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लखनऊ के 8 पुलिसकर्मियों पर डकैती का केस दर्ज, जानिए क्या है मामला

लखनऊ के 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानपुर में डकैती का मामला सामने आया है. डकैती के इस मामले में कोर्ट के आदेश पर 8 पुलिसवालों के खिलाफ कानपुर के काकादेव थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.

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Published : Nov 24, 2021, 3:47 PM IST

कानपुर : लखनऊ के 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानपुर में डकैती (case of robbery) का मामला सामने आया है. डकैती के इस मामले में कोर्ट के आदेश पर 8 पुलिसवालों के खिलाफ कानपुर के काकादेव थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.

मामला कानपुर महानगर के काकादेव थाना क्षेत्र का है. जहां मयंक नाम का युवक रेस्टोरेंट चलाता है. उसने बताया कि 24 जनवरी 2021 को वह अपने दोस्तों के साथ कानपुर के एक टी स्टॉल पर चाय पी रहा था. इस दौरान कुछ लोग गाड़ी से उतरे और उसे जबरन गाड़ी में बैठा लिया और लखनऊ कैंट कोतवाली ले गए. जहां पर मयंक की मां दुर्गा पहले से मौजूद थी.

मयंक ने बताया कि कार में जबरन बैठाने वाला व्यक्ति डीसीपी पूर्वी की क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर रजनीश वर्मा था. जिन्होंने गिरफ्तार करने का कोई कारण नहीं बताया. इस दौरान उनके साथ थाने में मारपीट की गई और छोड़ने के नाम पर 40 लाख रुपये मांगे गए. इसके बाद मयंक को वापस कानपुर लाया गया. जहां पुलिसवालों ने मयंक के रिश्तेदार के घर पर डाका डालकर नकदी और जेवरात लूट लिए और सभी को जेल से छोड़ने के एवज में 40 लाख रुपये की वसूली भी की.

पीड़ित मयंक ने मामले में कोर्ट के जरिए न्याय की गुहार लगाई. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर कानपुर के काकादेव थाने में लखनऊ के डीसीपी पूर्वी की क्राइम टीम में तैनात 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ डकैती और मारपीट के मामले में केस दर्ज किया गया.

पढ़ेंः UP Election 2022: अखिलेश से मिले AAP सांसद संजय सिंह, गठबंधन पर हुई चर्चा

कानपुर : लखनऊ के 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानपुर में डकैती (case of robbery) का मामला सामने आया है. डकैती के इस मामले में कोर्ट के आदेश पर 8 पुलिसवालों के खिलाफ कानपुर के काकादेव थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.

मामला कानपुर महानगर के काकादेव थाना क्षेत्र का है. जहां मयंक नाम का युवक रेस्टोरेंट चलाता है. उसने बताया कि 24 जनवरी 2021 को वह अपने दोस्तों के साथ कानपुर के एक टी स्टॉल पर चाय पी रहा था. इस दौरान कुछ लोग गाड़ी से उतरे और उसे जबरन गाड़ी में बैठा लिया और लखनऊ कैंट कोतवाली ले गए. जहां पर मयंक की मां दुर्गा पहले से मौजूद थी.

मयंक ने बताया कि कार में जबरन बैठाने वाला व्यक्ति डीसीपी पूर्वी की क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर रजनीश वर्मा था. जिन्होंने गिरफ्तार करने का कोई कारण नहीं बताया. इस दौरान उनके साथ थाने में मारपीट की गई और छोड़ने के नाम पर 40 लाख रुपये मांगे गए. इसके बाद मयंक को वापस कानपुर लाया गया. जहां पुलिसवालों ने मयंक के रिश्तेदार के घर पर डाका डालकर नकदी और जेवरात लूट लिए और सभी को जेल से छोड़ने के एवज में 40 लाख रुपये की वसूली भी की.

पीड़ित मयंक ने मामले में कोर्ट के जरिए न्याय की गुहार लगाई. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर कानपुर के काकादेव थाने में लखनऊ के डीसीपी पूर्वी की क्राइम टीम में तैनात 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ डकैती और मारपीट के मामले में केस दर्ज किया गया.

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