रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव ने पंचायत विभाग के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया (TS Singhdeo resigns from post of Panchayat Minister) है. टी एस सिंहदेव ने अपना इस्तीफा पंचायत विभाग से दिया ( ts singhdev resigns from panchayat minister) है. उन्होंने सीएम को इस्तीफा भेजा है. सूत्रों के मुताबिक टीएस सिंह देव इस बात से नाराज थे कि उनके आदेश का पालन विभाग में नहीं हो रहा है. सिंहदेव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा सौंप दिया है. टीएस सिंहदेव के पास अब लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीससूत्रीय, वाणिज्यिक कर (जीएसटी) का प्रभार है.
क्या हो सकता है कारण : रामअवतार तिवारी ने कहा कि ''यह कोई पहला या दूसरा मामला नहीं है जिस पर सिंहदेव की नाराजगी (TS Singhdev displeasure) देखी गई. इसके पहले भी कई अवसरों पर सिंहदेव की खुलकर सरकार के खिलाफ नाराजगी सामने आई है.'' तिवारी ने यह भी कहा कि ''प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री के पद को लेकर खींचतान मची हुई थी. जिसे हाईकमान ने सुलझा लिया था और मुख्यमंत्री का पद भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) को दे दिया था. इसके बाद से ही बघेल और सिंहदेव के बीच मतभेद साफ दिखाई पड़ने लगा. जब भूपेश सरकार के ढाई साल पूरे हुए उस समय भी टीएस सिंह देव लगातार हाईकमान से मिलने दिल्ली जाते रहे हैं. जिसे मुख्यमंत्री के बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा था. मगर उसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था.''
इस्तीफे पर बीजेपी का बयान : सिंहदेव के अचानक पंचायत विभाग के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत (BJP spokesperson Rajesh Munat) ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि ''पद पर रहते हुए काम ना कर पाने से अच्छा है कि विभाग ही छोड़ दें. टी एस सिंहदेव ने पंचायत मंत्री का पद छोड़कर बड़ा जिगर दिखाया है. भूपेश बघेल जी आपसे भी सरकार नहीं संभल रही है थोड़ी हिम्मत दिखाइए.''
विष्णुदेव साय ने सीएम भूपेश पर साधा निशाना : छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा देने पर कहा कि '' पंचायत मंत्री का एक विभाग छोड़ना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तानाशाही का प्रमाण है. मुख्यमंत्री न खुद कोई काम कर रहे और न ही मंत्रियों को करने देते. उनकी हिटलरशाही से तंग आकर पंचायत मंत्री सिंहदेव ने पंचायत विभाग छोड़ दिया है. सिंहदेव को स्वास्थ्य मंत्री के पद से भी इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि इस विभाग में भी उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा.
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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 के बाद सिंहदेव को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया: प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन सिंहदेव मुख्यमंत्री नहीं बन सके. पार्टी ने भूपेश बघेल को सीएम की कुर्सी सौंप दी और टीएस सिंहदेव मंत्री बनाए गए. छत्तीसगढ़ की सियासत में यह मुद्दा काफी चर्चा में रहा है. ढाई-ढाई के सीएम के फॉर्मूले की बात ने भी बीच में काफी जोर पकड़ा. नौबत यहां तक पहुंच गई कि छत्तीसगढ़ के विधायकों की दिल्ली परेड तक हो चुकी है. एक वक्त तो यह भी लगने लगा था कि अब छत्तीसगढ़ की कमान सिंहदेव के हाथ में सौंप दी जाएगी. लेकिन फिर यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया. गाहे-बगाहे सिंहदेव के नाराज होने की खबरें अब भी आते रहती हैं. सिंहदेव का इस्तीफे को भी इसी मसले से जोड़कर देखा जा रहा है.
कौन हैं टीएस सिंहदेव: राज परिवार में जन्मे सिंहदेव ने भोपाल के हमीदिया कॉलेज से इतिहास विषय में एमए (MA in History) किया है. सरगुजा रियासत (princely state) के महाराजा टीएस सिंहदेव के राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 1983 में अंबिकापुर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष (President of Municipal Council) चुने जाने के साथ हुई. वह 10 साल तक इस पद पर बने रहे. मौजूदा दौर में सिंहदेव अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. सिंहदेव 2008 से लगातार अंबिकापुर से जीतते हुए आ रहे हैं. 2013 विधानसभा चुनावों में वह सबसे अमीर उम्मीदवार थे. सिंहदेव करीब 500 करोड़ से अधिक संपत्ति के मालिक हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में टीएस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस की तरफ से घोषणा पत्र बनाने का काम किया था. उन्हें छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की घोषणा पत्र कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था.