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पंजाब में 43 तो हरियाणा में 28 प्रतिशत पराली जलने के मामले बढ़े, धुएं में हवा हो गए सरकारी दावे

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 10, 2023, 1:12 PM IST

Updated : Oct 10, 2023, 1:54 PM IST

Stubble Burning Issue: पंजाब, हर‍ियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में प‍िछले साल के मुकाबले पराली जलाने के केस बढ़ गए हैं. 15 सितंबर से 9 अक्टूबर तक के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में 43 और हरियाणा में 28 प्रतिशत मामले बीते वर्ष की तुलना में बढ़े हैं.

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पराली जलने के मामले बढ़े

नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा में पराली (फसलों के अवशेषों) को जलाने का सिलसिला लगातार जारी है. पंजाब, हर‍ियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में प‍िछले साल के मुकाबले केस बढ़ गए हैं. इस मामले में पंजाब और हर‍ियाणा सबसे आगे हैं. 15 स‍ितंबर से 8 अक्टूबर तक पराली जलाने के 1688 केस सामने आए हैं, जबक‍ि 2022 में इसी अवध‍ि में स‍िर्फ 887 मामले थे. केवल हरियाणा और पंजाब की बात करें तो 15 सितंबर से 9 अक्टूबर तक के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में 43 और हरियाणा में 28 प्रतिशत मामले बीते वर्ष की तुलना में बढ़े हैं. सबसे अधिक 98.18 प्रतिशत पराली जलाने के मामले मध्य प्रदेश में बढ़ी है.

केंद्र सरकार पंजाब, हरियाणा, यूपी, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं का सैटेलाइट के जरिए मॉनिटरिंग करवा रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पराली से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कई साल से हो रहे प्रयासों को इस बार बड़ा झटका लगा है. द‍िल्ली को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में घटनाएं बढ़ गई है.

अपने ही दावों पर खरी नहीं उतर पा रही सरकारें : छह राज्यों में परली जलाए जाने पर रोक लगाने व समाधान निकालने को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को सरकार की ओर से एक्शन प्लान भी दिया गया था कई बार बैठकर भी हुई थीं, जिसमें राज्य सरकार की ओर से दावा किया गया था कि इस बार पराली जलाने के मामलों को काम करेंगे. इसके लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे और अन्य समाधान निकलेंगे. लेकिन 15 सितंबर से 9 अक्टूबर 2023 तक के आंकड़े देखें तो सरकारें अपने दावे पर खरी नहीं उतर रही हैं.

पराली को लेकर शुरू हो गई है राजनीति : दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है. दिल्ली में पराली न जलाई जाए इसके लिए खेतों में बायो डीकंपोजर का छिड़काव किया जा रहा है. आम आदमी पार्टी पंजाब में दवा के छिड़काव के साथ पराली को विभिन्न औद्योगिक उपयोग में लाने को कह रही है. इसके आधार पर पार्टी की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस बार पंजाब में 50 प्रतिशत पराली जलाने के मामले कम होंगे. लेकिन आम आदमी पार्टी हरियाणा में भाजपा की सरकार को पराली जलाने पर घर रही है

आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा है कि, "हरियाणा में पराली जलाने के मामले तीन गुना बढ़ गए हैं. हरियाणा की खट्टर सरकार इसे गंभीरता से न लेकर लोगों पर प्रदूषण का संकट खड़ा कर रही है. इतना ही नहीं हरियाणा में प्रणाली के गठन बनाने की मशीनों की खरीदारी में भी घोटाले का आरोप लगाया है."

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15 सितंबर से 9 अक्टूबर तक राज्यों में पराली जलाने के मामलों के आधार पर रिपोर्ट- बीते वर्ष की तुलना में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने के मामले बढ़े हैं- मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 98.8 कितना है 98.18 प्रतिशत बढ़े पराली जलाने के मामले- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डेटा पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है
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  1. यह भी पढ़ें- पंजाब और हरियाणा में लगातार बढ़ रही पराली जलाने की घटनाएं, 15 दिनों में 322 पराली जलाने की घटनाएं
  2. यह भी पढ़ें- Delhi pollution: छह राज्यों में पराली जलाने की सेटेलाइट से होगी मॉनिटरिंग, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा में पराली (फसलों के अवशेषों) को जलाने का सिलसिला लगातार जारी है. पंजाब, हर‍ियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में प‍िछले साल के मुकाबले केस बढ़ गए हैं. इस मामले में पंजाब और हर‍ियाणा सबसे आगे हैं. 15 स‍ितंबर से 8 अक्टूबर तक पराली जलाने के 1688 केस सामने आए हैं, जबक‍ि 2022 में इसी अवध‍ि में स‍िर्फ 887 मामले थे. केवल हरियाणा और पंजाब की बात करें तो 15 सितंबर से 9 अक्टूबर तक के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में 43 और हरियाणा में 28 प्रतिशत मामले बीते वर्ष की तुलना में बढ़े हैं. सबसे अधिक 98.18 प्रतिशत पराली जलाने के मामले मध्य प्रदेश में बढ़ी है.

केंद्र सरकार पंजाब, हरियाणा, यूपी, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं का सैटेलाइट के जरिए मॉनिटरिंग करवा रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पराली से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कई साल से हो रहे प्रयासों को इस बार बड़ा झटका लगा है. द‍िल्ली को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में घटनाएं बढ़ गई है.

अपने ही दावों पर खरी नहीं उतर पा रही सरकारें : छह राज्यों में परली जलाए जाने पर रोक लगाने व समाधान निकालने को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को सरकार की ओर से एक्शन प्लान भी दिया गया था कई बार बैठकर भी हुई थीं, जिसमें राज्य सरकार की ओर से दावा किया गया था कि इस बार पराली जलाने के मामलों को काम करेंगे. इसके लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे और अन्य समाधान निकलेंगे. लेकिन 15 सितंबर से 9 अक्टूबर 2023 तक के आंकड़े देखें तो सरकारें अपने दावे पर खरी नहीं उतर रही हैं.

पराली को लेकर शुरू हो गई है राजनीति : दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है. दिल्ली में पराली न जलाई जाए इसके लिए खेतों में बायो डीकंपोजर का छिड़काव किया जा रहा है. आम आदमी पार्टी पंजाब में दवा के छिड़काव के साथ पराली को विभिन्न औद्योगिक उपयोग में लाने को कह रही है. इसके आधार पर पार्टी की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस बार पंजाब में 50 प्रतिशत पराली जलाने के मामले कम होंगे. लेकिन आम आदमी पार्टी हरियाणा में भाजपा की सरकार को पराली जलाने पर घर रही है

आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा है कि, "हरियाणा में पराली जलाने के मामले तीन गुना बढ़ गए हैं. हरियाणा की खट्टर सरकार इसे गंभीरता से न लेकर लोगों पर प्रदूषण का संकट खड़ा कर रही है. इतना ही नहीं हरियाणा में प्रणाली के गठन बनाने की मशीनों की खरीदारी में भी घोटाले का आरोप लगाया है."

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15 सितंबर से 9 अक्टूबर तक राज्यों में पराली जलाने के मामलों के आधार पर रिपोर्ट- बीते वर्ष की तुलना में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने के मामले बढ़े हैं- मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 98.8 कितना है 98.18 प्रतिशत बढ़े पराली जलाने के मामले- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डेटा पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है
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  1. यह भी पढ़ें- पंजाब और हरियाणा में लगातार बढ़ रही पराली जलाने की घटनाएं, 15 दिनों में 322 पराली जलाने की घटनाएं
  2. यह भी पढ़ें- Delhi pollution: छह राज्यों में पराली जलाने की सेटेलाइट से होगी मॉनिटरिंग, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
Last Updated : Oct 10, 2023, 1:54 PM IST
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