कोलकाता : पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद कथित हिंसा के मामले में जांच कर रही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक समिति ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) में सीलबंद लिफाफों में पांच सेट में अपनी रिपोर्ट जमा की. उच्च न्यायालय ने भाजपा के श्रमिक प्रकोष्ठ के नेता अभिजीत सरकार के शव की पहचान के लिए डीएनए मिलान का आदेश दिया.
अदालत की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इस बात का संज्ञान लिया कि भाजपा के श्रमिक प्रकोष्ठ के नेता अभिजीत सरकार के शव का दूसरा पोस्टमॉर्टम यहां कमांड अस्पताल में उसके पिछले निर्देश के अनुसार किया गया है और रिपोर्ट तैयार की जा रही है. सरकार कथित रूप से चुनाव बाद भड़की हिंसा में कोलकाता में मारे गये थे और उनके परिवार ने दूसरी बार पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की थी.
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चुनाव पश्चात हिंसा के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच के लिए उच्च न्यायालय के आदेश पर मानवाधिकार आयोग द्वारा गठित समिति ने अलग-अलग सीलबंद लिफाफों में रिपोर्ट के पांच सेट जमा किये और पीठ ने इसे रिकॉर्ड में लिया.
समिति ने इससे पहले अदालत में प्रारंभिक रिपोर्ट जमा की थी और व्यापक रिपोर्ट जमा करने के लिए और समय मांगा था जिसके लिए पीठ ने अनुमति दे दी.अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल वाई जे दस्तूर ने मंगलवार को कहा कि सरकार के भाई ने शव की बुरी हालत होने के कारण उनकी पहचान करने में असमर्थता जाहिर की है जिसके बाद पीठ ने उनसे डीएनए मिलान का आदेश जारी किया.