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20 साल तक बच्चों संग लापता थी महिला, वापस लौटी तो सामने आया दिल दहलाने वाला सच, जानिए क्या है दास्तान - story of widow woman of giridih

गिरिडीह की एक महिला अपने बच्चों के साथ पिछले 20 साल से लापता थी. सालों बाद जव वह अपने बच्चों संग वापस लौटी तो माजरा कुछ और ही निकला. महिला की दास्तान सुन आप भी सिहर उठेंगे. पढ़े पूरी रिपोर्ट bullies captured land of widow woman

bullies captured land of widow woman in giridih
bullies captured land of widow woman in giridih
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 2, 2023, 10:22 AM IST

गिरिडीहः बीस साल से बच्चों संग लापता महिला जब अपने गांव लौटी तो उसे घर के अंदर दाखिल ही होने नहीं दिया गया. आसपास के लोगों की सहायता से वह घर में दाखिल तो हो गई लेकिन उसकी जमीन उसे नहीं मिली. हताश महिला पुलिस के समक्ष गयी और अपनी आपबीती सुनाते हुए प्राथमिकी भी दर्ज कराई. जिसमें महिला ने आठ लोगों नामजद आरोपी बनाया है. मामला देवरी थाना क्षेत्र का है.

ये भी पढ़ेंः 1984 के दंगे ने बदल दी गिरिडीह के शंकर यादव की जिंदगी, करवा दिया श्राद्ध और छिन गया पत्नी का साथ

8 लोगों पर लगया आरोपः महिला ने जिन्हें नामजद आरोपी बनया है, उनमें घोसे के बुल्लू यादव, सरयू यादव, दरोगी यादव, रामचरित्र यादव, कामेश्वर यादव, दुखन यादव, बिहार के जमुई जिले के सोनो गांव निवासी मितन यादव और देवघर जिले के मधुपुर निवासी गोपाल यादव शामिल हैं. देवरी थाना प्रभारी ने मामले की पुष्टि की है. पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.

मां-बेटी को जमुई तो बेटे को मधुपुर में बेचाः विधवा घोसे गांव निवासी अकली देवी है. महिला ने प्राथमिकी में काफी गंभीर आरोप लगया है. महिला ने बीस वर्ष पूर्व की घटना का जिक्र किया है. बताया है कि उसकी शादी महावीर यादव संग हुई थी. कुछ वर्ष बाद महावीर की मौत हो गई. पति के मरते ही नामजद आरोपियों ने एक साजिश रचते हुए उसके हिस्से की जमीन पर कब्जा करने की योजना बनायी. दोनों नाबालिग बच्चों को कब्जे में लेकर बंधक बना लिया. बाद में मुझे और मेरी नाबालिग बेटी का सौदा जमुई के सोनो में तय कर दिया. मैं तैयार नहीं हुई तो मेरे शरीर में आग लगा दी, हालांकि अगल-बगल के लोगों ने उस दिन मुझे बचा लिया, लेकिन इन दबंगों के कारण कहीं से मदद नहीं मिली तो बच्चों के कारण मैं मजबूर हो गई. फिर मुझे और मेरी नाबालिग बेटी को सोनो गांव निवासी मितन यादव से पचास हजार रुपया में बेच दिया गया. जबकि मेरे नाबालिग पुत्र को मधुपुर निवासी गोपाल यादव के पास बेचा गया. इन दोनों स्थानों पर मैं और मेरे दोनों बच्चे दास बनकर रहते रहे. जब मेरे पुत्र को ज्ञान हुआ तो वह किसी तरह गोपाल के चंगुल से मुक्त होते हुए हमें भी मुक्त करवाया.

किसी तरह घर में घुसी लेकिन जमीन नहीं हो सका मुक्तः प्राथमिकी में महिला ने बताया कि 20 साल बाद जब वह अपने गांव लौटी तो पहले उन्हें घर के अंदर दाखिल होने नहीं दिया गया. स्थानीय लोगों की मदद से वह घर में दाखिल तो हो गई लेकिन अब उनके हिस्से की जमीन नहीं दी जा रही है. मांगने पर फिर से जिंदा जलाने की धमकी मिलती है.

अरोप निराधारः दूसरी तरफ इस विषय को लेकर आरोपी रामचरित्र यादव से बात की गई. रामचरित्र ने महिला के लगाए सभी आरोपों को निराधार बताया है. उनका कहना है कि चौबीस वर्ष पहले ही अकली देवी द्वारा जमीन रजिस्ट्री कर दी गई थी, अब गलत आरोप लगा रही है.

गिरिडीहः बीस साल से बच्चों संग लापता महिला जब अपने गांव लौटी तो उसे घर के अंदर दाखिल ही होने नहीं दिया गया. आसपास के लोगों की सहायता से वह घर में दाखिल तो हो गई लेकिन उसकी जमीन उसे नहीं मिली. हताश महिला पुलिस के समक्ष गयी और अपनी आपबीती सुनाते हुए प्राथमिकी भी दर्ज कराई. जिसमें महिला ने आठ लोगों नामजद आरोपी बनाया है. मामला देवरी थाना क्षेत्र का है.

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8 लोगों पर लगया आरोपः महिला ने जिन्हें नामजद आरोपी बनया है, उनमें घोसे के बुल्लू यादव, सरयू यादव, दरोगी यादव, रामचरित्र यादव, कामेश्वर यादव, दुखन यादव, बिहार के जमुई जिले के सोनो गांव निवासी मितन यादव और देवघर जिले के मधुपुर निवासी गोपाल यादव शामिल हैं. देवरी थाना प्रभारी ने मामले की पुष्टि की है. पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.

मां-बेटी को जमुई तो बेटे को मधुपुर में बेचाः विधवा घोसे गांव निवासी अकली देवी है. महिला ने प्राथमिकी में काफी गंभीर आरोप लगया है. महिला ने बीस वर्ष पूर्व की घटना का जिक्र किया है. बताया है कि उसकी शादी महावीर यादव संग हुई थी. कुछ वर्ष बाद महावीर की मौत हो गई. पति के मरते ही नामजद आरोपियों ने एक साजिश रचते हुए उसके हिस्से की जमीन पर कब्जा करने की योजना बनायी. दोनों नाबालिग बच्चों को कब्जे में लेकर बंधक बना लिया. बाद में मुझे और मेरी नाबालिग बेटी का सौदा जमुई के सोनो में तय कर दिया. मैं तैयार नहीं हुई तो मेरे शरीर में आग लगा दी, हालांकि अगल-बगल के लोगों ने उस दिन मुझे बचा लिया, लेकिन इन दबंगों के कारण कहीं से मदद नहीं मिली तो बच्चों के कारण मैं मजबूर हो गई. फिर मुझे और मेरी नाबालिग बेटी को सोनो गांव निवासी मितन यादव से पचास हजार रुपया में बेच दिया गया. जबकि मेरे नाबालिग पुत्र को मधुपुर निवासी गोपाल यादव के पास बेचा गया. इन दोनों स्थानों पर मैं और मेरे दोनों बच्चे दास बनकर रहते रहे. जब मेरे पुत्र को ज्ञान हुआ तो वह किसी तरह गोपाल के चंगुल से मुक्त होते हुए हमें भी मुक्त करवाया.

किसी तरह घर में घुसी लेकिन जमीन नहीं हो सका मुक्तः प्राथमिकी में महिला ने बताया कि 20 साल बाद जब वह अपने गांव लौटी तो पहले उन्हें घर के अंदर दाखिल होने नहीं दिया गया. स्थानीय लोगों की मदद से वह घर में दाखिल तो हो गई लेकिन अब उनके हिस्से की जमीन नहीं दी जा रही है. मांगने पर फिर से जिंदा जलाने की धमकी मिलती है.

अरोप निराधारः दूसरी तरफ इस विषय को लेकर आरोपी रामचरित्र यादव से बात की गई. रामचरित्र ने महिला के लगाए सभी आरोपों को निराधार बताया है. उनका कहना है कि चौबीस वर्ष पहले ही अकली देवी द्वारा जमीन रजिस्ट्री कर दी गई थी, अब गलत आरोप लगा रही है.

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