नई दिल्ली : सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) के खिलाफ हुए अपराध के मामले में मंगलवार को लोकसभा में जानकारी दी. सरकार ने कहा कि देश में 2018 से 2021 तक अनुसूचित जाति (एससी) के खिलाफ हुए अपराध के 189,569 मामले दर्ज हैं.
यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने भाजपा सांसद पीपी चौधरी द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के खिलाफ किए गए अपराधों की संख्या के विवरण के बारे में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए साझा की.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का हवाला देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश इस सूची में टॉप पर है. यहां कुल 49,613 मामले दर्ज किए गए हैं. अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध के तहत 2018 में 11,924, 2019 में 11,829, 2020 में 12,714, 2021 में 13,146 मामले दर्ज किए गए.
बिहार समेत अन्य राज्य में ये स्थिति : इसके बाद बिहार है, जहां 26,815 मामले दर्ज हैं. यहां 2018 में 7,061, 2019 में 6,544, 2020 में 7,368, 2021 में 5,842 मामले दर्ज किए गए. राजस्थान में 25,942 मामले दर्ज हैं. यहां 2018 में 4,607, 2019 में 6,794, 2020 में 7,017 और 2021 में 7,524 ऐसे मामले दर्ज किए गए. मध्य प्रदेश में 2018 में 4,753, 2019 में 5,300, 2020 में 6,899, साल 2021 में 7.214 के साथ कुल 24,166 ऐसे मामले दर्ज किए गए.
गुजरात समेत अन्य राज्य में ये स्थिति : इसी तरह से गुजरात में 2018 में 1,426, 2019 में 1,416, साल 2020 में 1,326, साल 2021 में 1,201 मामले दर्ज किए गए. गुजरात में ऐसे कुल 5,369 मामले हैं. जबकि ओडिशा में 2018 में 1,778, साल 2019 में 1,886, साल 2020 में 2,046 और 2021 में 2,327 के साथ 8,037 ऐसे मामले दर्ज किए गए थे.
उत्तर के अनुसार अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप के केंद्र शासित प्रदेशों ने ऐसे 'शून्य' मामलों की सूचना दी है.
उक्त अवधि के दौरान अनुसूचित जाति से संबंधित महिलाओं के खिलाफ किए गए अपराधों की संख्या पर, MoS ने अपने उत्तर में कहा कि 'अनुसूचित जाति से संबंधित महिलाओं के बारे में विशिष्ट जानकारी NCRB द्वारा नहीं रखी जाती है.'
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