लखनऊ/ हरिद्वार : उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. रिजवी द्वारा पैगम्बर मोहम्मद साहब पर लिखी गई विवादित किताब को लेकर शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने लखनऊ के चौक थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
वहीं, उत्तराखंड के हरिद्वार कोतवाली में वसीम रिजवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले को लेकर हरिद्वार और ज्वालापुर कोतवाली में तीन अलग-अलग तहरीरें दी गई थीं. एक तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. बाकी तहरीरों को भी उसी मुकदमे में शामिल किया जाएगा.
लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि हमारी कौम में एक गद्दार बहुत दिनों से पैगम्बर और कुरान पर विवादित बयान दे रहा था. उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गई कि उसने एक किताब भी छापी है. इस किताब में झूठी और मनगढ़ंत बातें वसीम रिजवी ने पैगम्बर मोहम्मद साहब पर लिखी हैं.
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि इसके चलते पूरे हिंदुस्तान में आतंक फैलने के साथ ही हिन्दू-मुस्लिम और शिया-सुन्नी दंगे होने का अंदेशा हो गया है. उन्होंने कहा कि दुनिया के 55 मुस्लिम देशों तक जब यह किताब पहुंचेगी तो उनसे भी हमारे देश के संबंध खराब होंगे. लिहाजा, सरकार तत्काल इस किताब पर रोक लगाए और इसे बैन करे.
मौलाना जवाद ने आरोप लगाते हुए कहा कि वसीम रिजवी देशद्रोही है. उस पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि रिजवी पर 30 मुकदमे चल रहे हैं लेकिन अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया. इसमें दो मुकदमे 302 और 153 A के भी हैं. मौलाना ने कहा कि कुछ भ्रष्ट लीडर इसको संरक्षण दिए हुए हैं, जिसकी वजह से यह बचा हुआ है. मौलाना जवाद ने सरकार से मांग की है कि वसीम रिज़वी की तत्काल गिरफ्तारी की जाए.
बता दें, वसीम रिजवी ने बीते शुक्रवार को स्वामी यति नरसिंहानंद, स्वामी दर्शन भारती आदि के साथ हरिद्वार के प्रेस क्लब में 'मोहम्मद' नाम की पुस्तक का विमोचन किया था. आरोप है कि वसीम रिजवी और स्वामी यति नरसिंहानंद ने मंच से भड़काऊ और आपत्तिजनक भाषण दिए, जिसकी वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने से मुस्लिम समुदाय में नाराजगी बढ़ गई है.
हरिद्वार में रविवार को राशिद अली और भारतीय पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष दिलशाद अली की ओर से तहरीर दी गई थी. तहरीर में वसीम रिजवी, यति नरसिंहानंद, दर्शन भारती, प्रबोधनंद गिरि, अधीर कौशिक व प्रेस क्लब अध्यक्ष और महामंत्री पर आरोप लगाए गए थे. इनमें दिलशाद की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.
मुस्लिम समाज के लोगों की प्रतिक्रिया
एडवोकेट फुरकान अली ने बताया कि प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया गया, वो नाकाबिले बर्दाश्त है. इसे किसी भी कीमत पर सही नहीं ठहराया जा सकता है. हम सर्वधर्म समभाव पर यकीन रखते हैं और सभी धर्मों के महापुरुषों का सम्मान करते हैं, लेकिन जिस तरीके से प्रेस क्लब जैसे सार्वजनिक मंच का प्रयोग कर शहर का माहौल का खराब करने का प्रयास किया गया, वो एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है. पुलिस-प्रशासन को इसमें कार्रवाई करनी चाहिए.
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