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कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से पहली मौत, 3 राज्यों में 30 से ज्यादा मामले - कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से पहली मौत

कोविड-19 की दूसरी लहर का कहर धीरे-धीरे कम हो रहा है. कोरोना की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट जिम्मेदार था लेकिन अब डेल्टा प्लस वैरिएंट ने खतरे की घंटी बजा दी है. अब तक देश के 3 राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 30 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जबकि मध्य प्रदेश में इससे पहली मौत भी हो चुकी है. आखिर क्या है ये डेल्टा प्लस वैरिएंट और इसने क्यों बजाई है खतरे की घंटी, जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर

डेल्टा प्लस
डेल्टा प्लस
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Published : Jun 22, 2021, 5:00 PM IST

Updated : Jun 22, 2021, 10:08 PM IST

हैदराबाद: कोरोना की दूसरी लहर का कहर अभी थमा भी नहीं है कि एक और मुसीबत आ खड़ी हुई है. इस मुसीबत का नाम है डेल्टा प्लस. कोरोना वायरस में लगातार स्वरूप बदल रहा है और उसी का नतीजा है डेल्टा प्लस वैरिएंट (delta plus). अब तक देश के तीन राज्यों में 30 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मंगलवार को कोविड-19 के डेल्टा प्लस संस्करण को चिंता का विषय बताया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा इन प्रकारों का INSACOG द्वारा पता लगाया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इन डेल्टा प्लस वेरिएंट में तीन विशेषताएं हैं जिनमें ट्रांसमिसिबिलिटी में वृद्धि, फेफड़ों की कोशिकाओं के रिसेप्टर्स के लिए मजबूत बाइनडिंग और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्रतिक्रिया में संभावित कमी शामिल है.

INSACOG कोविड-19 महामारी के संदर्भ में संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण के लिए 28 प्रयोगशालाओं का एक संघ है INSACOG को न केवल संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण बल्कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपनाए जाने वाले उपयुक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया उपायों पर समय पर जानकारी देने का भी काम सौंपा गया है.

महाराष्ट्र में 21 मामले

महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट के अब तक 21 मामले सामने आ चुके हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इसकी जानकारी दी है. महाराष्ट्र के रत्नागिरी में 9 और मुंबई से 2 मामले सामने आए हैं. इसके अलावा, पालघर, ठाणे और सिंधुदुर्ग जिलों में एक-एक मामलों की पुष्टि हो गई है, जबकि जलगांव में सात अन्य मामलों का पता चला है.

मध्य प्रदेश में पहली मौत, 2 साल की बच्ची समेत 7 मामले

मध्य प्रदेश से ही डेल्टा प्लस वैरिएंट से पहली मौत का मामला भी सामने आया है. प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के कुल 7 मामले हैं जिनमें दो साल की मासूम बच्ची भी शामिल है. मध्य प्रदेश का राजधानी भोपाल में पांच और उज्जैन के दो लोगों में डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण पाया गया है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक इनमें से 4 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है और वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं.

मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री

केरल में 4 साल के बच्चे समेत तीन लोगों में मिला संक्रमण

केरल के पलक्कड़ और पथनमथिट्टा से एकत्र नमूनों में डेल्टा प्लस के तीन मामले सामने आए हैं. पथनमथिट्टा के जिलाधिकारी के मुताबिक जिले में एक चार साल से बच्चे में डेल्टा प्लस का संक्रमण पाया गया है. प्रशासन ने इसके प्रसार को रोकने के लिए दो जिलों के प्रभावित क्षेत्रों में कड़े कदम उठाए हैं.

क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट ?

पहले जिस देश से कोरोना का कोई वैरिएंट सबसे पहले सामने आता था तो उसका नामकरण उस देश के नाम पर होता है जैसे कुछ वैरिएंट को सिंगापुर वैरिएंट या यूके वैरिएंट कहा गया था. लेकिन फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इनका नामकरण डेल्टा, बीटा, गामा, कप्पा, अल्फा आदि किया गया.

भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वैरिएंट यानि 6.1.617.2 ने जो कहर बरपाया है उससे देश अभी भी जूझ रहा है. इस डेल्टा वैरिएंट ने कई दूसरे देशों में भी पाया गया. यही डेल्टा वैरिएंट अब म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस में तब्दील हो गया है. यह सबसे पहले यूरोप में मिला था. कुल मिलाकर डेल्टा प्लस पुराने वेरिएंट डेल्टा का विकसित रूप है. गौरतलब है कि डेल्टा वैरिएंट के ब्रिटेन में भी कई मामले सामने आ रहे हैं और डेल्टा प्लस वैरिएंट ने एक बार फिर दुनिया के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है.

डेल्टा प्लस ने बढ़ाई चिंता

अभी तक कोविड-19 के जितने वैरिएंट आए हैं उनमें से डेल्टा सबसे तेजी से फैलता है. भारत में दूसरी लहर में इसके संक्रमण की रफ्तार पूरी दुनिया देख चुकी है. ऐसे में डेल्टा प्लस वैरिएंट ने खतरे की घंटी बजा दी है. दरअसल वायरस में लगातार हो रहा बदलाव इसे और भी खतरनाक बनाता है. डेल्टा वैरिएंट में एक और म्यूटेशन हुआ है जिसके बाद इसे डेल्टा प्लस का नाम मिला है. डेल्टा वैरिएंट के कहर को देखते हुए कई विशेषज्ञ सिर्फ आने वाले संकट का सिर्फ अंदाजा लगा रहे हैं.

डेल्टा प्लस वैरिएंट पर फिलहाल अनुसंधान जारी है लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो डेल्टा प्लस ज्यादा खतरनाक हो सकता है. ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या वैक्सीनेशन या हमारे शरीर की रोक प्रतिरोधक क्षमता इस डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ कारगर साबित होगी ?

ये भी पढ़ें: MP: डेल्टा प्लस वैरिएंट मरीजों की बढ़ रही संख्या, चार में से एक वैक्सिनेटेड मरीज की मौत- मंत्री

क्या तीसरी लहर की वजह बनेगा डेल्टा प्लस ?

देश के ज्यादातर राज्यों में दूसरी लहर के चलते लटक लॉकडाउन के ताले खुल गए हैं. जिंदगी पटरी पर लौटती दिख रही है लेकिन साथ ही बाजारों और सड़कों पर भीड़ भी बढ़ने लगी है. ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही तीसरी लहर को न्योता दे सकती है और जिस तरह से डेल्टा वैरिएंट के मरीज मिल रहे हैं, कई विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है कि संभावित तीसरी लहर के पीछे डेल्टा वैरिएंट हो सकता है.

डेल्टा प्लस को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?

लखनऊ के केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. शीतल वर्मा (Microbiologist Dr Sheetal Verma) के मुताबिक, अभी तक हुए अध्ययन में डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) को कोरोना वायरस का सबसे संक्रामक रूप बताया जा रहा था. वहीं अब डेल्टा वेरिएंट, डेल्टा प्लस में बदल गया है. इसलिये ज्यादा सतर्क और ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है.

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कुछ विशेषज्ञों ने डेल्टा प्लस वैरिएंट पर कुछ दवाओं या वैक्सीन का असर ना होने की बात भी कही है. लेकिन फिलहाल डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर रिसर्च जारी है और इसे लेकर सरकार या इससे जुड़े अन्य संस्थानों की तरफ से इस तरह की औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है.

वैक्सीनेशन और सावधानी है जरूरी

दुनियाभर में इस वक्त कोरोना वैक्सीनेशन का दौर चल रहा है. विशेषज्ञ भी टीकाकरण को वायरस के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार बता चुके हैं. इसलिये विशेषज्ञ जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा आबादी के टीकाकरण पर जोर देते हैं. इसके अलावा कोरोना का कोई भी वेरिएंट हो, विशेषज्ञ कोविड-19 से जुड़ी सावधानियां बरतने पर जोर देते हैं. जैसे मास्क पहनने से लेकर बार-बार हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना.

हैदराबाद: कोरोना की दूसरी लहर का कहर अभी थमा भी नहीं है कि एक और मुसीबत आ खड़ी हुई है. इस मुसीबत का नाम है डेल्टा प्लस. कोरोना वायरस में लगातार स्वरूप बदल रहा है और उसी का नतीजा है डेल्टा प्लस वैरिएंट (delta plus). अब तक देश के तीन राज्यों में 30 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मंगलवार को कोविड-19 के डेल्टा प्लस संस्करण को चिंता का विषय बताया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा इन प्रकारों का INSACOG द्वारा पता लगाया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इन डेल्टा प्लस वेरिएंट में तीन विशेषताएं हैं जिनमें ट्रांसमिसिबिलिटी में वृद्धि, फेफड़ों की कोशिकाओं के रिसेप्टर्स के लिए मजबूत बाइनडिंग और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्रतिक्रिया में संभावित कमी शामिल है.

INSACOG कोविड-19 महामारी के संदर्भ में संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण के लिए 28 प्रयोगशालाओं का एक संघ है INSACOG को न केवल संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण बल्कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपनाए जाने वाले उपयुक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया उपायों पर समय पर जानकारी देने का भी काम सौंपा गया है.

महाराष्ट्र में 21 मामले

महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट के अब तक 21 मामले सामने आ चुके हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इसकी जानकारी दी है. महाराष्ट्र के रत्नागिरी में 9 और मुंबई से 2 मामले सामने आए हैं. इसके अलावा, पालघर, ठाणे और सिंधुदुर्ग जिलों में एक-एक मामलों की पुष्टि हो गई है, जबकि जलगांव में सात अन्य मामलों का पता चला है.

मध्य प्रदेश में पहली मौत, 2 साल की बच्ची समेत 7 मामले

मध्य प्रदेश से ही डेल्टा प्लस वैरिएंट से पहली मौत का मामला भी सामने आया है. प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के कुल 7 मामले हैं जिनमें दो साल की मासूम बच्ची भी शामिल है. मध्य प्रदेश का राजधानी भोपाल में पांच और उज्जैन के दो लोगों में डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण पाया गया है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक इनमें से 4 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है और वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं.

मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री

केरल में 4 साल के बच्चे समेत तीन लोगों में मिला संक्रमण

केरल के पलक्कड़ और पथनमथिट्टा से एकत्र नमूनों में डेल्टा प्लस के तीन मामले सामने आए हैं. पथनमथिट्टा के जिलाधिकारी के मुताबिक जिले में एक चार साल से बच्चे में डेल्टा प्लस का संक्रमण पाया गया है. प्रशासन ने इसके प्रसार को रोकने के लिए दो जिलों के प्रभावित क्षेत्रों में कड़े कदम उठाए हैं.

क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट ?

पहले जिस देश से कोरोना का कोई वैरिएंट सबसे पहले सामने आता था तो उसका नामकरण उस देश के नाम पर होता है जैसे कुछ वैरिएंट को सिंगापुर वैरिएंट या यूके वैरिएंट कहा गया था. लेकिन फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इनका नामकरण डेल्टा, बीटा, गामा, कप्पा, अल्फा आदि किया गया.

भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वैरिएंट यानि 6.1.617.2 ने जो कहर बरपाया है उससे देश अभी भी जूझ रहा है. इस डेल्टा वैरिएंट ने कई दूसरे देशों में भी पाया गया. यही डेल्टा वैरिएंट अब म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस में तब्दील हो गया है. यह सबसे पहले यूरोप में मिला था. कुल मिलाकर डेल्टा प्लस पुराने वेरिएंट डेल्टा का विकसित रूप है. गौरतलब है कि डेल्टा वैरिएंट के ब्रिटेन में भी कई मामले सामने आ रहे हैं और डेल्टा प्लस वैरिएंट ने एक बार फिर दुनिया के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है.

डेल्टा प्लस ने बढ़ाई चिंता

अभी तक कोविड-19 के जितने वैरिएंट आए हैं उनमें से डेल्टा सबसे तेजी से फैलता है. भारत में दूसरी लहर में इसके संक्रमण की रफ्तार पूरी दुनिया देख चुकी है. ऐसे में डेल्टा प्लस वैरिएंट ने खतरे की घंटी बजा दी है. दरअसल वायरस में लगातार हो रहा बदलाव इसे और भी खतरनाक बनाता है. डेल्टा वैरिएंट में एक और म्यूटेशन हुआ है जिसके बाद इसे डेल्टा प्लस का नाम मिला है. डेल्टा वैरिएंट के कहर को देखते हुए कई विशेषज्ञ सिर्फ आने वाले संकट का सिर्फ अंदाजा लगा रहे हैं.

डेल्टा प्लस वैरिएंट पर फिलहाल अनुसंधान जारी है लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो डेल्टा प्लस ज्यादा खतरनाक हो सकता है. ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या वैक्सीनेशन या हमारे शरीर की रोक प्रतिरोधक क्षमता इस डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ कारगर साबित होगी ?

ये भी पढ़ें: MP: डेल्टा प्लस वैरिएंट मरीजों की बढ़ रही संख्या, चार में से एक वैक्सिनेटेड मरीज की मौत- मंत्री

क्या तीसरी लहर की वजह बनेगा डेल्टा प्लस ?

देश के ज्यादातर राज्यों में दूसरी लहर के चलते लटक लॉकडाउन के ताले खुल गए हैं. जिंदगी पटरी पर लौटती दिख रही है लेकिन साथ ही बाजारों और सड़कों पर भीड़ भी बढ़ने लगी है. ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही तीसरी लहर को न्योता दे सकती है और जिस तरह से डेल्टा वैरिएंट के मरीज मिल रहे हैं, कई विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है कि संभावित तीसरी लहर के पीछे डेल्टा वैरिएंट हो सकता है.

डेल्टा प्लस को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?

लखनऊ के केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. शीतल वर्मा (Microbiologist Dr Sheetal Verma) के मुताबिक, अभी तक हुए अध्ययन में डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) को कोरोना वायरस का सबसे संक्रामक रूप बताया जा रहा था. वहीं अब डेल्टा वेरिएंट, डेल्टा प्लस में बदल गया है. इसलिये ज्यादा सतर्क और ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है.

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कुछ विशेषज्ञों ने डेल्टा प्लस वैरिएंट पर कुछ दवाओं या वैक्सीन का असर ना होने की बात भी कही है. लेकिन फिलहाल डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर रिसर्च जारी है और इसे लेकर सरकार या इससे जुड़े अन्य संस्थानों की तरफ से इस तरह की औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है.

वैक्सीनेशन और सावधानी है जरूरी

दुनियाभर में इस वक्त कोरोना वैक्सीनेशन का दौर चल रहा है. विशेषज्ञ भी टीकाकरण को वायरस के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार बता चुके हैं. इसलिये विशेषज्ञ जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा आबादी के टीकाकरण पर जोर देते हैं. इसके अलावा कोरोना का कोई भी वेरिएंट हो, विशेषज्ञ कोविड-19 से जुड़ी सावधानियां बरतने पर जोर देते हैं. जैसे मास्क पहनने से लेकर बार-बार हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना.

Last Updated : Jun 22, 2021, 10:08 PM IST
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