हैदराबाद: चुनावी हलफनामे में छेड़छाड़ के मामले में महबूबनगर सेकेंड टाउन पुलिस ने राज्य के उत्पाद शुल्क मंत्री श्रीनिवास गौड़ समेत भारत के चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त, राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों, कई आईएएस (IAS) और राजस्व अधिकारियों के खिलाफ कुल 21 धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. मामला नाटकीय घटनाक्रम के बीच दर्ज किया गया क्योंकि नामपल्ली पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव कोर्ट ने पहले के आदेशों के बावजूद मामला दर्ज करने में देरी पर शुक्रवार को नाराजगी व्यक्त की.
पुलिस ने 241/2023 नंबर से एफआईआर दर्ज की. कोर्ट के आदेश का यह मामला शुक्रवार दोपहर सामने आया. हालांकि, पुलिस ने बताया कि मामला शुक्रवार सुबह 9 बजे दर्ज किया गया. मंत्री के साथ भारत के चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इसमें चुनाव आयोग के तत्कालीन सचिव संजय कुमार, 2018 के चुनावों के दौरान विभिन्न पदों पर कार्य करने वाले अधिकारी, शशांक गोयल, रोनाल्ड्रास, जे. श्रीनिवास, के. वेंकटेश गौड़, ए. पद्मश्री, एस. वेंकट राव, एडवोकेट राजेंद्र प्रसाद, विश्रांत शामिल हैं. सरकारी कर्मचारी डी. सुधाकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
ज्ञात हो कि महबूबनगर के राघवेंद्र राजू ने नामपल्ली में जन प्रतिनिधि अदालत में एक निजी याचिका दायर की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मंत्री श्रीनिवास गौड़ चुनावी हलफनामे में छेड़छाड़ में शामिल थे. 31 जुलाई को कोर्ट ने महबूबनगर के दूसरे टाउन पुलिस स्टेशन के एसएसओ (SHO) को मंत्री और अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी ( FIR) दर्ज करने और जांच करने का निर्देश दिया. हालांकि, यह आदेश एक सप्ताह से भी कम समय पहले पुलिस तक पहुंचा था, लेकिन इस मामले में एक मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के नाम शामिल होने के कारण पुलिस ने मामला दर्ज करने में आनाकानी की.
याचिकाकर्ता राघवेंद्र राजू ने मामला दर्ज नहीं होने का दावा करते हुए एक बार फिर पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने शुक्रवार को देरी पर नाराजगी जताई. इसमें शाम 4 बजे से पहले यह बताने का आदेश जारी किया गया कि मामला दर्ज किया गया है या नहीं. यदि यह पंजीकृत नहीं है तो इसे अदालत की अवमानना का अपराध माना जाएगा. इस संदर्भ में पुलिस ने बताया कि एफआईआर शुक्रवार सुबह 9 बजे दर्ज की गई.