायक मदन सहनी (मछुआरा) और फुलपरास से विधायक शिला मंडल(धानुक) को मंत्री बनाया गया है.
नीतीश मंत्रीमंडल में कांग्रेस, हम, निर्दलीय कोटे से मंत्री: : वहीं, कांग्रेस में चेनारी से विधायक मुरारी गौतम (दलित) और कस्बा से विधायक अफाक अहमद (मुस्लिम) को मंत्री पद दिया गया है. जीतन राम मांझी की पार्टी हम की ओर से संतोष मांझी को मंत्री बनाया गया है. जबकि चकाई विधानसभा से निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह (राजपूत), जिनके दिवंगत पिता नरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री के पुराने सहयोगी रहे थे, पिछली सरकार में मंत्री बनाए गए थे, उन्होंने भी शपथ ली.
मंत्रिमंडल में इन पार्टियों को नहीं मिली जगह : बताया जा रहा है कि कैबिनेट में सीपीआई-एमएल, सीपीआई और सीपीएम को जगह नहीं मिल पाई है. इन पार्टियों को मंत्रिमंडल से बाहर करने पर विरोध के स्वर उठ सकते हैं.