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Byelection : मैनपुरी लोकसभा सहित पांच राज्यों में विधानसभा उपचुनाव

यूपी की मैनपुरी लोकसभा और रामपुर तथा खतौली विधानसभा के लिए आज (सोमवार) मतदान हो रहा है. इन उपचुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) एवं राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार, ओडिशा में भी विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं. ओडिशा के पदमपुर, बिहार में कुढ़नी, राजस्थान के सरदारशहर और छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर सीट पर उपचुनाव है.

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Published : Dec 4, 2022, 7:41 PM IST

Updated : Dec 5, 2022, 8:18 AM IST

नई दिल्ली : देश के पांच राज्यों में विधानसभाओं की छह सीट और मैनपुरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव आज (सोमवार) हो रहा है. उत्तर प्रदेश (उप्र) में मैनपुरी लोकसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के परिवार का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से है. वहीं, उप्र में रामपुर और खतौली, ओडिशा में पदमपुर, राजस्थान में सरदारशहर, बिहार में कुढ़नी और छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव है.

मुलायम सिंह यादव का अक्टूबर में निधन हो जाने के कारण मैनपुरी सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी है. अलग-अलग अदालतों द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद सपा विधायक आजम खान और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विक्रम सिंह सैनी को अयोग्य घोषित किये जाने के कारण क्रमशः रामपुर सदर और मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. चुनाव आयोग के मुताबिक मैनपुरी लोकसभा सीट से छह उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि खतौली (मुजफ्फरनगर) और रामपुर विधानसभा क्षेत्र से क्रमश: 14 और 10 उम्मीदवार मैदान में हैं.

मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सपा की उम्मीदवार हैं, जबकि भाजपा ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के करीबी रहे रघुराज सिंह शाक्य पर अपना दांव लगाया है. शाक्य इस साल की शुरूआत में हुए राज्य विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने गुजरात विधानसभा चुनावों में अपने प्रचार कार्यक्रमों से समय निकालकर उप्र में उपचुनाव में मतदान करने के लिए तीनों क्षेत्रों का दौरा किया और जनसभाओं को संबोधित किया. कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उप्र उपचुनावों से दूरी बना ली है, जिस कारण वहां भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जून के उपचुनाव में अपने प्रतिनिधित्व वाली आजमगढ़ लोकसभा सीट के साथ-साथ रामपुर संसदीय सीट पर भी प्रचार नहीं किया था, लेकिन उन्होंने इस बार अपनी रणनीति बदली और मैनपुरी में अपनी पत्नी के लिए जोरदार प्रचार किया. अखिलेश ने एक रैली में कहा, 'इस लोकसभा क्षेत्र में नेताजी (मुलायम सिंह) ने काफी काम किये हैं. यहां नेताजी और सपा का हर परिवार से सीधा नाता है. वह यहां के लोगों को अपना परिवार मानते थे. नेताजी हर गांव और व्यक्ति का नाम जानते थे.'

रामपुर में मुकाबला भाजपा के आकाश सक्सेना और समाजवादी पार्टी के असीम राजा के बीच है. खतौली में सपा समर्थित रालोद के मदन भैया का मुकाबला भाजपा के अयोग्य घोषित किये गये विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी से है. लोकसभा की एक सीट और विधानसभा की छह सीट पर हो रहे उपचुनावों की मतगणना आठ दिसंबर को होगी, जिस दिन गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों की भी मतगणना होगी. उपचुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई है क्येांकि सत्तारूढ़ पार्टियों को अपने-अपने राज्यों में स्पष्ट बहुमत हासिल है.

राजस्थान के सरदारशहर (चुरू) विधानसभा सीट पर कुल 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें भारतीय जनता पार्टी के अशोक कुमार और कांग्रेस के अनिल कुमार शर्मा शामिल हैं. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के अंतर्गत आने वाले भानुप्रतापपुर क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी का 16 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. यह सीट तब से ​रिक्त है. इस उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अपनी पार्टी की ओर से प्रचार किया तथा भाजपा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रचार किया. बिहार में कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जद(यू) उम्मीदवार मनोज सिंह की सफलता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मजबूती देगी, जबकि हार से उनके नेतृत्व पर सवाल खड़े होंगे.

ओडिशा में पदमपुर उपचुनाव के लिए बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 2019 के बाद पहली बार प्रचार किया. वहीं, चार केंद्रीय मंत्रियों - नरेंद्र सिंह तोमर, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान और बिशेश्वर टुडू ने भाजपा उम्मीदवार प्रदीप पुरोहित के लिए प्रचार किया.

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा और रामपुर तथा खतौली विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए सोमवार को मतदान होगा. इन उपचुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) एवं राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने इन उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. राज्य निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक उपचुनाव के लिये मतदान सुबह सात बजे शुरू होगा जो शाम छह बजे तक चलेगा और परिणामों की घोषणा आगामी आठ दिसंबर को की जाएगी.

इन उपचुनाव में कुल 24 लाख 43 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. इनमें 13 लाख 14 हजार पुरुष, 11 लाख 29 हजार महिला तथा 132 अन्य श्रेणी के मतदाता शामिल हैं. उपचुनाव के लिये 1945 मतदान केन्द्र और 3062 मतदेय स्थल बनाये गये हैं. आयोग के मुताबिक मतदान को स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से कराने के लिए व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं.

मैनपुरी लोकसभा सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई है. वहीं, रामपुर सदर विधानसभा सीट आजम खां को नफरत भरा भाषण देने के मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने और खतौली सीट भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के कारण उनकी सदस्यता रद्द होने के चलते रिक्त हुई है.

मैनपुरी लोकसभा और रामपुर सदर विधानसभा क्षेत्र अरसे से समाजवादी पार्टी के गढ़ रहे हैं. लिहाजा उसके लिए यह उपचुनाव दूरगामी संदेश लेकर आएंगे. हालांकि इन उपचुनावों का केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों पर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि दोनों ही जगह भाजपा का पूर्ण बहुमत से ज्यादा का संख्या बल है. मगर इन उपचुनाव में हार-जीत का मनोवैज्ञानिक असर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है.

रामपुर सदर सीट पर आजम खां के करीबी आसिम राजा को सपा का प्रत्याशी बनाया गया है जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना को एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है. खतौली सीट पर निवर्तमान विधायक विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी भाजपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं जबकि सपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल ने मदन भैया को प्रत्याशी बनाया है.

इन उपचुनावों प्रचार में सपा और भाजपा दोनों नहीं अपनी पूरी ताकत झोंक दी. भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य तथा बृजेश पाठक और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने प्रचार किया जबकि इस साल जून में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान प्रचार में शामिल नहीं हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी में उप चुनाव प्रचार की कमान संभाली. साथ ही रामपुर सदर क्षेत्र में सपा उम्मीदवार आसिम राजा के पक्ष में आजम खां और दलित नेता चंद्रशेखर आजाद के साथ एक संयुक्त रैली भी की.

राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी अपने उम्मीदवार के समर्थन में खतौली क्षेत्र में ही रहे मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में अरसे बाद पूरा यादव परिवार एक साथ नजर आया. इस दौरान आपसी तनातनी को भुलाकर अखिलेश ने कई बार अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के सार्वजनिक मंच पर पैर छुए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिवपाल यादव की आलोचना करते हुए पेंडुलम और फुटबॉल से उनकी तुलना की. दूसरी ओर आजम खां ने खुद पर हो रहे 'जुल्म' की दुहाई देते हुए जनता से वोट मांगे.

नई दिल्ली : देश के पांच राज्यों में विधानसभाओं की छह सीट और मैनपुरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव आज (सोमवार) हो रहा है. उत्तर प्रदेश (उप्र) में मैनपुरी लोकसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के परिवार का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से है. वहीं, उप्र में रामपुर और खतौली, ओडिशा में पदमपुर, राजस्थान में सरदारशहर, बिहार में कुढ़नी और छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव है.

मुलायम सिंह यादव का अक्टूबर में निधन हो जाने के कारण मैनपुरी सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी है. अलग-अलग अदालतों द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद सपा विधायक आजम खान और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विक्रम सिंह सैनी को अयोग्य घोषित किये जाने के कारण क्रमशः रामपुर सदर और मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. चुनाव आयोग के मुताबिक मैनपुरी लोकसभा सीट से छह उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि खतौली (मुजफ्फरनगर) और रामपुर विधानसभा क्षेत्र से क्रमश: 14 और 10 उम्मीदवार मैदान में हैं.

मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सपा की उम्मीदवार हैं, जबकि भाजपा ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के करीबी रहे रघुराज सिंह शाक्य पर अपना दांव लगाया है. शाक्य इस साल की शुरूआत में हुए राज्य विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने गुजरात विधानसभा चुनावों में अपने प्रचार कार्यक्रमों से समय निकालकर उप्र में उपचुनाव में मतदान करने के लिए तीनों क्षेत्रों का दौरा किया और जनसभाओं को संबोधित किया. कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उप्र उपचुनावों से दूरी बना ली है, जिस कारण वहां भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जून के उपचुनाव में अपने प्रतिनिधित्व वाली आजमगढ़ लोकसभा सीट के साथ-साथ रामपुर संसदीय सीट पर भी प्रचार नहीं किया था, लेकिन उन्होंने इस बार अपनी रणनीति बदली और मैनपुरी में अपनी पत्नी के लिए जोरदार प्रचार किया. अखिलेश ने एक रैली में कहा, 'इस लोकसभा क्षेत्र में नेताजी (मुलायम सिंह) ने काफी काम किये हैं. यहां नेताजी और सपा का हर परिवार से सीधा नाता है. वह यहां के लोगों को अपना परिवार मानते थे. नेताजी हर गांव और व्यक्ति का नाम जानते थे.'

रामपुर में मुकाबला भाजपा के आकाश सक्सेना और समाजवादी पार्टी के असीम राजा के बीच है. खतौली में सपा समर्थित रालोद के मदन भैया का मुकाबला भाजपा के अयोग्य घोषित किये गये विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी से है. लोकसभा की एक सीट और विधानसभा की छह सीट पर हो रहे उपचुनावों की मतगणना आठ दिसंबर को होगी, जिस दिन गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों की भी मतगणना होगी. उपचुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई है क्येांकि सत्तारूढ़ पार्टियों को अपने-अपने राज्यों में स्पष्ट बहुमत हासिल है.

राजस्थान के सरदारशहर (चुरू) विधानसभा सीट पर कुल 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें भारतीय जनता पार्टी के अशोक कुमार और कांग्रेस के अनिल कुमार शर्मा शामिल हैं. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के अंतर्गत आने वाले भानुप्रतापपुर क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी का 16 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. यह सीट तब से ​रिक्त है. इस उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अपनी पार्टी की ओर से प्रचार किया तथा भाजपा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रचार किया. बिहार में कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जद(यू) उम्मीदवार मनोज सिंह की सफलता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मजबूती देगी, जबकि हार से उनके नेतृत्व पर सवाल खड़े होंगे.

ओडिशा में पदमपुर उपचुनाव के लिए बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 2019 के बाद पहली बार प्रचार किया. वहीं, चार केंद्रीय मंत्रियों - नरेंद्र सिंह तोमर, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान और बिशेश्वर टुडू ने भाजपा उम्मीदवार प्रदीप पुरोहित के लिए प्रचार किया.

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा और रामपुर तथा खतौली विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए सोमवार को मतदान होगा. इन उपचुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) एवं राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने इन उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. राज्य निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक उपचुनाव के लिये मतदान सुबह सात बजे शुरू होगा जो शाम छह बजे तक चलेगा और परिणामों की घोषणा आगामी आठ दिसंबर को की जाएगी.

इन उपचुनाव में कुल 24 लाख 43 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. इनमें 13 लाख 14 हजार पुरुष, 11 लाख 29 हजार महिला तथा 132 अन्य श्रेणी के मतदाता शामिल हैं. उपचुनाव के लिये 1945 मतदान केन्द्र और 3062 मतदेय स्थल बनाये गये हैं. आयोग के मुताबिक मतदान को स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से कराने के लिए व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं.

मैनपुरी लोकसभा सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई है. वहीं, रामपुर सदर विधानसभा सीट आजम खां को नफरत भरा भाषण देने के मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने और खतौली सीट भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के कारण उनकी सदस्यता रद्द होने के चलते रिक्त हुई है.

मैनपुरी लोकसभा और रामपुर सदर विधानसभा क्षेत्र अरसे से समाजवादी पार्टी के गढ़ रहे हैं. लिहाजा उसके लिए यह उपचुनाव दूरगामी संदेश लेकर आएंगे. हालांकि इन उपचुनावों का केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों पर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि दोनों ही जगह भाजपा का पूर्ण बहुमत से ज्यादा का संख्या बल है. मगर इन उपचुनाव में हार-जीत का मनोवैज्ञानिक असर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है.

रामपुर सदर सीट पर आजम खां के करीबी आसिम राजा को सपा का प्रत्याशी बनाया गया है जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना को एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है. खतौली सीट पर निवर्तमान विधायक विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी भाजपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं जबकि सपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल ने मदन भैया को प्रत्याशी बनाया है.

इन उपचुनावों प्रचार में सपा और भाजपा दोनों नहीं अपनी पूरी ताकत झोंक दी. भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य तथा बृजेश पाठक और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने प्रचार किया जबकि इस साल जून में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान प्रचार में शामिल नहीं हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी में उप चुनाव प्रचार की कमान संभाली. साथ ही रामपुर सदर क्षेत्र में सपा उम्मीदवार आसिम राजा के पक्ष में आजम खां और दलित नेता चंद्रशेखर आजाद के साथ एक संयुक्त रैली भी की.

राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी अपने उम्मीदवार के समर्थन में खतौली क्षेत्र में ही रहे मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में अरसे बाद पूरा यादव परिवार एक साथ नजर आया. इस दौरान आपसी तनातनी को भुलाकर अखिलेश ने कई बार अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के सार्वजनिक मंच पर पैर छुए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिवपाल यादव की आलोचना करते हुए पेंडुलम और फुटबॉल से उनकी तुलना की. दूसरी ओर आजम खां ने खुद पर हो रहे 'जुल्म' की दुहाई देते हुए जनता से वोट मांगे.

Last Updated : Dec 5, 2022, 8:18 AM IST
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