पुणे : आलंदी में एक हिंदू व्यक्ति को ईसाई बनाने की कोशिश की घटना सामने आई है. इस मामले में आलंदी में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है (case registered against three for trying to convert religion). उद्धव नागनाथ कांबले ने इस संबंध में अलंदी थाने में शिकायत दर्ज कराई है. सुधाकर बाबूराव सूर्यवंशी व तीन अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है.
पुलिस के अनुसार, आलंदी के साठे नगर में आरोपी और उसके दो अन्य साथियों ने हिंदुओं को यीशु के खून के रूप में अंगूर का रस पीने के लिए मजबूर किया, यह अंधविश्वास फैलाया कि ईसाई प्रार्थना आपकी बीमारी को ठीक कर देगी. उन्होंने यह समझाने का प्रयास किया कि ईसाई धर्म श्रेष्ठ है.
शिकायत में कहा गया है कि उन्हें हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया. कहा गया कि जीसस की पूजा करने से स्वास्थ्य और आर्थिक समस्याएं दूर होंगी. इस मामले का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक महिला तंत्र-मंत्र करती और ईसाई धर्म की पैरवी करती नजर आ रही है. आलंदी पुलिस मामले की जांच कर रही है.
गौरतलब है कि हाल ही में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने की मांग वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल की गई है. आवेदन हिंदू धार्मिक गुरु स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने दिया है. उनका तर्क है कि संविधान का अनुच्छेद 25 धर्म परिवर्तन का अधिकार देता है न कि धर्मांतरण का अधिकार. उनका आरोप है कि केंद्र की निष्क्रियता के कारण कई मस्जिदें और चर्च समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को धर्मांतरित करके धर्म परिवर्तन का केंद्र बन गए हैं.
स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने तर्क दिया है कि धर्म परिवर्तन के लिए मिशनरियों का मुख्य लक्ष्य महिलाएं और बच्चे हैं और बल प्रयोग करके देश के सामाजिक, आर्थिक और वंचित और दलित लोगों का सामूहिक धर्मांतरण किया जा रहा है.
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