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मिथुन चक्रवर्ती को राहत, डायलॉग बोलने पर दर्ज एफआईआर को कोर्ट ने खारिज किया

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Published : Dec 9, 2021, 5:19 PM IST

कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कौशिक चंदा पीठ ने पश्चिम बंगाल चुनाव अभियान के दौरान विवादास्पद भाषण (controversial speech) देने के मामले में अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी ( FIR against Mithun Chakraborty ) रद्द कर दी है.

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मिथुन चक्रवर्ती

कोलकाता : अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती (actor Mithun Chakraborty) को कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court ) से बड़ी राहत मिली है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कौशिक चंदा पीठ ने पश्चिम बंगाल चुनाव अभियान के दौरान विवादास्पद भाषण (controversial speech) देने के मामले में अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी ( FIR against Mithun Chakraborty ) रद्द कर दी है.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान मिथुन चक्रवर्ती भाजपा में शामिल हुए थे. सात मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली थी. इसी रैली में मिथुन चक्रवर्ती ने कहा था कि न मैं जोलधारा सांप हूं, और न ही मैं बेलेबोड़ा सांप हूं, मैं एक कोबरा हूं. मैं असली कोबरा हूं... डसूंगा तो फोटो बन जाओगे. इसके अलावा उनके एक और डॉयलॉग को टीएमसी ने मुद्दा बनाया था. चुनावी रैली में मिथुन ने कहा था कि मारूंगा यहां, तो लाश गिरेगा श्मशान में.

मिथुन के इस बयान को तृणमूल कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई थी. भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी. विवादित भाषण से संबंधित मामले में मिथुन के खिलाफ मानिकलता पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था.

पढ़ें - बंगाल सरकार ने ऑपइंडिया संपादक के खिलाफ मामला वापस लिया, सुप्रीम कोर्ट ने की सराहना

इसके खिलाफ मिथुन चक्रवर्ती ने अदालत में अपील की थी. अपने फैसले में जस्टिस कौशिक चंदा की बेंच ने एफआईआर खारिज करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी जांच की आवश्यकता नहीं है. अदालत ने टिप्पणी की थी कि किसी फिल्म के डायलॉग से हिंसा नहीं फैलती. न ही अशांति होती है.

कोलकाता : अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती (actor Mithun Chakraborty) को कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court ) से बड़ी राहत मिली है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कौशिक चंदा पीठ ने पश्चिम बंगाल चुनाव अभियान के दौरान विवादास्पद भाषण (controversial speech) देने के मामले में अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी ( FIR against Mithun Chakraborty ) रद्द कर दी है.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान मिथुन चक्रवर्ती भाजपा में शामिल हुए थे. सात मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली थी. इसी रैली में मिथुन चक्रवर्ती ने कहा था कि न मैं जोलधारा सांप हूं, और न ही मैं बेलेबोड़ा सांप हूं, मैं एक कोबरा हूं. मैं असली कोबरा हूं... डसूंगा तो फोटो बन जाओगे. इसके अलावा उनके एक और डॉयलॉग को टीएमसी ने मुद्दा बनाया था. चुनावी रैली में मिथुन ने कहा था कि मारूंगा यहां, तो लाश गिरेगा श्मशान में.

मिथुन के इस बयान को तृणमूल कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई थी. भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी. विवादित भाषण से संबंधित मामले में मिथुन के खिलाफ मानिकलता पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था.

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इसके खिलाफ मिथुन चक्रवर्ती ने अदालत में अपील की थी. अपने फैसले में जस्टिस कौशिक चंदा की बेंच ने एफआईआर खारिज करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी जांच की आवश्यकता नहीं है. अदालत ने टिप्पणी की थी कि किसी फिल्म के डायलॉग से हिंसा नहीं फैलती. न ही अशांति होती है.

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