नई दिल्ली : एक अनूठे प्रयोग के तहत केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठकों में जाने के लिए मंत्रिगण कार साझा (कारपुलिंग) कर रहे हैं. इन बैठकों को 'चिंतन शिविर' का नाम दिया गया है और इसका उद्देश्य दक्षता, सेवा और प्रशासन में सुधार करना है. यह जानकारी सूत्रों ने दी है.
उन्होंने बताया कि ऐसी तीन बैठकें दक्षता, समय प्रबंधन, परियोजना और नीति केंद्रित क्रियान्वयन और हितधारकों के साथ बेहतर संबंध विकसित करने को लेकर हो चुकी है. चौथी बैठक मंगलवार को हुई.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कार साझा करने के प्रयोग की शुरुआत तीसरी बैठक में हुई. प्राप्त जानकारी के मुताबिक एक कार एक केंद्रीय मंत्री और दो राज्यमंत्री साझा करते हैं और संभवत: तीनों मंत्री अलग-अलग मंत्रालयों के होते हैं. ऐसा करने के पीछे उद्देश्य यह है कि मंत्रियों के बीच संवाद बढ़ें. सूत्रों ने बताया कि विभिन्न राज्यमंत्री एक केंद्रीय मंत्री के साथ एक ही गाड़ी में चिंतन शिविर में शामिल होने जाते हैं.
पिछले चिंतन शिविर में केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान, मनसुख मांडविया, पीयूष गोयल, गजेंद्र सिंह शेखावत, नरेंद्र सिंह तोमर और हरदीप सिंह पुरी ने प्रस्तुति दी थी. इन प्रस्तुतियों के बाद विभिन्न प्रासंगिक विषयों पर मुक्त चर्चा हुई जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने भी सुझाव दिए. चौथी बैठक में दो केंद्रीय मंत्री शासन से जुड़े सामन्य विषयों और मंत्रियों से संबंधित दैनंदिन मामलों पर प्रस्तुति दे सकते हैं.