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उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत को 3 महीने की जेल, जानिए मामला - cabinet minister harak singh rawat

साल 2012 में विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में उत्तराखंड के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को तीन महीने की जेल सजा सुनाई गई है और उनपर एक हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है. हालांकि, हरक सिंह रावत को मौके पर ही जमानत भी मिल गई.

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत
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Published : Nov 10, 2020, 9:29 PM IST

रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड सरकार के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन मामले में तीन महीने की जेल और एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. हालांकि, हरक सिंह रावत को मौके पर ही जमानत मिल गई. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शहजाद अहमद वाहिद की अदालत ने ये फैसला सुनाया. अन्य आरोपी को न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया है.

मंगलवार को जिला न्यायालय में मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट शहजाद अहमद वाहिद ने सुनवाई करते हुए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (विधि विरूद्ध जमाव) के मामले में दोषी पाते हुए तीन माह की जेल और एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अन्य आरोपी वीर सिंह बुडेरा को सभी मामलों में दोषमुक्त कर दिया गया.

पढ़ें: हरक के करीबियों पर कर्मकार बोर्ड का 'हंटर', 38 कर्मचारियों की छुट्टी

अभियोजन अधिकारी ममता मनादोली ने बताया कि वर्ष 2012 में कैनिबेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव लड़ा था, तब हरक सिंह रावत और उनके चार समर्थक वीरेंद्र बुटोला, अंकुर रौथाण, वीर सिंह बुडेरा और रघुवीर सिंह के खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन और प्रशाासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों पर अभद्रता का आरोप लगा था.

रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड सरकार के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन मामले में तीन महीने की जेल और एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. हालांकि, हरक सिंह रावत को मौके पर ही जमानत मिल गई. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शहजाद अहमद वाहिद की अदालत ने ये फैसला सुनाया. अन्य आरोपी को न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया है.

मंगलवार को जिला न्यायालय में मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट शहजाद अहमद वाहिद ने सुनवाई करते हुए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (विधि विरूद्ध जमाव) के मामले में दोषी पाते हुए तीन माह की जेल और एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अन्य आरोपी वीर सिंह बुडेरा को सभी मामलों में दोषमुक्त कर दिया गया.

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अभियोजन अधिकारी ममता मनादोली ने बताया कि वर्ष 2012 में कैनिबेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव लड़ा था, तब हरक सिंह रावत और उनके चार समर्थक वीरेंद्र बुटोला, अंकुर रौथाण, वीर सिंह बुडेरा और रघुवीर सिंह के खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन और प्रशाासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों पर अभद्रता का आरोप लगा था.

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