ETV Bharat / bharat

DICGC कानून में संशोधन, बैंक डूबा तो 90 दिनों में मिल जाएंगे 5 लाख रुपये - Cabinet Briefing finance minister sitharaman

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को डीआईसीजीसी अधिनियम में संशोधन (amendment to DICGC Act) के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इसका उद्येश्य किसी संकट के कारण बैंक पर लेन-देन की पाबंदी लागू होने की स्थिति में उसके जमाकर्ताओं को समय पर सहायता सुनिश्चित करने के लिए 90 दिन के भीतर उन्हें पांच लाख रुपये तक की अपनी जमा राशि प्राप्त करने का अवसर सुनिश्चित करना है.

sitaraman
sitaraman
author img

By

Published : Jul 28, 2021, 5:56 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 6:08 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग (Cabinet meeting) में बुधवार को कई बड़े विषयों पर फैसला लिया गया. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) बनाया गया था, जब आरबीआई द्वारा बैंकों पर ऋण स्थगन लागू करने के बाद लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. आज की कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया है कि 90 दिनों के भीतर जमाकर्ताओं (ग्राहकों) को उनके 5 लाख रुपये मिलेंगे.

पिछले साल सरकार ने पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक जैसे संकटग्रस्त बैंकों के जमाकर्ताओं को सहायता देने के लिए जमा राशि पर बीमा आवरण को पांच गुना बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया था.

पीएमसी बैंक के डूबने के बाद यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक भी संकट आए, जिनका पुनर्गठन नियामक और सरकार द्वारा किया गया.

जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) अधिनियम, 1961 में संशोधन की घोषणा वित्त मंत्री ने आम बजट में की थी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंत्रिमंडल के इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि इस विधेयक को मौजूदा मानसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है.

विधेयक के कानून बनने के बाद इससे उन हजारों जमाकर्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी, जिन्होंने अपना धन पीएमसी बैंक और दूसरे छोटे सहकारी बैंकों में जमा किया था.

मौजूदा प्रावधानों के अनुसार पांच लाख रुपये तक का जमा बीमा तब लागू होता है, जब किसी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है और परिसमापन प्रक्रिया शुरू हो जाती है.

डीआईसीजीसी (DICGC) भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो बैंक जमा पर बीमा आवरण देती है.

पढ़ें :- जासूसी कांड पर विपक्ष हमलावर, राहुल बोले- मोदी सरकार ने कराई जासूसी, देना होगा जवाब

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों और बहुपक्षीय एजेंसियों, सुरक्षा आयोगों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन और बीमा पर्यवेक्षकों के अंतरराष्ट्रीय संघ के बीच एक बहुपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

इस दौरान कैबिनेट ने डीआईसीजीसी एक्ट (DICGC Act 2021) में बदलाव को मंजूरी दे दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, DICGC बिल 2021 के तहत, सभी डिपॉजिट का 98.3% कवर किया जाएगा और जमा मूल्य के संदर्भ में, 50.9% जमा मूल्य को कवर किया जाएगा. वैश्विक जमा मूल्य सभी जमा खातों का केवल 80% है. इसमें जमा मूल्य का केवल 20-30% शामिल होता है.

हर बैंक में वास्तव में जमा राशि के 100 रुपये के लिए 10 पैसे का प्रीमियम हुआ करता था. इसे अब बढ़ाकर 12 पैसे किया जा रहा है. यह किसी भी समय प्रति 100 रुपये में 15 पैसे से अधिक नहीं होना चाहिए. हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि सीमा के मामले में हमारे पास एक सक्षम प्रावधान होगा.

लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप बिल (Limited Liability Partnership (LLP) Act) में पहली बार संशोधन का प्रस्ताव किया गया है. हम कंपनी अधिनियम में बहुत सारे बदलाव कर रहे हैं और कॉर्पोरेट निकायों को व्यापार करने में बहुत आसानी हो रही है. LLP स्टार्टअप्स के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं.

हम छोटे एलएलपी के दायरे का विस्तार कर रहे हैं. 25 लाख रुपये से कम या उसके बराबर योगदान वाले एलएलपी और 40 लाख रुपये से कम टर्नओवर वाले एलएलपी को छोटे एलएलपी के रूप में माना जाता है. अब, 25 लाख रुपये 5 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएंगे और कारोबार का आकार 50 करोड़ रुपये माना जाएगा.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, सदन की कार्यवाही से पहले, मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था. वे चाहते थे कि कोविड पर चर्चा हो, पीएम ने फ्लोर लीडर्स की मौजूदगी में प्रेजेंटेशन की व्यवस्था की. कांग्रेस और कुछ अन्य राजनीतिक दल उसके लिए नहीं आए.

अगर विपक्ष देश-दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती पर भी चर्चा के लिए तैयार नहीं थे, अगर वे प्रेजेंटेशन के लिए तैयार नहीं थे, तो वे लोगों से संबंधित मुद्दों को कहां उठाएंगे? संसद मुद्दों पर चर्चा के लिए है, सरकार इसके लिए तैयार है.

नई दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग (Cabinet meeting) में बुधवार को कई बड़े विषयों पर फैसला लिया गया. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) बनाया गया था, जब आरबीआई द्वारा बैंकों पर ऋण स्थगन लागू करने के बाद लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. आज की कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया है कि 90 दिनों के भीतर जमाकर्ताओं (ग्राहकों) को उनके 5 लाख रुपये मिलेंगे.

पिछले साल सरकार ने पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक जैसे संकटग्रस्त बैंकों के जमाकर्ताओं को सहायता देने के लिए जमा राशि पर बीमा आवरण को पांच गुना बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया था.

पीएमसी बैंक के डूबने के बाद यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक भी संकट आए, जिनका पुनर्गठन नियामक और सरकार द्वारा किया गया.

जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) अधिनियम, 1961 में संशोधन की घोषणा वित्त मंत्री ने आम बजट में की थी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंत्रिमंडल के इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि इस विधेयक को मौजूदा मानसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है.

विधेयक के कानून बनने के बाद इससे उन हजारों जमाकर्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी, जिन्होंने अपना धन पीएमसी बैंक और दूसरे छोटे सहकारी बैंकों में जमा किया था.

मौजूदा प्रावधानों के अनुसार पांच लाख रुपये तक का जमा बीमा तब लागू होता है, जब किसी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है और परिसमापन प्रक्रिया शुरू हो जाती है.

डीआईसीजीसी (DICGC) भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो बैंक जमा पर बीमा आवरण देती है.

पढ़ें :- जासूसी कांड पर विपक्ष हमलावर, राहुल बोले- मोदी सरकार ने कराई जासूसी, देना होगा जवाब

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों और बहुपक्षीय एजेंसियों, सुरक्षा आयोगों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन और बीमा पर्यवेक्षकों के अंतरराष्ट्रीय संघ के बीच एक बहुपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

इस दौरान कैबिनेट ने डीआईसीजीसी एक्ट (DICGC Act 2021) में बदलाव को मंजूरी दे दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, DICGC बिल 2021 के तहत, सभी डिपॉजिट का 98.3% कवर किया जाएगा और जमा मूल्य के संदर्भ में, 50.9% जमा मूल्य को कवर किया जाएगा. वैश्विक जमा मूल्य सभी जमा खातों का केवल 80% है. इसमें जमा मूल्य का केवल 20-30% शामिल होता है.

हर बैंक में वास्तव में जमा राशि के 100 रुपये के लिए 10 पैसे का प्रीमियम हुआ करता था. इसे अब बढ़ाकर 12 पैसे किया जा रहा है. यह किसी भी समय प्रति 100 रुपये में 15 पैसे से अधिक नहीं होना चाहिए. हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि सीमा के मामले में हमारे पास एक सक्षम प्रावधान होगा.

लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप बिल (Limited Liability Partnership (LLP) Act) में पहली बार संशोधन का प्रस्ताव किया गया है. हम कंपनी अधिनियम में बहुत सारे बदलाव कर रहे हैं और कॉर्पोरेट निकायों को व्यापार करने में बहुत आसानी हो रही है. LLP स्टार्टअप्स के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं.

हम छोटे एलएलपी के दायरे का विस्तार कर रहे हैं. 25 लाख रुपये से कम या उसके बराबर योगदान वाले एलएलपी और 40 लाख रुपये से कम टर्नओवर वाले एलएलपी को छोटे एलएलपी के रूप में माना जाता है. अब, 25 लाख रुपये 5 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएंगे और कारोबार का आकार 50 करोड़ रुपये माना जाएगा.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, सदन की कार्यवाही से पहले, मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था. वे चाहते थे कि कोविड पर चर्चा हो, पीएम ने फ्लोर लीडर्स की मौजूदगी में प्रेजेंटेशन की व्यवस्था की. कांग्रेस और कुछ अन्य राजनीतिक दल उसके लिए नहीं आए.

अगर विपक्ष देश-दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती पर भी चर्चा के लिए तैयार नहीं थे, अगर वे प्रेजेंटेशन के लिए तैयार नहीं थे, तो वे लोगों से संबंधित मुद्दों को कहां उठाएंगे? संसद मुद्दों पर चर्चा के लिए है, सरकार इसके लिए तैयार है.

Last Updated : Jul 28, 2021, 6:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.