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त्रिपुरा : सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने के मामले में 71 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज - राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

त्रिपुरा में सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर भड़काऊ और फर्जी जानकारी पोस्ट करने वाले 71 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं. वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने त्रिपुरा के उत्तरी जिले में हुई हालिया हिंसा के संबंध में रिपोर्ट मांगी है.

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Published : Nov 3, 2021, 8:07 PM IST

अगरतला : त्रिपुरा पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने राज्य में शांति और सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर कथित भड़काऊ और फर्जी जानकारी वाले पोस्ट को लेकर 71 लोगों के खिलाफ पांच मामले दर्ज किए हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने त्रिपुरा के उत्तरी जिले में हुई हालिया हिंसा के संबंध में रिपोर्ट मांगी है.

एनएचआरसी ने त्रिपुरा के मुख्य सचिव, पुलिस विभाग के डीजीपी और राज्य मानवाधिकार आयोग के सचिव से तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले की शिकायत पर अपनी बात रखने को कहा है. साथ ही चार हफ्ते के अंदर कार्रवाई की रिपोर्ट भी सौंपने का निर्देश दिया है.

शिकायत में कहा गया है, 'विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने उत्तरी त्रिपुरा के एक क्षेत्र में रैली निकाली. रैली को अंजाम देने वाली भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के साथ तोड़-फोड़ की और दो दुकानों को जला दिया. मशीनरी ने दंगा करने वाली भीड़ का साथ देकर एक बाईस्टैंडर की तरह काम किया. ऐसी घटनाओं के बाद एक समुदाय के सदस्यों में अत्यधिक डर का माहौल है.’ शिकायतकर्ता ने इस मामले में हस्‍तक्षेप की मांग की थी.

एनएचआरसी ने अपने आदेश में कहा कि आयोग ने शिकायत पर विचार किया है और त्रिपुरा के मुख्‍य सचिव और पुलिस महानिदेशक को शिकायत की कॉपी सौंपने का निर्देश दिया है. साथ ही चार हफ्ते के अंदर कार्रवाई की भी रिपोर्ट मांगी है.

ये भी पढ़ें - मस्जिद में तोड़फोड़ के बाद उत्तर त्रिपुरा जिले की सभी मस्जिदों को दी गई पुलिस सुरक्षा

दूसरी ओर पुलिस ने कहा, 'सांप्रदायिक हिंसा की अफवाह और समाज में नफरत पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.' राज्य पुलिस ने ट्विटर पर कहा, 'सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले 71 लोगों के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. समाज में नफरत फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.' एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि त्रिपुरा में हालिया सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया मंचों पर कथित तौर पर अफवाह फैलाने के संबंध में पांच मामले दर्ज किए गए हैं.

उन्होंने बताया, 'प्राथमिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि सरकार और राज्य पुलिस की छवि खराब करने के लिए सोशल मीडिया पर फर्जी तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए गए.' पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे 'भड़काऊ पोस्ट लाइक या रीट्वीट न करें क्योंकि यह अफवाह फैलाने के दायरे में आता है.'

पुलिस ने कहा कि ट्विटर पर गोमती जिले के काकराबन इलाके में एक मस्जिद को क्षतिग्रस्त करने और तोड़फोड़ करने की झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं. पुलिस ने कहा, 'यह पूरी तरह से तथ्यों की गलत व्याख्या है. काकराबन के दरगाबाजार इलाके में स्थित मस्जिद पूरी तरह से सुरक्षित है और गोमती पुलिस शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए काम कर रही है.'

एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस के साइबर अपराध विभाग ने कहा, 'ये फर्जी वीडियो हैं, जिन्हें आपराधिक साजिश के तहत राज्य में शांति और सद्भाव बिगाड़ने तथा राज्य सरकार और पुलिस को बदनाम करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है. पुलिस ने आपराधिक मामले दर्ज किए हैं और उपयुक्त कार्रवाई की जा रही है.'

अगरतला : त्रिपुरा पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने राज्य में शांति और सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर कथित भड़काऊ और फर्जी जानकारी वाले पोस्ट को लेकर 71 लोगों के खिलाफ पांच मामले दर्ज किए हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने त्रिपुरा के उत्तरी जिले में हुई हालिया हिंसा के संबंध में रिपोर्ट मांगी है.

एनएचआरसी ने त्रिपुरा के मुख्य सचिव, पुलिस विभाग के डीजीपी और राज्य मानवाधिकार आयोग के सचिव से तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले की शिकायत पर अपनी बात रखने को कहा है. साथ ही चार हफ्ते के अंदर कार्रवाई की रिपोर्ट भी सौंपने का निर्देश दिया है.

शिकायत में कहा गया है, 'विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने उत्तरी त्रिपुरा के एक क्षेत्र में रैली निकाली. रैली को अंजाम देने वाली भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के साथ तोड़-फोड़ की और दो दुकानों को जला दिया. मशीनरी ने दंगा करने वाली भीड़ का साथ देकर एक बाईस्टैंडर की तरह काम किया. ऐसी घटनाओं के बाद एक समुदाय के सदस्यों में अत्यधिक डर का माहौल है.’ शिकायतकर्ता ने इस मामले में हस्‍तक्षेप की मांग की थी.

एनएचआरसी ने अपने आदेश में कहा कि आयोग ने शिकायत पर विचार किया है और त्रिपुरा के मुख्‍य सचिव और पुलिस महानिदेशक को शिकायत की कॉपी सौंपने का निर्देश दिया है. साथ ही चार हफ्ते के अंदर कार्रवाई की भी रिपोर्ट मांगी है.

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दूसरी ओर पुलिस ने कहा, 'सांप्रदायिक हिंसा की अफवाह और समाज में नफरत पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.' राज्य पुलिस ने ट्विटर पर कहा, 'सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले 71 लोगों के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. समाज में नफरत फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.' एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि त्रिपुरा में हालिया सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया मंचों पर कथित तौर पर अफवाह फैलाने के संबंध में पांच मामले दर्ज किए गए हैं.

उन्होंने बताया, 'प्राथमिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि सरकार और राज्य पुलिस की छवि खराब करने के लिए सोशल मीडिया पर फर्जी तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए गए.' पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे 'भड़काऊ पोस्ट लाइक या रीट्वीट न करें क्योंकि यह अफवाह फैलाने के दायरे में आता है.'

पुलिस ने कहा कि ट्विटर पर गोमती जिले के काकराबन इलाके में एक मस्जिद को क्षतिग्रस्त करने और तोड़फोड़ करने की झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं. पुलिस ने कहा, 'यह पूरी तरह से तथ्यों की गलत व्याख्या है. काकराबन के दरगाबाजार इलाके में स्थित मस्जिद पूरी तरह से सुरक्षित है और गोमती पुलिस शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए काम कर रही है.'

एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस के साइबर अपराध विभाग ने कहा, 'ये फर्जी वीडियो हैं, जिन्हें आपराधिक साजिश के तहत राज्य में शांति और सद्भाव बिगाड़ने तथा राज्य सरकार और पुलिस को बदनाम करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है. पुलिस ने आपराधिक मामले दर्ज किए हैं और उपयुक्त कार्रवाई की जा रही है.'

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