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कोरोना के बढ़ते मामले देख 'हाइब्रिड' मोड में चलेगी कोलकाता हाईकोर्ट

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Published : Apr 9, 2021, 6:56 PM IST

कोलकाता हाई कोर्ट ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 12 से 30 अप्रैल, 2021 तक कोर्ट की सुनवाई हाईब्रिड में करने का फैसला किया.

कोरोना के बढ़ते मामले देख 'हाइब्रिड' मोड में चलेगी कोलकाता हाईकोर्ट
कोरोना के बढ़ते मामले देख 'हाइब्रिड' मोड में चलेगी कोलकाता हाईकोर्ट

कोलकाता : कोविड के मामलों में आए हालिया उछाल के बाद, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अपनी कोविड समिति की सिफारिश पर गुरुवार को अपने कोलकाता की मुख्य बेंच और जलपाईगुड़ी और पोर्ट ब्लेयर में सर्किट बेंच में 12 से 30 अप्रैल, 2021 तक हाइब्रिड मोड (भौतिक और आभासी दोनों) के माध्यम से सुनवाई करने का फैसला किया है.

न्यायालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, 'कार्यवाही को मौजूदा अधिसूचनाओं के रूप में भौतिक या वर्चुअल या दो में से किसी एक तरीकों (हाइब्रिड) के रूप में आयोजित किया जाएगा. अदालत में गवाहों की उपस्थिति और बयान को 30 अप्रैल, 2021 के बाद की तारीख पर स्थगित कर दिया गया है.'

अधिसूचना में आगे कहा गया है कि न्यायालय केवल आवेदनों, अभियोगों, अपीलों के प्रवेश और सुनवाई योग्य मामलों की सुनवाई करेगा. अन्य सुनवाई के मामले 30 अप्रैल, 2021 के बाद सूचीबद्ध किए जाएंगे.

अदालत ने कहा कि वादियों को कोर्ट परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है, जब तक कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित न होना पड़े या न्यायालय द्वारा सम्मन न किया जाए. हालांकि, शपथपत्रों की पुष्टि के लिए ग्राउंड फ्लोर पर सीमित पहुंच की अनुमति है.

ये भी पढ़ें : कोरोना का कहर : राज्यों के अस्पतालों में वैक्सीन और बिस्तर की सुविधा का अभाव

अधिसूचना के अनुसार, जमानत और अग्रिम जमानत अर्जी से संबंधित खंडपीठ को छोड़कर प्रत्येक खंडपीठ की सूची में मामले लगभग 60 होने चाहिए.

इसमें आगे बार के पदाधिकारियों से अनुरोध किया गया कि वे अपने सदस्यों को उन मामलों को जो वो भौतिक रूप से देख रहे हैं, के खत्म होने के तुरंत बाद कोर्ट छोड़ दें. उनसे अनुरोध है कि किसी भी सदस्य को सर्दी, खांसी या बुखार होने पर कोर्ट में उपस्थित होने से रोका जाए.

कोर्ट ने कहा, 'बार के सदस्यों से अनुरोध किया जाता है कि वे कोविड-19 मानदंडों का पालन करें.'

कोलकाता : कोविड के मामलों में आए हालिया उछाल के बाद, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अपनी कोविड समिति की सिफारिश पर गुरुवार को अपने कोलकाता की मुख्य बेंच और जलपाईगुड़ी और पोर्ट ब्लेयर में सर्किट बेंच में 12 से 30 अप्रैल, 2021 तक हाइब्रिड मोड (भौतिक और आभासी दोनों) के माध्यम से सुनवाई करने का फैसला किया है.

न्यायालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, 'कार्यवाही को मौजूदा अधिसूचनाओं के रूप में भौतिक या वर्चुअल या दो में से किसी एक तरीकों (हाइब्रिड) के रूप में आयोजित किया जाएगा. अदालत में गवाहों की उपस्थिति और बयान को 30 अप्रैल, 2021 के बाद की तारीख पर स्थगित कर दिया गया है.'

अधिसूचना में आगे कहा गया है कि न्यायालय केवल आवेदनों, अभियोगों, अपीलों के प्रवेश और सुनवाई योग्य मामलों की सुनवाई करेगा. अन्य सुनवाई के मामले 30 अप्रैल, 2021 के बाद सूचीबद्ध किए जाएंगे.

अदालत ने कहा कि वादियों को कोर्ट परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है, जब तक कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित न होना पड़े या न्यायालय द्वारा सम्मन न किया जाए. हालांकि, शपथपत्रों की पुष्टि के लिए ग्राउंड फ्लोर पर सीमित पहुंच की अनुमति है.

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अधिसूचना के अनुसार, जमानत और अग्रिम जमानत अर्जी से संबंधित खंडपीठ को छोड़कर प्रत्येक खंडपीठ की सूची में मामले लगभग 60 होने चाहिए.

इसमें आगे बार के पदाधिकारियों से अनुरोध किया गया कि वे अपने सदस्यों को उन मामलों को जो वो भौतिक रूप से देख रहे हैं, के खत्म होने के तुरंत बाद कोर्ट छोड़ दें. उनसे अनुरोध है कि किसी भी सदस्य को सर्दी, खांसी या बुखार होने पर कोर्ट में उपस्थित होने से रोका जाए.

कोर्ट ने कहा, 'बार के सदस्यों से अनुरोध किया जाता है कि वे कोविड-19 मानदंडों का पालन करें.'

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